पहला सवाल तो यही उठता है कि क्या डेली हंट वाले दूसरी वेबसाइट्स की खबरें उड़ाकर अपने लिए खबरें बनवाते हैं? अगर यह है तो बड़ा धतकरम है. उनकी यह चोरी उनके नए फरमान के लीक हो जाने के कारण पकड़ी गई है. इस नए फरमान में डेली हंट की तरफ से अपने पत्रकार कर्मचारियों को कहा गया है कि The print, wire, scroll के आर्टकिल्स से खबर नहीं बनानी है.
Dailyhunt में काम करने वाले सभी पत्रकार इस नए फरमान से अवगत हो चुके हैं और ओके बोल चुके हैं. सवाल ये है कि इन वेबसाइट्स से खबरें बनाने पर क्यों रोक लगी. इसका जवाब वहीं का एक पत्रकार देता है.
डेलीहंट का पत्रकार नाम न छापने की शर्त पर बताता है कि डेली हंट मोदी के खिलाफ खबरें नहीं छापना चाहता इसलिए सत्ता सिस्टम के खिलाफ बेधड़क खबरें चढ़ाने के लिए चर्चित उपरोक्त वेबसाइट्स से आर्टकिल टीपकर अपने यहां नहीं लीपने का आदेश जारी किया है. इससे पहले anti bjp ख़बरों को आगे फॉरवर्ड (पब्लिश) करने पर रोक लगा दी गई थी.
तो सोचिए, ये कितना शर्मनाक कृत्य है. न्यूज एप्प के नाम पर सत्ता की दलाली हो रही है. यहां काम करने वाले ही आपस में पूछते हैं कि ये कैसा app है जो लोगों को सही ख़बरें नहीं देता. जो खबरें छापता कम है, छुपाता ज्यादा है.
ज्ञात हो कि डेली हंट न्यूज एप्प ने हाल में ही बड़े पैमाने पर अपने यहां से छंटनी की है और डेली हंट के यूपी वाट्सअप ग्रुप से बहुत सारे लोगों को रिमूव कर दिया है. डेली हंट ने हाइपर लोकल ख़बरों पर काम शुरू किया था, जिसमें लोकल लेवल की छोटी से छोटी खबरों को लेने का कॉसेप्ट था. लेकिन डेली हंट के मालिकान इन्वेस्टर्स का पैसा लेकर चाइना शिफ्ट हो गए.
सारा पैसा विदेश चला गया. अब इनके पास पैसा खत्म हो गया है. इसलिए नेशनल और स्टेट लेवल की खबरों के नाम पर धीरे धीरे रिपोर्टर्स और स्ट्रिंगर्स को हटा रहे हैं. बाकी जो ख़बरें ले रहे हैं उसमें, पत्रकारों का शोषण कर रहे हैं. ऐसी चर्चा है कि डेली हंट जल्द ही दुकान समेटने की तरफ बढ़ रहा है.
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