गुटखा माफिया जेल जाने से बच न सका

Share the news

कोर्ट ने किशोर वाधवानी को 30 जून तक जेल भेजा
    

इंदौर। सिगरेट-गुटखा व्यवसायी किशोर वाधवानी को 200 करोड़ से ज्यादा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की चोरी सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ़्तारी के बाद सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसियों ने न्यायालय के समक्ष पेश किया। पांच दिवस की पुलिस रिमांड अवधि समाप्त होने पर अदालत ने किशोर वाधवानी को 30 जून तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल जाने के आदेश जारी किए हैं।

विशेष लोक अभियोजक चंदन एरन ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी को 15 जून को मुंबई की एक होटल से जांच एजेंसी डायरेक्टर जनरल ऑफ़ जीएसटी इंटेलीजेंस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद मुंबई की ही एक अदालत से उसको ‘ट्रांजिट’ वारंट पर लेकर जांच एजेंसी उसे इंदौर ले आई थी।

तद्पश्चात यहां की अदालत से उसको रिमांड पर लेकर एजेंसी ने विभिन्न जांच बिन्दुओं पर उससे पूछताछ की हैं। कल रिमांड अवधि समाप्त हो जाने पर उसे अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने की प्रार्थना की थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर उसे जेल भेज दिया हैं।

उधर, किशोर वाधवानी की ओर से पैरवी करने उतरे अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने बताया कि हमने उसके गिरते स्वास्थ्य और उनकी अन्य पुरानी बीमारियों का हवाला देते हुए न्यायालय से उन्हें किसी निजी अस्पातल में डॉक्टरों की देख रेख में रखे जाने की प्रार्थना की थी। इस पर अदालत में उसकी मेडिकल जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मेडिकल जांच रिपोर्ट में उसका स्वास्थ्य सामान्य पाए जाने पर अदालत ने उनकी अर्जी को नामंजूर कर दिया। लिहाजा वाधवानी को जेल भेज दिया गया है।

यहां अदालत के समक्ष डीजीजीआई का पक्ष रख रहे विशेष लोक अभियोजक एरन के मुताबिक इससे पहले डीजीजीआई ने एक गुप्त सूचना पर ऑपरेशन कर्क प्रारम्भ किया था। इसी के तहत 3 जून को गुटखा व्यवसाई संजय माटा को गिरफ्तार किया था। इस बीच 3 जून से 10 जून के भीतर रिमांड पर रहे संजय माटा ने विजय कुमार नायर, अशोक कुमार डागा और अमित कुमार बोथरा का नाम कबूल करते हुए लॉकडाउन अवधि में प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों का उत्पादन, विक्रय और परिवहन करना कबूल किया था।

इस पर 13 जून को इन तीनों आरोपियों को भी एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था। विजय कुमार नायर ने ही 13 जून से 16 जून के बीच रिमांड पर रहते हुए पूछताछ में इस पूरे गोरख धंधे का सरगना के तौर पर किशोर वाधवानी का नाम कबूल किया है। उसको छोड़ अन्य चारों आरोपी भी फ़िलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया आरोपी से रिमांड अवधि में जांच एजेंसियों ने कड़ी पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने का दावा किया है। अब तक की पूछताछ में आरोपियों से दो सौ करोड़ की कर चोरी प्रकाश में आने का भी जांच एजेंसीयों ने दावा किया है।

इससे पहले कल सुबह जांच एजेंसी ने इसी मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति कर आरोपियों के द्वारा कर अपवंचन की राशि विदेशों में निवेश करना, कागजों पर कई अन्य लोगों के नाम से कंपनियां बनाकर काले धन को सफेद धन में तब्दील करने जैसे तथ्य प्रारभिक जांच में प्रकाश में आने का दावा किया। जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी हुई है।

भड़ास व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन करें- BWG9

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *