मनीष दुबे-
टीवी टुडे समूह का डिजिटल वेंचर लल्लनटाप चुनावी यात्रा पर है. इसी चुनावी यात्रा के सिलसिले में मध्य प्रदेश पहुंचे लल्लनटाप के संपादक सौरभ द्विवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस वीडियो में ऐसा क्या है जो विपक्ष समेत कुछ पत्रकार भी ईश्वर से लल्लनटॉप और उससे बात करते लड़कों को सद्बुद्धि देने की इच्छा जता रहे हैं.
लल्लनटाप का यह वीडियो जो भी समक्षदार व्यक्ति देख रहा है वह सबसे पहला सवाल खुद में यही कर रहा कि लल्लनटाप वाले किसी से खोदकर ऐसे सवाल पूछते ही क्यों हैं, जो विवाद पैदा कर दे. अब, जाहिर सी बात है कि ये सब टीआरपी बटोरने के लिए होता है, बशर्ते इसे तमाम वे लोग जो तकनीक से वास्ता नहीं रखते समझ नहीं पाते. जिसके परिणाम स्वरूप सुनी सुनाई फेक बातों पर विश्वास करने लगते हैं. पत्रकारिता की इस कला को दशकों से पीत पत्रकारिता के तौर पर नवाजा जाता रहा हैं. जिसे आज का गोदी मीडिया ढ़ो रहा है.
क्या है वीडियो में?
वीडियो में संपादक सौरभ द्विवेदी सामने खड़ी युवाओं की टोली से मुखातिब हो रहे हैं. उन्होंने गांधी पर सवाल दागा कि, गोडसे ने गांधी को मारा सही किया या गलत किया? सामने खड़ा लड़का तपाक से कहता है..सही किया! कैसे? सौरभ ने पूछा, जिसका लड़के ने जवाब दिया कि गांधी नफरत फैलाते थे. उनने हमारे देश का बंटवारा कराया था. लड़के ने यह भी कहा कि वह गोड्से का समर्थक है.
इसके बाद सौरभ आगे बढ़ते हैं तो पास खड़े एक दूसरे लड़के ने कहा कि गांधी के पीछे दो लड़कियां चलती थीं. सौरभ पूछते हैं, ये कहां पता चला तो उसका जवाब आता है, व्हाट्सएप्प से. माहौल में ठहाके गूंज जाते हैं.
किसने क्या लिखा?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, ‘ग़ुस्सा नहीं इन जैसों पर तरस आता है मुझे. इंसान कहलाने लायक़ नहीं हैं – whatsapp यूनिवर्सिटी के स्नातक. यह क्या बेटे, क्या भाई, क्या पति, क्या पिता बनेंगे. मोदी और भाजपा की नफ़रत ने एक नस्ल को बर्बाद कर दिया है.’
वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी, सुप्रिया की पोस्ट रिट्वीट करते हुए लिखते हैं, ‘लल्लनटाप को सद् बुद्धि मिले…ये सब दिखाकर लोकप्रिय ना बने…और आप भी इसे ट्विट ना करे…ये अपनी समझ के दायरे में हीरो हो जाते है!’ इसके अलावा और भी लोग तमाम तरह के कमेंट कर रहे हैं, आप लल्लनटॉप के एक्स हैंडल पर झांक आइये.