लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने अपने पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ गाजियाबाद की एक महिला द्वारा बलात्कार का एफआईआर लिखवाने में बड़े पुलिस अफसरों की साफ़ मिलीभगत का आरोप लगाया है। कहा है कि डीजीपी, डीआईजी और एसएसपी की यह असामान्य तत्परता और पुलिस द्वारा इस तरह फूहड़ तरीके से धारा 420 लगाना इस मामले में भारी ऊपरी दवाब को पूरी तरह स्थापित करता है।
उन्होंने कहा है कि इस मामले में कथित बलात्कार पीड़िता 11 जुलाई की शाम सीधे डीजीपी जगमोहन यादव के पास पहुंची, जहां से उन्हें तत्काल डीआईजी आरके चतुर्वेदी के पास भेजा गया। उन्होंने उसी तारीख को एसएसपी लखनऊ को प्रार्थनापत्र पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। वहां से प्रार्थनापत्र तत्काल एसएसपी के पास पहुंचा, जिन्होंने एसओ गोमतीनगर को एफआईआर के आदेश दिए।
नूतन के मुताबिक प्रार्थनापत्र उसी रात थाने पहुंच गया और रात 10.20 बजे एफआईआर दर्ज हो गया, जिसमें धारा 420 आईपीसी भी डाल दिया गया। जबकि यह सर्वविदित है कि यह अपराध संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की ठगी से संबंधित है, न कि बलात्कार से।