एक मलयालम फिल्ममेकर अली अकबर ने दावा किया है कि मदरसे में तालीम हासिल करने के दौरान उस्ताद ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। उन्होंने बताया कि जब वह चौथी जमात में थे तब उस्ताद ने उनके साथ अप्राकृतिक सेक्स किया। अली अकबर ने यह भी बताया कि उस्ताद ने सिर्फ उन्हीं के साथ ऐसा नहीं किया बल्कि क्लास के सभी छात्रों का यौनशोषण किया था।
डायरेक्टर ने बताया, ”वो मदरसा कांथापुरम मुसलियार की ओर से ही चलाया जाता था। अगर वे इस मामले में दखल देने को राजी हैं, तो मैं उस उस्ताद से जुड़ी जानकारियां देने के लिए तैयार हूं।” अकबर के मुताबिक, घटना के बाद वे कभी मदरसे नहीं गए। उन्होंने कहा, ”70 के दशक के शुरुआती दिनों में हुई उस घटना ने मुझे सालों तक डर के साए में रखा। इसके बाद, मैंने अपने बच्चों को कभी भी मदरसे में तालीम के लिए न भेजने का फैसला किया।”
अकबर ने बताया कि मदरसों में मुस्लिम स्टूडेंट्स को छोटी उम्र में समलैंगिकता अपनाने के लिए उस्तादों की ओर से जोर जबरदस्ती की जाती थी। उन्होंने कहा, ”उस्ताद से इस तरह के अनुभव पाने के बाद बहुत सारे स्टूडेंट्स क्लास के दूसरे बच्चों का उत्पीड़न शुरू कर देते थे। मैंने भी इस तरह के हालात सहे हैं।”
इससे पहले, मुस्लिम महिला जर्नलिस्ट वी पी राजीना ने भी खुलासा किया था कि उनके बचपन में किस तरह मदरसे के उस्ताद लड़के और लड़कियों का यौन शोषण करते थे। जर्नलिस्ट के इस दावे को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। महिला जर्नलिस्ट के दावों के बाद से ही मदरसों में बच्चों की जिंदगी पर बहस शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं। बहुत सारे लोग सामने आए हैं, जिन्होंने बताया कि मदरसों में उनका कैसे शोषण हुआ। हालांकि, केरल के प्रभावशाली सुन्नी लीडर कांथापुरम अबू बकर मुसलियार ने जर्नलिस्ट के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि राज्य के मदरसों में किसी तरह का यौन उत्पीड़न नहीं होता। मुसलियार वहीं शख्स हैं, जिन्होंने कहा था कि औरत और मर्द को बराबरी का हक देना इस्लाम के खिलाफ है।