योगी सरकार में पत्रकारों की निष्पक्ष लेखनी की आजादी छीनने का काम कर रहे जिला प्रशासन के अधिकारी, महोबा महोत्सव की खाली कुर्सियां और दुकानदारों की पीड़ा दिखाने पर जिला प्रशासन ने लिखा बिहारीलाल गाडगे के ऊपर मुकदमा
महोबा महोत्सव में हुए खर्च की निष्पक्ष तरीके से जांच कराने के लिए लिखा बिहारीलाल गाडगे ने मुख्यमंत्री को पत्र, योगी सरकार की निष्पक्ष छवि को धूमल करने में लगे जिले के अधिकारी
निष्पक्ष खबर को तोड़-मरोड़ कर पेश कर लिख दिया चार धाराओं में मुकदमा, चाटुकार पत्रकारों की जी हुजूरी से खुश रहते हैं जिला प्रशासन के आला अधिकारी, जिले में भ्रष्ट अधिकारी खाने और खुजाने का खेल चला रहे हैं
बुंदेलखंड के महोबा जिले में 11 फरवरी से 17 फरवरी तक महोबा महोत्सव कीरत सागर के तट पर जिला प्रशासन की देखरेख में कराया गया. प्रशासन द्वारा सही ढंग से महोबा महोत्सव का प्रचार प्रसार ना कराने से आम जनमानस में महोबा महोत्सव को लेकर ज्यादा रुचि देखने को नहीं मिली.
दुकानदारों की बात करें तो कार्यक्रम के 2 दिन बाद 2 से 4 दुकानदारों द्वारा कीरत सागर तट में दुकान लगाई गई थी लेकिन जनमानस के न पहुंचने से दुकानों का रंग फीका रहा और उचित मात्रा में बिक्री नहीं हुई जिससे दुकानदार मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते दिखे.
दुकानदारों ने भी नागरिकों के महोबा महोत्सव में ना पहुंचने की बात कही. उसी को लेकर बिहारी लाल गाडगे ने समाचार पत्र में खबर लिखकर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. लेकिन समाचार पत्र पर खबर प्रकाशित देख जिले के आला अधिकारी पूरी तरह बौखला गए और सच्चाई को बर्दाश्त नहीं कर पाए.
दलित पत्रकार के ऊपर झूठा मुकदमा प्रशासन ने कुछ चाटुकार पत्रकारों की सलाह पर लिख दिया है.