Vikas Mishra : जो काम बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मोहन भागवत ने किया था। वही काम अब मनमोहन वैद्य ने कर दिखाया। बिहार चुनावों से ठीक पहले मोहन भागवत ने आरक्षण के खिलाफ बयान देकर बीजेपी का बेड़ा गर्क कर दिया था। लालू यादव ने भागवत के बयान को चुनावों में खूब भुनाया और बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी। अब उसी तर्ज पर जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में संघ के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने आरक्षण के खिलाफ आवाज उठा दी। उन्होंने हालांकि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का हवाला दिया, लेकिन बात तो आरक्षण के खिलाफ ही की। इसके साथ ही बैठे-ठाले नई मुसीबत बीजेपी के गले पड़ गई। अब उत्तर प्रदेश में आरएसएस के इस सेल्फ गोल से बीजेपी कैसे उबरेगी..?
Dayanand Pandey : भाजपा अब चाहे जितने शीर्षासन कर ले उत्तर प्रदेश का सत्ता ही नहीं चुनाव भी उस के हाथ से फिसल गया है। आरक्षण विरोध की चिंगारी से बिहार खा गए थे संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश खा गए संघ प्रवक्ता मनमोहन वैद्य। अखिलेश मायावती को पहले ही वाक ओवर दे चुके थे, अब संघ ने मायावती को राजपथ खुल्लमखुल्ला दे दिया है। नरेंद्र मोदी निश्चित रुप से संघ को किसी मुद्दे पर बहुत ज़्यादा नाराज कर चुके हैं, जिस का बदला संघ उन से इस तरह से चुका रहा है और निरंतर।
Virendra Yadav : आरक्षण संबंधी आरएसएस के मनमोहन वैद्य के बयान से भाजपा को उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई नुकसान नहीं होने वाला है. कारण यह कि जो सवर्ण ज़ाति के वोट सपा और बसपा को मिल सकते थे वे भी अब भाजपा को मिलेंगे क्योंकि इन जातियों में आरक्षण का विरोध एक बडा मुद्दा है. मनमोहन वैद्य के बयान ने सवर्ण जातियों को यह आश्वस्ति दी है कि भाजपा ही उनकी स्वाभाविक पार्टी है. बिहार में भी सवर्ण मत का ध्रुवीकरण भाजपा के ही पक्ष में हुआ था. लेकिन नितीश-लालू के गठबंधन ने उसे निष्प्रभावी कर दिया. उप्र में सपा और बसपा के अलग होने के कारण सवर्ण मतों का ध्रुवीकरण भाजपा को लाभ पहुचायेगा.
Dilip Mandal : मनमोहन वैद्य से ठीक पहले उनके पापा एम. जी. वैद्य RSS के प्रवक्ता थे। RSS ने 1925 में स्थापना के बाद से आज तक यह पद किसी नीच अब्राह्मण को नहीं दिया। एक जाति का 100% आरक्षण। पहले यह आरक्षण ख़त्म हो। बाबा साहेब का पूरा लेखन और भाषण ऑनलाइन है। किताबों में भी है। RSS कह रहा है कि बाबा साहेब ने नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की समय सीमा तय की थी। RSS झूठ बोल रहा है। वह भी इंटरनेट के ज़माने में। कहाँ कहा है महाराज? किस पेज पर? किस वॉल्यूम में? इंटरनेट के ज़माने में झूठ बोलते हो! शर्म आनी चाहिए।
पत्रकार विकास मिश्र, दयानंद पांडेय, वीरेद्र यादव और दिलीप मंडल की एफबी वॉल से.