मीडिया वाली कुछ लड़कियां इन दिनों चर्चा में हैं. ये निहित स्वार्थ के चलते पहले कंप्लेन लिखाती हैं जिसमें छेड़छाड़ जैसे आरोप लगा देती हैं. उसके तुरंत बाद वे या तो कंप्लेन लेटर वापस ले लेती हैं या लिखकर दे देती हैं कि उन्हें किसी ने बरगला कर कंप्लेन लेटर लिखवाया था. कुछ मामलों में वे जिन पर आरोप लगाती हैं, उससे ही पुलिस के सामने थाने में समझौता कर लेती हैं और उचित मुआवजा हासिल कर लेती हैं.
अब बात साफ शब्दों में की जाए. नेशनल वायस चैनल में काम करने वाली एक लड़की ने लिखित आरोप लगाया कि उसकी सेलरी नहीं दी गई है और चैनल चलाने वालों ने उसके साथ छेड़छाड़ की. इसके बाद इसी लड़की ने एक अन्य लेटर लिखकर दे दिया कि उसे किसी ने बरगला कर शिकायती पत्र लिखवाया है इसलिए पहले वाले पत्र का संज्ञान न लिया जाए.


ऐसा ही एक मामला हाल में ही लांच हुए एक वेब न्यूज चैनल का है. यहां कार्यरत रही एक लड़की ने चैनल संचालक पर दोस्ती करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. वह प्रमाण में न तो कोई मैसेज दिखा पाई और न कोई काल रिकार्डिंग. उसने घटना भी पिछले साल मार्च का बताया. यह सब कुछ आरोप उसने तब लगाया जब उसके कामकाज को लेकर प्रबंधन ने उसे वार्निंग दी, फिर जॉब से हटा दिया.
इस लड़की ने थाने में पच्चीस हजार रुपये लिए और मामला खत्म करा दिया. अब जिन पर आरोप लगाया गया था, उन्होंने इस लड़की और उसके प्रेमी के खिलाफ ब्लैकमेल करने समेत कई आरोप लगाते हुए थाने में कंप्लेन दी है.