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सियासत

मोदीजी की विफलताओं में एक इसे भी जोड़ लीजिए, 400 मिलियन डालर पानी में बह गया!

सत्येंद्र पीएस-

नरेंद्र मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलताओं में एक यह भी जुड़ गई। ओएनजीसी की इकाई ओएनजीसी विदेश ने फारस की खाड़ी में 23 लाख करोड़ घन फुट गैस का भंडार 18 अगस्त 2008 में खोजा। यह ईरान के अधिकार क्षेत्र में है और भारत को इसे विकसित करने का काम करना था।

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इस बीच नवम्बर 2012 में अमेरिका ने ईरान पर तमाम प्रतिबंध लगा दिया। और भारत ईरान समझौता ठहर गया। ईरान से इस मसले पर अप्रैल 2015 में नए सिरे से बात शुरू हुई। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया क्योंकि अमेरिका ने नवम्बर 2018 में ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिया।
अब ईरान ने अपनी एक स्थानीय कम्पनी को यह फरजाद बी गैस क्षेत्र विकसित करने का ठेका दे दिया।

भारत की सरकारी तेल कम्पनियों की 2002 से लेकर 2012 तक की गई सारी मेहनत बेकार गई। इस परियोजना पर 400 मिलियन डॉलर किया गया खर्च समुद्र के खारे पानी में बह गया।

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अब मोदी जी आराम से ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, और ऑयल इंडिया को यह कहकर बेच सकते हैं कि धंधा करना सरकार का काम नहीं है, सरकारी कर्मचारी निकम्मे होते हैं।

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