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सियासत

सुंजवां सैनिक अड्डे पर हमला मोदी सरकार के मुंह पर करारे तमाचे हैं : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

इस आतंकी हमले का अर्थ क्या है? जम्मू के सुंजवां सैनिक अड्डे पर आतंकवादियों ने फिर हमला कर दिया। 5 भारतीय जवान शहीद हो गए और अन्य पांच-छह लोग घायल हो गए। यह हमला पाकिस्तान के आतंकवादियों ने ही किया है, ऐसा जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक का दावा है। यह हमला अफजल गुरु और मकबूल बट को हुई फांसी के दिन किया गया है। इसी अड्डे पर 2003 में भी हमला हो चुका है। तब 12 जवान मारे गए थे।

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इस आतंकी हमले का अर्थ क्या है? जम्मू के सुंजवां सैनिक अड्डे पर आतंकवादियों ने फिर हमला कर दिया। 5 भारतीय जवान शहीद हो गए और अन्य पांच-छह लोग घायल हो गए। यह हमला पाकिस्तान के आतंकवादियों ने ही किया है, ऐसा जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक का दावा है। यह हमला अफजल गुरु और मकबूल बट को हुई फांसी के दिन किया गया है। इसी अड्डे पर 2003 में भी हमला हो चुका है। तब 12 जवान मारे गए थे।

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इसी तरह के हमले पठानकोट, उड़ी और नगरोटा के सैनिक अड्डों पर 2016 में हुए थे। सुंजवां के हमले की आशंका हमारे गुप्तचर विभाग ने फौज को पहले से बता रखी थी और पश्चिमी कमांड के ले.ज. सुरेंद्र सिंह 8-9 फरवरी को इस इलाके का मुआइना करने भी गए थे। इस तरह के हमलों का बार-बार होना क्या इस बात का प्रमाण नहीं है कि हमारा बंदोबस्त बिल्कुल लचर-पचर है।

हमलावरों ने सुंजवां में भी वही तौर-तरीके अपनाए, जो उन्होंने पिछले हमलों में अपनाए थे। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारे लोग पिछली घटनाओं से कोई सबक नहीं सीखते। इसके अलावा हमारी सरकार के मुंह पर ये हमले करारे तमाचे हैं। हमारे प्रधानमंत्री देश को यह कहकर भरमाते रहे कि हमने पाकिस्तान की सीमा में जाकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है लेकिन यदि वह की होती तो पिछले एक साल में क्या 406 बार हमारी सीमा का उल्लंघन होता? वह सर्जिकल नहीं फर्जीकल स्ट्राइक थी, यह सिद्ध होता है, हमारे सैनिक अड्डों पर होनेवाले हमलों से!

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सरकार का यह दावा भी हास्यास्पद सिद्ध हो रहा है कि आतंकवाद और बातचीत, साथ-साथ नहीं चल सकते। दोनों चल रहे हैं और आराम से चल रहे हैं। हमारे सैनिक अड्डों पर होनेवाले हमले कश्मीर में भारत-विरोधियों की हौसला-आफजाई करते हैं। वे विधानसभा में बैठकर भारत-विरोधी नारे लगाते हैं। हमारे सरकारी नेता सिर्फ बयानबाजी करके खुश हो लेते हैं।

लेखक डॉ. वेदप्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं.

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