देश के कई बड़े संस्थानों में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण की घटनाएं दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं। सबसे खतरनाक और दुखद है, ऐसे मामलों में पीडि़ता को न्याय न के बराबर मिलता है। इससे इन संस्थानों में यौन शोषकों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। यहां तक कि महिलाओं के हितों की रक्षा करने वाला राष्ट्रीय महिला आयेाग या प्रदेश महिला आयोग का रुख भी बहुत ही नकारात्मक है। पुलिस की तरह वहां भी एक तरह से पीडि़ता को जलील होना पड़ता है।
वैसे तो सैकड़ों उदाहरण दिए जा सकते हैं लेकिन हाल की दो घटनाओं का जिक्र जरूरी है। दोनों घटनाएं दुर्भाग्यवश प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के चहेते पत्रकारों से जुड़ी हैं। इसलिए भी चर्चा है कि कहीं कुछ इन आररोपियों के खिलाफ नहीं हेा रहा है। दैनिक जागरण के एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ संसद मार्ग थाना में महीनों से एक महिला कर्मचारी की तहरीर पड़ी हुई है। कई बार रिमांडर देने के बाद भी इसके एफआई आर में तब्दील नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस इसका क्या जवाब देगी । आम जनता के साथ सदैव साथ रहने वाली , महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाखों खार्च करने वाली सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है। कम से कम आरेापों की जांच के लिए एफ आई आर तो होनी ही चाहिए थी। अब हालत यह है सरकार, पुलिस और महिला आयेाग कहीं से मदद नहीं मिलने के कारण आरोपी का मन बढ़ गया है। खबर है कि कल इस महिला कर्मचारी को नोएडा बुलाकर जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर काराने की कोशिश की गई ।
एक मामला इंडिया टीवी का है । यह बहुत ही चर्चित मामला रहा लेकिन आयोग की कार्यवाही और कार्रवाई से ऐसा लगता है कि पीड़िता को संरक्षण देने के बजाय उसे ही प्रताड़ित किया जा रहा है। कहने की जरूरत नहीं इंडिया टीवी के मालिक प्रधानमंत्री के कितने अच्छे दोस्त हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि सरकार इन संस्थानों में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत आज तक इंटरनल कम्प्लेन कमिटी (आईसीसी) का गठन क्यों नहीं करवा पा रही है। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी विशाखा गाइडलाइन का भी कहीं पालन नहीं हो रहा है। इसके बाद ही यह कानून लाया गया। इसमें आईसीसी का गठन न करने वाली संस्थाओं के खिलाफ आर्थिक दंड लगाने का भी प्रावधान है। हम देश के तमाम लोगों, महिला संस्थाओं, राजनैतिक पार्टियों और संबंधित सरकारों और मंत्रालयों से यह अपील करते हैं कि सभी मीडिया संस्थानों में जल्द से जल्द आईसीसी का गठन हो, इसके लिए वे दबाव बनांए।
मजीठिया मंच एफबी वॉल से