जि‍न हालातों में इस वक्‍त देश भर के भाषाई पत्रकार हैं, अगर वह भ्रष्‍ट नहीं हैं तो वह अधर्मी हैं!

Rohini Gupte : मेरे एक मि‍त्र सहारनपुर में पत्रकार हुए। सहारनपुर के नहीं थे, मगर नौकरी खींच ले गई। तनख्‍वाह तय हुई साढ़े पांच हजार रुपए महीना, साढ़े तीन सौ रुपए मोबाइल और साढ़े छह सौ रुपए पेट्रोल। मित्र महोदय खुश कि चलो फ्रीलांसि‍ंग से तो पांच हजार का भी जुगाड़ नहीं हो पाता था, यहां कम से कम साढ़े छह मिलेंगे। दि‍ल्‍ली से घर बार बीवी लेकर सहारनपुर पहुंचे और ढाई हजार रुपए में एक कमरा कि‍राए पर लि‍या। आठ दस साल पहले की बात है, ‘सस्‍ते’ का जमाना था। साथ में एक साथी पत्रकार काम करते थे, जि‍नका सहारनपुर में ही गांव था। वो गांव से आने वाली आलू प्‍याज में एक हि‍स्‍सा इन्‍हें भी देते, सो बेसि‍क सब्‍जी का भी खर्च कम हो गया। फि‍र भी बचते बचते महीने की बीस तारीख तक वो पैसे खत्‍म हो जाते, जो लाला हर महीने सात दि‍न देर से देता।

पत्रकारों की उम्र 55 साल होने पर सरकारें इन्हें सत्ता में एडजस्ट करें!

वर्तमान में पत्रकारिता की जो दशा है, उस हिसाब से सरकार को एक उम्र के बाद हर पत्रकार को शासन में एडजस्ट करना चाहिए। दरअसल, आज पत्रकारिता की राह में अनेक बाधाएं आ चुकी हैं। काम का बोझ, तनाव, समस्याएं, अपर्याप्त वेतन तो है ही इसके ऊपर हर वक्त सिर पर नौकरी जाने का खतरा मंडराता रहता है। मुख्य धारा का एक पत्रकार अपने जीवन में इतना परिश्रम और तनाव झेल जाता है कि 50-55 की उम्र के बाद वह किसी काम का नहीं रह जाता है। शायद यही कारण है कि इस उम्र के बाद आज अनेक पत्रकार अपनी लाइन बदलने का असफल प्रयास करते हैं।

रवीश के इस प्राइम टाइम शो को हम सभी पत्रकारों को देखना चाहिए

एनडीटीवी इंडिया पर कल रात नौ बजे प्राइम टाइम शो के दौरान रवीश कुमार ने पत्रकारों की विश्वसनीयता को लेकर एक परिचर्चा आयोजित की. इस शो में पत्रकार राजेश प्रियदर्शी और प्रकाश के रे के साथ रवीश ने मीडिया और पत्रकार पर जमकर चर्चा की.

पत्रकार बंधु जान लें.. आपकी छुट्टी और ड्यूटी टाइम क्या होनी चाहिए

शशिकांत सिंह

कल एक मराठी दैनिक के पत्रकार भाई का फोन आया। उन्होंने बताया प्रबंधन उनसे 9 घंटे ड्यूटी कराता है। क्या करना चाहिए। ऐसे तमाम सवाल पूछे जाते हैं। कुछ के जवाब तुरंत देता हूँ लेकिन कुछ के लिए डॉटा खोजना पड़ता है। दोस्तों आपको बता दें कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट का चैप्टर 3 साफ़ कहता है कि दिन में 6 घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं ली जा सकती और चार घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता। दूसरी चीज, चार घंटे के बाद कर्मचारी को 30 मिनट का रेस्ट मिलना चाहिए।

Joint Statement by Journalists’ Bodies Condemning I&B Ministry Show Cause Notice to TV Channels

The Press Club of India, Indian Women’s Press Corps, Mumbai Press Club, Guwahati Press Club, Brihadmumbai Union of Journalists and Delhi Union of  Journalists condemn the government’s attempt to intimidate the media by issuing show-cause notices to three leading TV channels, ABP News, NDTV 24×7 and Aaj Tak, for their coverage of Yakub Memon’s hanging. 

पत्रकारों के लिए ipolicy वर्कशॉप, चार से छह सितंबर तक

सेंटर फार सिविल सोसायटी (सीसीएस), एटलस नेटवर्क व फ्रेडरिक न्यूमन फाऊंडेशन (एफएनएफ) के संयुक्त तत्वावधान में आजादी.मी लेकर आए हैं पत्रकारों के लिए ipolicy (लोकनीति में सर्टिफिकेट) कार्यक्रम। 4-6 सितंबर, 2015 तक चलने वाली इस कार्यशाला में प्रस्तुति का माध्यम हिंदी होगी। इस कार्यशाला में आवेदन के लिए सभी भाषाओं (हिंदी, ऊर्दू, अंग्रेजी इत्यादि) के सभी माध्यमों (टीवी, रेडियो, समाचार पत्र, पत्रिकाओं इत्यादि) में कार्यरत श्रमजीवी पत्रकार (स्थायी/अस्थायी) स्वीकार्य हैं। 

दगाबाज भास्कर : मीडिया कर्मियों को बनाया ‘एमपी प्रिंटर’ का ‘सीनियर मैनेजमेंट एसोसिएट’

दैनिक भास्कर ने अपने सभी कर्मचारियों को ऐसा धोखा दिया है,जिसे वे अब तक नहीं समझ पाए थे। इन्क्रीमेंट के नाम पर उन्हें जो लेटर दिया गया है, उसके माध्यम से उन्हें ठेकेदारी के तहत ‘एमपी प्रिंटर’ कंपनी का ‘सीनियर मैनेजमेंट एसोसिएट’ कर्मचारी घोषित कर दिया गया है। इस खुली धोखाधड़ी से कर्मचारियों में भारी रोष है।

मुंबई के बीयर बारों के नाश के लिए लड़ाई में उतरे एकजुट पत्रकार, सीएम फडणवीस ने दिया जांच का आदेश

मुंबई (महाराष्ट्र) : मीरा भाईंदर में पत्रकार राघवेंद्र दूबे की हत्या के प्रकरण को पत्रकारों के मुखपत्र भड़ास4 मीडिया में जगह देने के लिए आभार जताते हुए पत्रकार भरत मिश्रा ने बताया है कि इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने अधिनस्थ प्रशासनिक उच्च-अधिकारियों को जांच के लिए सौंप दिया है. अफसोस है की स्थानीय मीरा भाईंदर महानगर पालिकe अब भी अवैध बीयर बार पर कारवाई नहीं कर रही । उल्टे मनपा में बने पत्रकार कक्ष को ही ताला जड़ने की मंगलवार को कोशिश की गई, जिससे पत्रकार की आवाज़ दब जाए. 

मान्यताप्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव टालने पर राजधानी के पत्रकारों का गुस्सा फूटा, शासन और सरकार को नोटिस देंगे

लखनऊ : सिर्फ एक साल के गठित उत्तर प्रदेश मान्यताप्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव पिछले तीन सालों से मनमाना तरीके से संगठन के पदाधिकारियों द्वारा ही लगातार टाले से राजधानी के वरिष्ठ पत्रकारों में भारी रोष है। एनेक्सी मीडिया सेंटर में इस संबंध में हुई एक बैठक पत्रकारों ने तय किया कि इसके खिलाफ मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रमुख सचिव सूचना, प्रमुख सचिव विधानसभा आदि को लिखित नोटिस देकर पूछा जाएगा कि क्या किसी कार्यकारिणी को स्वतः अपना कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार है। यदि नहीं तो क्यों न कार्यकारिणी को निष्क्रिय मानते हुए उनके पदाधिकारियों को किसी भी सरकारी कांफ्रेस अथवा प्रोग्राम में अधिकृत तरीके से न बुलाया जाए। गौरतलब है कि हेमंत तिवारी समिति के प्रदेश अध्यक्ष एवं सिद्धार्थ कलहंस सचिव हैं।

   

पत्रकार राघवेंद्र दुबे की हत्या से गुस्से की लहर, पुलिस के सामने मरवा दिया बार माफिया ने

मुंबई : देश के दुख के साथ महाराष्ट्र के मीरा-भाईंदर के पत्रकारों का दुख भी जुड़ गया है. उनका मन क्षुब्ध है, आक्रोशित हैं और शब्द बिखरे से हैं. एक पत्रकार की जघन्य हत्या कर दी गई है जबकि दो पत्रकार अस्पताल में गंभीर घायलावस्था में हैं. शेष मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सब कुछ बयान कर देता है। 

मजीठिया : अखबार मालिकों से अपना हक मांगें, झारखंड में भी पत्रकारों के लिए विज्ञापन प्रकाशित

झारखंड : इस समय देश के विभिन्न राज्यों में मजीठिया वेतनमान के संबंध में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत श्रम विभाग अखबारों की वैतनिक हकीकत खंगालने में जुटा हुआ है। इसके लिए सीधे कोर्ट ने राज्य सरकारों को कड़े निर्देश जारी कर रखे हैं। इसके तहत झारखंड में भी अखबार के जिन साथियों का मजीठिया वेज बोर्ड के तहत पैसा बकाया है, अखबार मालिकों से उसकी वसूली के लिए वे झारखंड सरकार के पास आवेदन कर सकते हैं। सरकार की ओर से इसका विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया है।

‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ बनाने पर विचार करेगी महाराष्ट्र सरकार, सीएम का आश्वासन

महाराष्ट्र में मिडिया पर बढ़ते हमले से  संतप्त प्रत्रकारों ने समूचे राज्य में  घंटानाद आंदोलन किया और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील तथा धनजंय मुंडे को 15, 000 एसएमएस भेजकर अपना आक्रोश प्रकट किया. भेजे गये सभी एसएमएस में ‘वुई वाँन्ट प्रेस प्रोटेक्शन ऍक्ट’ की मांग की गई . दिनभर आने वाले एसएमएस से मोबाईल जॅाम हो गये थे, यह जानकरी सीएम तथा विपक्ष के नेताओं ने मंत्रालया वार्ताहर संग के एक कार्यक्रम में दी.

मांगपत्र सौंपते महाराष्ट्र के आंदोलनकारी पत्रकार

मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति की मीटिंग में खूब लंबी-लंबी छोड़ गए वक्ता-प्रशासक

 अलीगढ़ : पिछले दिनो यहां जिलाधिकारी ने मान्यता प्राप्त पत्रकार स्थायी समिति की मीटिंग ली, जिसमें केवल न्यूज चैनलों के कुछ पत्रकार और जागरण के नवीन सिंह (उर्फ नवीन पटेल) पहुंचे। अमर उजाला, हिंदुस्तान से कोई पत्रकार शामिल नहीं हुआ। ऐसी स्थायी पत्रकार समिति की मीटिंग का क्या औचित्य रहा होगा, ये तो वही जानें, जो बैठक में लंबी लंबी छोड़ रहे थे और वे भी, जो उन्हें टुकर-टुकर ताक-सुन रहे थे।  

होश में आओ मीडिया घरानो, आग लग चुकी है!

लगता है, जिस वक्त की पिछले ढाई दशक से ईमानदार पत्रकारों, जुझारू मीडिया कर्मियों, जनपक्षधर संगठनों को बेसब्री से प्रतीक्षा थी, वह करीब आ रहा है। बात राष्ट्रीय सहारा की हो या दैनिक जागरण की, अब पेड न्यूज के पापियों, लाल कारपेट पर वारांगनाओं के डांस करा रहे सफेदपोश मीडिया धंधेबाजों से हिसाब-किताब बराबर करने का दौर धीरे-धीरे अंगड़ाई ले रहा है। 

दिल्ली में पत्रकारों ने बिगुल बजाया, पैदल मार्च, पुलिस बल प्रयोग, केंद्र को 15 दिन का अल्टीमेटम

 देश भर में हो रहे पत्रकार उत्पीड़न और पत्रकारों की हत्याओं के विरोध में एनसीआर पत्रकार संघर्ष समिति ने बुधवार को नोएडा से दिल्ली तक पैदल मार्च निकाल कर विरोध जताया। नोएडा से पैदल दिल्ली पहुंचे सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने तिलक ब्रिज के पास रोक लिया और बल प्रयोग करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में जंतर मंतर पर ले जाकर मुक्त किया। वहीं पर दिल्ली पुलिस के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। 

नोएडा से दिल्ली पैदल मार्च पर निकले पत्रकार

पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के विरोध में नोएडा से दिल्ली तक पैदल मार्च, पुलिस ने रोका, सड़क पर धरना

देश भर में पत्रकारों की जघन्य हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ नोएडा से निकला पत्रकारों का विरोध मार्च आईटीओ के पास प्रगति मैदान-मंडी हाउस से पहले तिलक ब्रिज चौराहे के पास दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। विरोध में पत्रकार बीच चौराहे सड़क पर बैठ गए। लंबी हुज्जत नारेबाजी भाषणबाजी के बाद गिरफ्तार कर जंतर मंतर ले जाकर छोड़ दिए गए। तब जंतर मंतर से पहले सड़क जाम कर फिर धरने पर बैठ गए। दिल्ली पुलिस को इन जुझारू दिलेर पत्रकारों ने नाकों चने चबवा दिए। 

बुधवार को नोएडा से दिल्ली तक पैदल मार्च का नेतृत्व करते भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह और वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा

पत्रकारों पर पुलिस लाठी चार्ज, क्षुब्ध पत्रकारों और शिक्षकों ने धरना दिया

भबूआ, कैमूर : पिछले दिनो यहां जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने शव सदर अस्पताल के सामने रखकर सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं । फोटो लेने के दौरान कई मीडिया कर्मियों पर भी लाठियां बरसीं। कई पत्रकार घायल हो गए। 

म.प्र. सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लाएगी : शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में कहा है कि पत्रकारों की अधिमान्यता अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की जायेगी । प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाएगा। 

दिल्ली की पत्रकार निरुपमा पाठक की मौत मामले में प्रियभांशु रंजन बरी

रांची : पत्रकार निरुपमा पाठक मौत मामले में कोडरमा की निचली अदालत ने उसके कथित प्रेमी प्रियभांशु रंजन को बरी कर दिया है।

गुलाब कोठारी को पीड़ित पत्रकारों ने घेरा, नारेबाजी-पर्चा वितरण के बीच हाथापाई की नौबत

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को उदयपुर के राजस्थान विद्यापीठ सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान बंटे पर्चों ने कोठारी की हवा हवाई बातों की कलई खोल कर रख दी। गौरतलब है कि कोठारी पर पत्रकारों के लिए बने मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को अपने अख़बार में लागू नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट का शिकंजा कसने से बौखलाकर उन्होंने करीब चार दर्जन कर्मचारियों को गैर कानूनी रूप से ट्रान्सफर और टर्मिनेट कर दिया है।

जगेंद्र सिंह : पत्रकारों के लिए सबक, पत्रकारिता के लिए आदर्श

लगभग दो-ढाई वर्ष पुरानी बात होगी. फेसबुक पर किसी ने एक समाचार का लिंक शेयर किया कि काकोरी कांड के अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पौत्रवधू की झोपड़ी गाँव के दबंगों ने जला दी है. कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे शहीद के वंशज रात गुजारने को मजबूर हैं . समाचार पढ़कर धक्का लगा . समाचार का स्रोत थे शाहजहांपुर समाचार के नाम से फेसबुक पर सक्रिय जगेन्द्र सिंह . मैं उन दिनों किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के संयोजन में व्यस्त था पर मैंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलायी और मेरी उस मुहिम में जगेन्द्रसिंह, सिराज फैसल खान, अमित त्यागी,  भारतीय वायुसेना में वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत मिश्र कान्त आदि जुड़े. 

हमलों से सीतापुर के पत्रकारों में रोष, महेंद्र अग्रवाल ने कहा- बनाया जा रहा भय का माहौल

सीतापुर : प्रदेश में प्रशासन की निष्क्रियता के चलते अराजक तत्वों द्वारा पत्रकारों पर लगातार हमले कर भय का माहौल बनाया जा रहा है। निष्पक्ष पत्रकारिता को डरा-धमका कर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। यह बात उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एडीएम सर्वेश दीक्षित को सौंपते हुए कही। 

पत्रकारों पर हमलों के विरोध में ज्ञापन देते सीतापुर के पत्रकार 

मध्य प्रदेश में गुपचुप तैयार हो गई पत्रकारों की यूनियन, सभी बड़े अखबारों से सदस्यता

इंदौर : मजीठिया की लड़ाई में अब तक सबसे ठन्डे माने जा रहे मध्यप्रदेश में इसे लेकर गुपचुप तरीके से बड़ी लड़ाई की तैयारी चल रही है। यहाँ के कुछ पत्रकारों ने इस लड़ाई में पंजीकृत ट्रेड यूनियन का महत्व समझते हुए चुपचाप इसका गठन कर लिया है। 

जगेंद्र हत्याकांड के विरोध में बदायूं के पत्रकारों ने किया धरना-प्रदर्शन

बदायूं : मालवीय आवास गृह पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर पत्रकारों ने पहले शाहजहांपुर निवासी पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या पर गुस्से का इजहार किया, फिर प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। 

पत्रकारों पर हमले के विरोध में उरई कलेक्ट्रेट में धरना, मंगलवार को कैंडल मार्च

उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह में शाहजहाँपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिन्दा जलाने, जालौन में दो पत्रकारों, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा तथा लखनऊ के पत्रकार अमित सिंह पर हमलों के विरोध में जिला पत्रकार संघर्ष समिति उरई कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। पत्रकारों ने आरोपी राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा तथा पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने और घटना की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराने की मांग की। 

रायबरेली और मिर्जापुर के दो और पत्रकारों की जान को खतरा

उत्तर प्रदेश के शाहजंहापुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह को राज्यमंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा द्वारा जिंदा जलवा देने की घटना, बहराइच में आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला की हत्या, कानपुर में पत्रकार को गोली मारने और बस्ती में पत्रकार पर हमले के बाद मिर्जापुर के थाना जिगना ग्राम मनकथा निवासी पत्रकार अनुज शुक्ला की पैत्रिक जमीन पर समाजवादी पार्टी के दबंग राधेश्याम यादव पुत्र अनन्त यादव, स्थानीय विधायक भाई लाल कोल के प्रतिनिधि विनोद यादव के संरक्षण में पुलिस की मदद से अदालती स्टे के बावजूद जबरन कब्जा किया जा रहा है।

क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मैच में 72 रन से जीती पत्रकारों की टीम

जौनपुर : नगर के राज कालेज के मैदान पर चल रही जेकेपी त्रिकोणीय क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मैच में पत्रकार क्रिकेट क्लब ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुये जेसीआई को 72 रन के भारी अंतर से हराकर चैम्पियन का खिताब हासिल कर लिया। विजेता टीम के कुमार कमलेश को लगातार तीसरे मैच में मैन आफ द मैच दिया गया। पूरी प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुये 135 रन बनाने के साथ 12 विकेट लेने वाले जेसीआई के कप्तान आलोक सेठ को मैन आफ द सीरिज दिया गया। मुख्य अतिथि नगर पालिकाध्यक्ष दिनेश टण्डन ने विजेता व उपविजेता टीमों को ट्राफियां प्रदान कीं। 

जौनपुर के राज कालेज मैदान पर दिनेश टण्डन से विजेता ट्राफी लेते पत्रकार। छाया-कुमार कमलेश

खामोशी से बाज आओ पत्रकारों वरना ये सिलसिला अब थमने वाला नहीं

इस देश में क्या हो रहा है, कहीं कोर्ट परिसर में मर्डर तो कहीं जर्नलिस्ट का मर्डर तो कहीं ४२० के केस में पुलिस एनकाउंटर करती है, तो कहीं पुलिस मर्डर के अभियुक्त को समोसे खिलाती है, आखिर कितने जगेंद्र सिंह जैसे बेगुनाह और कलम के सिपाहियों की बलि लेगा ये देश।

दशाश्वमेध घाट पर पत्रकारों एवं समाजसेवियों का सम्मान

काशी के दशाश्वमेध घाट पर बनारस के समाजसेवियों, पत्रकारों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़ी 65 विभूतियों को नेशनल मीडिया क्लब द्वारा सम्मानित किया गया। क्लब की ओर से पत्रकार मनोज श्रीवास्तव, राकेश पाण्डेय, आशुतोश पाण्डेय, अजय राय, विनय सिंह, रामात्मा, पवन दीक्षित, दिनेश मिश्रा, सुशान्त मुखर्जी, अजय सिंह, अरविन्द सिंह, शैलेश चौरसिया, रवि पाण्डेय, सन्तोष चैरसिया, अमित मुखर्जी, अशोक सिंह, सुजीत पटेल, उमेश गुप्ता, आशुतोष सिंह आदि को सम्मानित किया गया। 

पत्रकारिता को कलंकित कर रहे दलाल पत्रकार

पत्रकारिता दिवस पर विशेष : हर कोई अखबार में काम तो करना चाहता है लेकिन उसके पीछे उस व्यक्ति के कई कारण होते हैं। यानी आज पत्रकारिता बुरे दौर से गुजरने पर मजबूर हैं। अरे अब तो वह दौर आ चुका है कि पैसे के लिए वे अपने ही किसी साथी की बलि बहुत ही संयत भाव से चढा सकते हैं। माना कि पत्रकारिता अब मिशन नहीं, यह एक प्रोफेशन और बिजनेस हो चला है। मगर क्या हर प्रोफेशन और बिजनेस का कोई एथिक्स नही होता? चंद टुकड़ों पर अपनी जमीर बेचना ही अब कुछ के लिए पत्रकारिता बन गयी है। ताज्जुब तो इस बात का है कि इस घिनौने करतूतों में मालिकान सिर्फ इसलिए साथ देते है कि वह उनके स्वार्थो का बखूबी ख्याल रखता है 

तामझाम के साथ डाक बंगले पहुंचे जाली पत्रकार को सीओ ने बाहर निकाला

बदलापुर (जौनपुर): आईपीएस होने का रौब गांठते हुए पूरे पुलिसिया लाव-लश्कर के साथ डाक बंगले पहुंचे कथित पत्रकार को सीओ ने भेद खुलने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया। वह अर्द्धसैनिक बल और लग्जरी वाहनों के काफिले के साथ पहुंचा था। एसडीएम ममता मालवीय ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। 

मोदी के दो प्रिय ‘यौन शोषण के आरोपी’ पत्रकारों पर कार्रवाई क्यों नहींं!

देश के कई बड़े संस्‍थानों में कार्यस्‍थल पर महिलाओं के यौन शोषण की घटनाएं दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं। सबसे खतरनाक और दुखद है, ऐसे मामलों में पीडि़ता को न्‍याय न के बराबर मिलता है। इससे इन संस्‍थानों में यौन शोषकों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। यहां तक कि महिलाओं के हितों की रक्षा करने वाला राष्‍ट्रीय महिला आयेाग या प्रदेश महिला आयोग का रुख भी बहुत ही नकारात्‍मक है। पुलिस की तरह वहां भी एक तरह से पीडि़ता को जलील होना पड़ता है। 

दो पत्रकारों पर हमले, धरना-प्रदर्शन के बाद बाजार बंद

रायपुर : दैनिक अखबार के संवाददाता अजय साहू पर शहर के मुख्य चौक पर जानलेवा हमला करने के विरोध में मंगलवार को भानुप्रतापपुर, संबलपुर व दुर्गूकोंदल बंद रहा। इसे व्यापारियों का पूरा समर्थन मिला। भानुप्रतापपुर सहित कांकेर व जगदलपुर से आए पत्रकारों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर इस घटना की कड़ी निंदा की। इस दौरान सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। अजय साहू पर हमले के तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

बांका के ऐसे मीडिया कर्मियों के तो दोनो हाथ में लड्डू

बांका (बिहार) : अखबार में एक नए अवैध परंपरा की यहां शुरूआत हो गयी है। सरकार में बहाल लोग मजे से अखबारों व चैनलों में संवाददाता की नौकरी कर रहे हैं। यह परंपरा मुख्यतः जिला और प्रखंड स्तर पर देखी जा रही है। हैरानी की बात है कि दैनिक जागरण, प्रभात खबर, हिन्दुस्तान जैसे बड़े अखबार यह जानते हुए भी कि उनके संवाददाता सरकारी नौकरी में हैं, उनको पाल रहे हैं। ऐसा करें भी क्यों नहीं। तकरीबन मुफ्त में या कम पैसे में इन्हें संवाददाता जो मिल रहे हैं। इस तरह के शिक्षक, कंम्प्यूटर ऑपरेटर अपने सरकारी कार्यालय से फरार होकर पूरे दिन समाचार संकलन में लगे रहते हैं। मुद्दा ये है कि अगर यह परंपरा चल निकली तो इसके परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं इसका सहज हीं आकलन किया जा सकता है। 

दिल्ली के पत्रकार हत्या कांड में मुख्य आरोपी को सीबीआई ने दबोचा

नई दिल्ली : सीबीआई ने स्वतंत्र पत्रकार चंद्रिका राय और उनके परिवार के तीन सदस्यों की 2012 में हुयी हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के ऑफिस में तोड़फोड़ को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया : शारदा

भोपाल : इंडियन फेडरेशन ऑफ मीडिया एवं वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष  राधावल्लभ शारदा जिन दिनो हैदराबाद प्रवास पर थे, उनके आवास परिसर स्थित कार्यालय एफ-88/19, तुलसी नगर में पांच लोगों ने रात में लगभग साढ़े 10 बजे तोडफ़ोड़ की। शारदा का कहना है कि भाग्य अच्छा था, मैं बाहर था तथा बेटा ललित किसी कार्य से घर के अंदर गया था। यदि मैं अथवा मेरा पुत्र घटनास्थल पर होते तो शारीरिक नुकसान भी हो सकता था।

घटना स्थल का निरीक्षण करता पुलिस इंस्पेक्टर

जर्नलिस्ट एसोसिएशन की बैठक में बीएस गुलियानी प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित

हरियाणा के नवगठित प्रेस एसोसिएशन जर्नलिस्ट (पी एंड ई) की मीटिंग अंबाला शहर स्थित एसोसिएशन के मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष बी एस गुलियानी की अध्यक्षता में हुई। इस मीटिंग में एसोसिएशन की सात सदस्यीय कमेटी के अलावा अंबाला के प्रमुख समाचार पत्रों के पत्रकार एवं छायाकार मौजूद रहे। 

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के कार्यालय में तोडफ़ोड़

भोपाल : वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के कार्यालय एफ-88/19, तुलसी नगर, सेकेण्ड स्टॉप में कुछ अज्ञात बदमाशों ने रात्रि साढ़े 10 बजे घुसकर तोड़फ़ोड़ की। 

केजरीवाल बोले – पत्रकारों के सैलरी रिकार्ड की करा रहा पड़ताल, अब हो मीडिया का भी पब्लिक ट्रायल

दिल्ली : एक न्यूज वेबसाइट की लॉन्चिंग के मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहा कि झूठी खबरों का पर्दाफाश करने के लिए मीडिया का पब्लिक ट्रायल होना चाहिए। हमारी  सरकार मीडिया संस्थानों में टैक्स रेकॉर्ड और सैलरी से जुड़ी डिटेल्स की पड़ताल कर रही है। लेबर इंस्पेक्टर न्यूज संस्थानों का दौरा कर रहे हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा से जब यह पूछा गया है कि क्या आप प्रशासन ने इस आइडिया पर आगे बढ़ना शुरू किया है, तो उनका कहना था कि अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।

प्रेस फ्रीडम डे पर इन दो पत्रकारों की चीख क्या सुनी आप ने !

छह सौ दिन से जेल में कैद शौकन ने चिट्ठी में लिखा – मैं एक पत्रकार हूं, अपराधी नहीं. महमूद अबु जैद “शौकन” टाइम पत्रिका, डी त्साइट, बिल्ड, मीडिया ग्रुप और ऑनलाइन फोटो एजेंसी डेमोटिक्स जैसे कई प्रकाशकों के लिए सेवाएं दे चुके हैं. 2013 में शौकन मिस्र की राजधानी काहिरा के रबा स्क्वायर में हुई हिंसक झड़पों की रिपोर्टिंग कर रहे थे, जहां अपदस्थ राष्ट्रपति मुर्सी के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच चल रही मुठभेड़ के दौरान वह गिरफ्तार कर लिए गए. उन पर अब तक आधिकारिक रूप से कोई आरोप तय नहीं हुआ है. लेकिन मामले की सुनवाई से पहले उनकी हिरासत की अवधि को लगातार आगे बढ़ाया जाता रहा है और मुक्त किए जाने की उनकी अपील को खारिज किया जाता रहा है.

प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन से 10 और इस्तीफे

अंबाला : पत्रकारों की यूनियन प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन की हरियाणा इकाई में अंतर कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। विगत 14 मार्च को यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप मसीह की तानाशाही से परेशान होकर यूनियन से 21 पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद अब 2 मई को यूनियन से 10 और पत्रकारों ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद्र कुशवाहा, प्रदेशाध्यक्ष जसदीप सिंह बेदी व डीआईपीआरओ अंबाला को भेज दिया।

न्यूज चैनल के संवाद-सूत्र ने हड़पी आदिवासी बुजुर्ग की जमीन

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के हस्तक्षेप के बाद भी धरमजयगढ़ राजस्व विभाग व जिला प्रशासन का सुस्त रवैया आदिवासी परिवार के लिए परेशानी कारण बना हुआ है। बताया गया है कि ईटीवी न्यूज के इनफार्मर ने एक आदिवासी परिवार की जमीन हड़प ली है और पीड़ित दर ब दर न्याय की गुहार लगाता डोल रहा है। 

मजीठिया : राजस्थान में भी बजा बिगुल, राज्यपाल-मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

पहली मई मज़दूर दिवस पर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए राजस्थान ने बिगुल बजा दिया है। शुक्रवार को जयपुर में नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट (इंडिया ) और जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ राजस्थान (जार ) ने राज्यपाल कल्याण सिंह और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को ज्ञापन दिया।

लीबिया सरकार ने माना, इस्लामिक स्टेट ने दो ट्यूनिशियाई पत्रकारों को मार डाला

लीबिया की सरकार ने लीबिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा पिछले साल अगवा किए गए दो ट्यूनिशियाई पत्रकारों की हत्या किए जाने की पुष्टि की है।

अलीगढ़ में डॉक्टर परिवार पर पत्रकारों का हमला, कई घायल

अलीगढ़ : इंडिया टीवी, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ नेशन और टाइम्स नाऊ के लिए अकेले काम कर रहे पत्रकार प्रदीप सारस्वत और उनके पांच कथित पत्रकार साथियों ने दबंगई में प्रतिष्ठित डॉक्टर और उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया। एसएसपी के आदेश पर थाना सिविल लाइन में दोषी मीडियाकर्मियों के खिलाफ मुक़द्दमा दर्ज हो गया है। बताया गया है कि सारा विवाद दरवाजे पर गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुआ। मारपीट में दूसरे पक्ष के अरुण, प्रदीप, श्रवण भी चुटैल हुए हैं। दूसरे पक्ष ने भी पुलिस को तहरीर दी है। 

मध्य प्रदेश के पत्रकारों को लैपटॉप की खुली रिश्वत

लोकसभा आमचुनाव में जब अस्सी सीटों वाले उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को चार-पांच सीटें ही मिलीं और वो भी मुलायमसिंह यादव, उनकी बहू और दो एक भतीजों की, तो नेताजी खिसियाए और बौखलाए भी. इस  शर्मनाक पराजय का ठीकरा उन्होंने मोदी के बजाय बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुफ्त लेपटॉप योजना पर फोड़ा. यूपी सरकार की इस योजना के जरिए सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त लेपटॉप बांटे गए थे. उधर मध्यप्रदेश में भी मुफ्त लैपटॉप की एक योजना सुर्ख़ियों में है. कहा जा रहा है कि लैपटॉप के नाम पर रसीद लेकर हर हितग्राही को चालीस-बयालीस हजार रूपए बांटने के बाद ही बदनाम व्यापम घोटाले को नई ऊर्जा मिली, जिसने राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को भी लपेटे में ले लिया ! इसलिए कल को हमारे अंधविश्वासी नेता लैपटाप को मनहूसियत का प्रतीक बताने लगें तो चकित न होइएगा.

पत्रकारों की नौकरी का हो बीमा

किसानों की फसल और पत्रकारों की नौकरी का बीमा किया जाना बहुत जरूरी है। किसान अन्‍न पैदा कर पूरे देश का पेट भरता है तो पत्रकार अपने विचारों से लोगों की जिज्ञासा की भूख शांत करता है। लोग भोजन से पहले अखबार पढ़ते हैं, लेकिन अखबारों से पत्रकार लुप्‍त होते जा रहे हैं। यह लालाओं की साजिश है। ताकि वे किसानों की संपदा हड़प सकें और किसी को पता भी न चले।

Journalists & Press Workers Call for Unified Action

New Delhi : A Joint Extended meeting of the Executive Committee of the Press Unity Centre and the Delhi Union of Journalists has resolved through a reorganized structure to move jointly in matters pertaining to the serious situation effecting hundreds of journalists and press workers in Delhi in particular with the widest possible national alliance based on agreed principles and a minimum programme. This it felt was necessary taking into account various management schemes all over the country, which included schemes of getting rid of 50 per cent of the staff and carrot and stick contracts in circulation.

चुनाव ख़त्म तो काम और धंधा ख़त्म, तैयारी साधना-हरियाणा न्यूज़ चैनल को बंद करने की

न्यूज़ चैनल मालिकों के लिए ये कोई नइ बात नहीं है। मन आया तो कभी भी न्यूज़ चैनल खोल लिया और जब मन हुआ चैनल बंद करके कर्मचारियों को रस्ते पर ला कर खड़ा कर दिया। जब साधना को जरुरत थी साधना-हरियाणा की तो साधना-बिहार बंद कर के रिपोर्टर्स को रस्ते पर ला खड़ा किया। …