पत्रकारिता में रोजगार की हालत से दुखी मुंबई के एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी जी को खुला पत्र लिखा

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Subject: मोदी जी आप से निवेदन, पत्रकारिता क्षेत्र में रोजगार के लिए कुछ कदम उठाएंगे

To:

Prime minister

pmosb@pmo.nic.in

PresidentofIndia

presidentofindia@rb.nic.in

rti-pmo.applications@gov.in

सेवा में
श्रीमान नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री

नमस्कार,

मैं आज एक विश्वास के साथ यह पत्र आप को लिख रहा हूँ कि अन्य विभागों की तरह लोकशाही के चार स्तंभ में से एक पत्रकारिता में युवाओ के रोजगार पर भी ध्यान देंगे। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक देश के विकास में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। समय के साथ पत्रकारिता में बदलाव आया है। जैसे कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता का उद्देश्य अंग्रेजों से कलम की लड़ाई थी लेकिन आज समय के अनुसार यह बदलकर व्यापार बन गया है। आज के युवा पत्रकारिता की डिग्री लेकर अपना भविष्य बनाने में लगे हैं। डॉ भीमराव आंबेडकर, लोकमान्य गंगाधर तिलक, अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर आज के वरिष्ठ पत्रकारों को अपने आदर्श के रूप में देखते हुए युवा अपना भविष्य पत्रकारिता में बनाने के उद्देश्य से पत्रकारिता में आ रहे हैं।

मैं भी उन्हीं युवाओं की तरह पत्रकारिता में अपना भविष्य बनाने के उद्देश्य से पत्रकारिता की पढाई कर पत्रकारिता की शुरुआत की। पत्रकारिता में तो हमें बहुत कुछ पढ़ाया गया लेकिन वह सब पढाई तक ही अच्छा लगा। लेकिन पत्रकारिता की शुरुवात मैंने नवी मुंबई के वाशी से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक अखबार में 2006 से किया।

पहली बार जब उस अखबार में गया तो संपादक जी ने बकायदा मेरा इंटरव्यू लिया उसके बाद खबर लाने के साथ ही मुझे अखबार भी साथ में पकड़ा दिया कि इसे बाँटते जाना। खैर मुझे सीखना था इसलिए मैंने सोचा कि एकाध दिन कर देते हैं लेकिन बार बार अखबार बाँटने का काम दिए जाने के कारण मैंने वहां काम करना छोड़ दिया। उसके बाद मुंबई से प्रकाशित होने वाले कई अखबारों में 2007 तक काम किया। इस दौरान कई जगह मेरा वेतन भी नहीं मिला। इस बीच 2007 में हमारा महानगर अखबार से जुड़ा और आज तक जुड़ा रहा। कंपनी के कुछ डायरेक्टरों ने मुझे और कुछ स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया जिसके कारण हम मुंबई के बाहर ज्वाइन नहीं किये। 2006 से लेकर अभी तक मैंने जितने भी अखबारों में काम किया वहां पत्रकारों का कोई भविष्य नजर नहीं आया। हां इतना जरूर देखा हूं कि जो नेताओं, मालिकों की चापलूसी और पुलिस की दलाली कर सकता है वह सफल है। हम भी मालिक के कई काम किये लेकिन चापलूसी नहीं कर पाये जिसके कारण आज भी चाल में छोटे मकान में रह रहे हैं।

मोदी जी, आप के प्रधानमंत्री बनने के पहले से ही देश के अधिकतर युवाओं और नागरिकों को विश्वास था कि हर क्षेत्र में रोजगार के लिए कदम उठाएंगे। आप कर भी रहे हैं लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रहे युवाओं के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाये हैं। पत्रकारिता की पढाई पूरी करने के लिए देश भर में रोज नए- नए, बड़े-बड़े कॉलेज इंस्टीट्यूट खुल रहे हैं। उन कॉलेजों इंस्टीट्यूट में युवाओं को पत्रकारिता के गुण सिखाये जा रहे हैं लेकिन रोजगार के लिए कोई मार्ग नहीं है। कुछ युवाओं का नसीब सही माना जाए या उनका भाग्य माना जाए जो सफल हो जाते हैं नौकरी पाने में लेकिन अधिकतर युवक नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं। नौकरी नहीं मिलने पर अपने आप को कोसते रहते हैं कि आखिर क्यों मैं अपना समय पत्रकारिता में गंवा दिए। लाखों की संख्या में देश के युवक आज अपने आप को उसी तरह कोस रहे हैं। जो नौकरी कर भी रहे हैं उसमें से बहुत कम ही हैं जिन्हें उनके मेहनत के अनुसार मेहनताना मिल पाता है वरना गधे की तरह मजदूरी कर इस उम्मीद में समय बिता रहे हैं कि आज ना कल कुछ अच्छा होगा।

मोदी जी, आप से भी यही उम्मीद है कि पत्रकारिता के क्षेत्र को मजबूत करें जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके। अगर नहीं मजबूत कर सकते या पत्रकारिता में रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकते तो पत्रकारिता के उन कॉलेजों और इंस्टीट्यूट को बंद कर दे जिससे उन युवाओं के साथ धोखा ना हो सके जो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के उद्देश्य से आना चाहते हैं। मोदी जी आप के सामने मैं बहुत ही छोटा हु ।लेकिन उन लाखों युवाओं की तरफ से यह पत्र लिखा हूं। पता नहीं कि आप इसे पढ़ेंगे भी या नहीं? लेकिन हम उम्मीद लगाये हैं कि विदेश दौरे से वापस आने के बाद जरूर कोई ठोस कदम उठाएंगे ताकि युवाओं का सपना अधूरा ना रहे।

धन्यवाद

एक पत्रकार
नागमणि पाण्डेय
nagmani pandey
9004322982
nagmani4@gmail.com

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Comments on “पत्रकारिता में रोजगार की हालत से दुखी मुंबई के एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी जी को खुला पत्र लिखा

  • Bilkul sahi journalism ke colleg band kar dena chahiye ya to job ke liye gov ko pahal karana chahiye . Modi ji jarur kuchh kar sakate hai

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  • RAKESH KUMAR says:

    भाई जी इससे बाहर आ जाओ, क्यू अपना समय बर्बाद कर रहे हो …और अपने परिवार को भी भूखे मरने पर मजबूर कर रहे हो …

    अच्छा होगा एक लम्बी सांस लेकर इस समय इसको अलविदा कहो… बाद में फिर कभी आ जाना ….

    Reply

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