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उत्तर प्रदेश

नवतेज टीवी के परेशान पत्रकारों ने योगी का लिखा खुला पत्र- न्यूज चैनल के धंधेबाजों से बचाओ!

योगी आदित्यनाथ
सीएम, उत्तर प्रदेश

विषय – टीवी न्यूज चैनल के धंधेबाजों से बचाओ

नवतेज टीवी के कर्मचारी बकाया सैलरी के लिए हैं परेशान

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नोएडा का सुस्त प्रशासन सुध लेने को नहीं है तैयार

महोदय, इसलिए हम आपको ये बताने के लिए बाध्य हुए क्योंकि पुलिस प्रशासन ही नहीं पुरा का पुरा सरकारी प्रशासनिक महकमा ही सुस्त पड़ा है जिसके संवैधानिक सरदार आप हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाते हैं हम, इस व्यवस्था में हमारी भी बड़ी हिस्सेदारी है। आप के रहते हमारी नहीं सुनी जा रही है तो आम जनता की कौन कितना सुनता होगा आसानी से समझा जा सकता है। आपकी सरकार की नाक के नीचे एनसीआर नोएडा में कुछ ऐसा चल रहा है जो न सिर्फ लोकतंत्र के लिए खतरा है बल्कि आपकी पूरी की पूरी सरकारी व्यवस्था को नकारा बताता है। नियम कानून व नैतिकता के साथ साथ मानवाधिकारों को धता बताते हुए, लोगों को जगाने का धंधा टीवी न्यूज चैनल के नाम पर धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। दिल्ली की सरकार ने तो आंख, नाक और कान बंद कर लिया है, लखनऊ तो मीलों दूर है ही, जहां तक गरीब, मजबूर मीडियाकर्मियों की आह पहुंच ही नहीं पाती।

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धनबल और बाहुबल के साथ सांठ-गांठ कर झट से एक संपादक पैदा लेता है फिर वो झूठ-सच का सहारा लेकर न्यूज चैनल का एक खोखला सिस्टम डेवलप कर लेता है। जिसकी जकड़ में आते हैं गरीब, लाचार, मजबूर कामगार पत्रकार। जिनसे जो जैसा चाहे, वैसा लिखवाने पढ़वाने का काम लिया जाता है। न ही कोई संपादकीय नियम निर्देश, न ही कर्मचारी सुख की सुध। बस जहां से जैसा पैसा मिला उसी की सियासी पावर वैसे ही बढ़ाने की मुहिम शुरू। हद तो तब हो जाती है जब पता चलता है कि यहां सैलरी नहीं मिल पा रही तो दूसरी तरफ मालिक नई फॉर्चूनर खरीद लाता है। कभी महीने दो महीने की सैलरी नदारद, तो कभी तय तनख्वाह का आधा ही बड़ी मुश्किल से नसीब होता। नोएडा में ऐसे धंधेबाज चैनलों की भरमार है।

कई नाम हैं लेकिन सबसे पहले बात नवतेज टीवी की। नई उर्जा, नए तेवर के साथ इसी साल शुरू हुआ ये तथाकथित नेशनल चैनल। बताए गए दो-तीन सालों के बैकअप के बावजूद कोरोना काल का दो महीना ही नहीं झेल पाया। कोरोना संक्रमण की झूठी कहानी के बाद बंद हो गया चैनल। कोरोना खौफ के साये में कर्मचारियों ने जम कर प्रदर्शन किया। डीएम दफ्तर, सेक्टर-20 थाना के साथ साथ लेबर दफ्तर..सब जगह बात पहुंचाई। बकायदा लिखित में शिकायत जमा कर रिसिविंग भी ली गई। लेकिन इस बात को एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। या कहे कि सरकार में उनकी सेटिंग सही रही। झूठ और प्रपंच जीतता रहा, सच और शुद्ध श्रम हारता रहा।

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इन सबके बीच सबकी आंखों में धूल झोंक कर चैनल का पुराना मैनेजमेंट, जिनमें रोहित तिवारी, अनुराग पांडे, आर के सैनी जैसे लोग मुख्य हैं, बदल कर नया मैनेजमेंट नई सांठ-गांठ के साथ सामने आ गया। नवतेज के नए कर्णधारों में गौरव सिंह और प्रशांत सक्सेना मुख्य हैं, एचआर हेड नवीन जैन का जानलेवा जलवा जारी रहा। हमे बताया गया कि दोनो ही पार्टियों में डील हुई है, बकाया सैलरी का भुगतान चैनल में निर्धारित हिस्सेदारी के तहत नई टीम करेगी।

कहीं से कोई कार्रवाई नहीं होता देख कर्मचारी मजबूरी बस नए मैनेजमेंट के झूठे झांसे में आ गए। गिड़गिड़ाने, लड़ने झगड़ने के बाद दो चार लोगों को मुश्किल से पैसा मिला भी। लेकिन नए मैनेजमेंट की झूठ पर आधारित कार्यशैली हैरान करने वाली है। बात बात पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम उछाला जाने लगा। नया डॉयरेक्टर गौरव सिंह खुद को संजय सिंह का भतीजा बताता है। सूबे की सरकार की सारी व्यवस्थाओं को ही नकारने वाला है गौरव सिंह और प्रशांत सक्सेना का व्यवहार। सबकी उपस्थिति में थोक के भाव में खाली एकाउंट के फर्जी चेक रेबड़ी की तरह बांटे गए। बकायदा फाइनल सेटलमेंट के पेपर पर साइन करवाया गया। अलग अलग तारीखों पर काटे गए चेक लगातार बाउंस करते गए। नए मालिक लखनऊ के रहने वाले गौरव सिंह को बताने पर वो बेहद सामान्य सी प्रतिक्रिया और एक नई डेट देता रहा। लगता ही नहीं कि सिस्टम का जरा सा भी खौफ रह गया है। पुराना मैनेजमेंट फरार है तो नया मैनेजमेंट बस फरार होने ही वाला है। तमाम कोशिशों के बावजूद नोएडा प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग रहा है।

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महामारी की मार झेल रहे मीडियाकर्मियों को गुमराह करने का नंगा खेल खेला जा रहा है। उस जगह पर जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है। यूपी के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में जिसका नाम है।

ये सब उस दौर में हो रहा है जब आम लोग कोरोना के डर से घरों से बाहर नहीं निकल रहे, लेकिन नवतेज टीवी के कर्मचारी अपने और अपने परिवार की जान खतरे में डाल कर, डरे सहमें काम करते रहे। लेकिन अफसोस आपकी सरकार में इस मेहनत का भी कोई मोल नहीं। इसे अमानवीय नहीं तो और क्या कहा जाएगा।

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मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि मामले का तुरंत संज्ञान लें और सख्त से सख्त कार्रवाई करें। आपका ये योगदान न सिर्फ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को घुन लगने से बचाएगा बल्कि सिस्टम का इकबाल बुलंद करेगा।

आपका
नवतेज टीवी पीड़ित पत्रकार गण
A-110, Sector – 4, NOIDA, UP.
दिनांक – 11.08.20

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