Yashwant Singh : कंपनियों का कोई सगा नहीं होता. भाई Nadeem Ahmad Kazmi को एनडीटीवी से कार्यमुक्त किए जाने की सूचना है. यह दुखद घटनाक्रम है. एनडीटीवी के लिए सड़क से लेकर सोशल मीडिया और प्रेस क्लब आफ इंडिया तक में संघर्ष करने वाले नदीम के साथ उनका संस्थान ऐसा सुलूक करेगा, यह नदीम के विरोधियों को भी अंदाजा न रहा होगा. जाने कौन लोग हैं जो इन दिनों प्रणय राय के सलाहकार बने हुए हैं और पैर पर कुल्हाड़ी मारने टाइप सलाह दे रहे हैं.
संभव है कुछ लोग नदीम को एनडीटीवी से हटाए जाने की सूचना पाकर खुश हो जाएं, पर मुझे यह मौका नदीम का साथ देने और एनडीटीवी से छांटे गए लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का दिखता है. अगर छंटनी को वापस नहीं किया गया और नदीम समेत सभी कर्मियों को बहाल नहीं किया गया तो हम सब सड़क पर उतरेंगे. भाई नदीम, इस मुश्किल वक्त में मुझे आप अपने साथ खड़ा मानिए और जो आदेश होगा, बताइएगा. भले ही, आप मेरे किसी मुश्किल वक्त में कभी काम न आए हों.
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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं…
मुकुन्द हरि शुक्ल : घोर आश्चर्य ! नदीम भाई के भी साथ ये होगा, सोचा ही न था। मालिक कभी पत्रकार की पीड़ा नहीं समझ सकता। भाई Nadeem Ahmad Kazmi के साथ खड़े होने की जरूरत हर श्रमजीवी पत्रकार की है। प्रणय रॉय के जिस एनडीटीवी के लिये नदीम भाई ने अपना खून-पसीना बहाया, वहीं उनको ऐसा उपहार दिया गया जो मीडिया मालिकों के रक्त शोषण की सच्चाई दिखाता है। इनके अलावा भी करीब 300 कर्मचारियों के निकालने और पिछले दरवाजे से नई भर्तियों की खबर है। विचारधारा में अंतर के बावजूद नदीम काजमी के लिए हम साथ हैं। बधाई Yashwant Singh भाई को भी, जिन्होंने प्रेस क्लब चुनावों में संघी खेमे का ठप्पा लगाने पर भी अन्याय के खिलाफ नदीम अहमद काजमी के हक में आवाज़ उठाई है।
Vivek Shukla : This is very disturbing development. Nadeem Ahmad Kazmi ji is a great friend..
Rehan Ashraf Warsi : ज्यादा कुछ नही जानते मीडिया संस्थानों के बारे में , मगर हर बुराई और गलत के साथ खड़ा होना कोई यशवंत सिंह से सीखे..
Gandhi Mishra ‘Gagan’ : ये दुखद है,एनडीटीवी के स्वामी को नदीम भाई जैसे समर्पित सहयोगियों के साथ इस तरह का वर्ताव नहीं करना चाहिए।
Mukund Mitr बहुत सही लिखा भाई यशवंत…..अब तक का अनुभव तो यही बताता है
Praveen Kumar Khariwal हम भी साथ हैं
Rakesh Kathuria अन्याय को कतई बर्दाश्त नही किया जा सकता।
Sumit Jha : Simply I did not understand why this happens to Nadeem Sir! He is one of finest human beings. Always very supportive to me!
Mohammad Mustahsan : This is a great shock and surprise for all of us. We know the sincerity and hard work of Nadim Ahmad Kazmi. He deserves full and whole hearted support of all of his colleagues to get justice.
Sunil Sharma : Something is wrong with the suave Czar of NDTV… Leninist remedy is the warranted incumbency..to ward off the presiding Ghost riding over the Roy’s slippery head…
Md Afaque Hashmi : Bhai dukhad samachar prantu hausla rakhna….. lagta hai koe bada avsar intezar ker raha hai.
Debjani Choubey : Behad dukhad ghatna hain.nadeem sir k saath meine 5 saal kaam kia hain ndtv me .nadeem sir bohot achhe insaan hain. iye chhatni ka silsila kab khatam hoga pata nehi.mere bohot se apno ne ish baar naukri khoyi hain.bada dukh hota hain iye sab dekh k
Subhash Sinha : Sad……NDTV …loss may be some others gain..