समय बीतने के साथ एनडीटीवी की मानहानि की कीमत कम होती गई और अब शून्य हो चुकी है… देखें इंटरव्यू भाग-दो

चर्चित आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव को एनडीटीवी के आर्थिक घपलों को पकड़ने के कारण बहुत प्रताड़ित किया गया. इस अफसर के पास एनडीटीवी की पूरी कुंडली है. भड़ास से बातचीत में एसके श्रीवास्तव ने खुलासा किया था कि मनमोहन राज में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने NDTV पर छापा डालने जा रहे इनकम टैक्स अफसरों को रोक दिया था.

रवीश कुमार प्राइम टाइम में देश को बताएंगे कि प्रणय राय एनडीटीवी से इतने सारे लोगों को एक साथ क्यों निकाल रहे हैं?

Manish Thakur : स्क्रीन काला नहीं कर सकते, मुंह पर कालिख पोत विरोध तो कीजिए! पत्रकारिता के नाम पर विचारधारा की दुकान चलाने का धंधा करने वाले प्रणय राय अब अपने वफादारों को नौकरी से निकाल कर सड़क पर धकेल रहे हैं। एनडीटीवी से निकाले गए लोगों के पास जीवकोपार्जन की कोई समस्या नहीं होगी यह पत्रकारिता का हर अदना सा व्यक्ति जानता है। वह इसलिए कि बिना टीआरपी वाले इस चैनल के मालिक प्रणय राय ने हवाला और मनीलान्ड्रिंग की कमाई से अपने कर्मयोगियों को दो दशक से ज्यादा वक्त से मोटी सैलरी और तमाम साधनों से इतना संपन्न रखा कि भगवान की दया से उन्हें इस जनम कोई दिक्कत नहीं।

एनडीटीवी की एजेंडा पत्रकारिता के बचाव में नदीम भाई अक्सर हम सबसे लोहा लेते..

Abhiranjan Kumar : मेरे मित्र ही नहीं, भाई समान भी हैं Nadeem Ahmad Kazmi. दो दिन पहले उन्हीं से बात करके जानकारी मिली कि उन्हें एनडीटीवी से निकाल दिया गया है। करीब 20 साल से वहां काम कर रहे थे। संस्थान को परिवार समझते थे और ख़ुद भी काफी वफादार समझे जाते थे। एनडीटीवी पर “कथित सरकारी हमले” की कुछ घटनाओं के बाद संस्थान और मालिकान के पक्ष में सर्वाधिक मुखर वही थे। यहां तक कि एनडीटीवी की एजेंडा पत्रकारिता के बचाव में नदीम भाई अक्सर हम भाइयों से भी लोहा लेने को उठ खड़े हो जाते थे। उनके बारे में मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि जितना उन्होंने एनडीटीवी से लिया, उससे अधिक एनडीटीवी को वापस भी दिया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एनडीटीवी को स्थापित करने वाले और अपने पीछे-पीछे तमाम धुरंधर पत्रकारों को ले जाने वाले वही हैं।

अभिरंजन कुमार

एनडीटीवी में अभिव्यक्ति की आज़ादी हमेशा से एकतरफा ही थी

Abhiranjan Kumar : एनडीटीवी एक भला चैनल था। अन्य चैनलों में बकवास बहुत चलता था, लेकिन एनडीटीवी पर सिर्फ़ ख़बरें चलती थीं। हालांकि इसके साथ ही वहां एक बड़ी बुराई भी थी कि अक्सर ख़बरों में मिलावट कर दी जाती थी। सांप्रदायिक तत्व वहां काफी पहले से और ठीक-ठाक मात्रा में मौजूद थे। मुझे याद आती है एक पुरानी स्टोरी, जिसके मुताबिक किसी ट्रेन की मिलिट्री बोगी में घुसने पर एक युवक की पिटाई कर दी गई थी। चैनल पर यह रिपोर्ट बड़े ताम-झाम से चली। संयोग से उस युवक का नाम था शफ़कत और वह कश्मीरी था। फिर क्या था, चैनल के प्रबुद्ध विचारकों को मसाला मिल गया। स्क्रिप्ट की पहली लाइन ही यह लिखी गई- “एक तो मुसलमान, ऊपर से कश्मीरी। शायद शफ़कत का यही गुनाह था।”

नदीम को हटाए जाने की सूचना पर मीडियाकर्मियों में एनडीटीवी के खिलाफ गुस्सा फैला

Yashwant Singh : कंपनियों का कोई सगा नहीं होता. भाई Nadeem Ahmad Kazmi को एनडीटीवी से कार्यमुक्त किए जाने की सूचना है. यह दुखद घटनाक्रम है. एनडीटीवी के लिए सड़क से लेकर सोशल मीडिया और प्रेस क्लब आफ इंडिया तक में संघर्ष करने वाले नदीम के साथ उनका संस्थान ऐसा सुलूक करेगा, यह नदीम के विरोधियों को भी अंदाजा न रहा होगा. जाने कौन लोग हैं जो इन दिनों प्रणय राय के सलाहकार बने हुए हैं और पैर पर कुल्हाड़ी मारने टाइप सलाह दे रहे हैं.

एनडीटीवी में भयंकर छंटनी पर प्रेस क्लब आफ इंडिया ने लिखा प्रणय रॉय को पत्र

To

Dr. Prannoy Roy,
Founder-Chairperson, NDTV
NEW DELHI

Dear Dr. Roy,

Warm Greetings from the Press Club of India.

As this year comes to an end, there are disturbing reports emanating from the NDTV which refer to massive reduction and lay-offs of employees connected with the news operations of your organisation.

एनडीटीवी ग्रुप में जबरदस्त छंटनी, करीब तीन सौ मीडियाकर्मी निकाले गए

एनडीटीवी समूह में जमकर छंटनी की जा रही है. खुद एनडीटीवी ग्रुप ने मुंबई स्टाक एक्सचेंज को सूचित किया है कि वह करीब 25 प्रतिशत स्टाफ में कटौती करने जा रहा है. उधर, एनडीटीवी की एडिटोरियल डायरेक्टर और सीनियर एंकर सोनिया सिंह ने ट्विटर पर कहा है कि एनडीटीवी को सरकारी विज्ञापन नहीं मिल रहा है.

एनडीटीवी के बुरे दिन : इनकम टैक्स विभाग ने चैनल के शेयर जब्त कर लिए

कभी कांग्रेस के यार रहे एनडीटीवी और प्रणय राय के दिन इन दिनों भाजपा राज में बुरे चल रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पी. चिदंबरम व एनडीटीवी के मालिक प्रणय राय की मिलीभगत से ईमानदार इनकम टैक्स अधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव को प्रताड़ित करते हुए पागलखाने तक भिजवा देने का पाप अब असर दिखाने लगा है. इनकम टैक्स विभाग ने एनडीटीवी के शेयर जब्त कर लिए हैं.

अंग्रेजी वाले श्रीनिवासन जैन अब हिंदी में ‘रियल्टी चेक’ कर रहे हैं!

कानाफूसी है कि हिंदी मीडिया के धुर विरोधी अंग्रेजी चैनल एनडीटीवी 24×7 के इंग्लिश एंकर श्रीनिवासन जैन को अब हिंदी चैनल एनडीटीवी इंडिया पर जाने किस मजबूरी में हिंदी में ही रियल्टी चेक करना पड़ रहा है. बेचारे हिंग्लिश बोल रहे हैं. आखिर पापी पेट का सवाल जो ठहरा. ज्ञात हो कि श्रीनिवासन जैन ने अमित शाह के बेटे जय शाह पर एक स्टोरी लिखी थी जिसे बाद में एनडीटीवी प्रबंधन ने एनडीटीवी की वेबसाइट से हटवा दिया.

बरखा दत्त ने फिर किया धमाका, एनडीटीवी और प्रणय रॉय के कारनामों का किया खुलासा

बरखा दत्त ने एनडीटीवी और प्रणय राय की असलियत बताना जारी रखा हुआ है. उन्होंने फेसबुक पर अपने ताजे धमाके से एनडीटीवी प्रबंधन को बुरी तरह घेर लिया है. प्रणय राय को जरूर जवाब देना चाहिए क्योंकि ये बड़े और गंभीर सवाल कोई भाजपाई या संघी या बाहरी टाइप प्राणी नहीं उठा रहा बल्कि उनके यहां कई दशक तक काम कर चुकीं जानी पहचानीं बरखा दत्त लिखित में उठा रही हैं. एनडीटीवी के घपलों-घोटालों के बारे में ताजे खुलासे में बरखा दत्त ने काफी कुछ जानकारी दी है. पढ़िए बरखा की एफबी पोस्ट….

बरखा दत्त ने एनडीटीवी और प्रणय राय की पोल खोलते हुए फेसबुक पर जो कुछ लिखा है, उसे हू-ब-हू पढ़ें…

I certainly don’t see NDTV as either victim or crusader…

Barkha Dutt : For the last few days I have observed with cynical amusement a public debate around NDTV taking down a story related to Amit Shah. I am not getting into the specifics of the story here and whether the story was right or wrong but I did point out when I first heard the controversy that the axing of stories at NDTV is hardly new and those seeking the higher moral ground today remained absolutely silent when some of us fought with the owners and management over these issues.

एनडीटीवी में खबरें रोकने का विरोध किया तो उसकी कीमत मुझे नौकरी गंवा कर चुकानी पड़ी : बरखा दत्त

(…पार्ट एक से आगे…)

एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर श्रीनिवासन जैन की स्टोरी हटाने के बाद एनडीटीवी से हटाई गईं बरखा दत्त ने सोशल मीडिया पर एनडीटीवी और प्रणय राय की पोल खोल दी. बरखा दत्त ने सर्जिकल स्ट्राइक के दिनों में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के इंटरव्यू के रोके जाने के प्रकरण पर भी खुलासा किया. बरखा के मुताबिक इंटरव्यू में चिदंबरम ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. चैनल प्रबंधन ने उस इंटरव्यू को ऑनएयर होने से रोक दिया. इंटरव्यू रोकने के बाद प्रबंधन ने एक इंटरनल मेल जारी किया जिसमें चैनल में काम कर रहे सभी पत्रकारों को हिदायत दी गई कि किसी नेता को जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम ना दें.

बरखा दत्त ने खोली पोल- ‘एनडीटीवी और प्रणय राय न तो क्रांतिकारी हैं, न ही सरकार विरोधी!’

बरखा दत्त सोशल मीडिया पर लगातार धमाके कर रही हैं. उनके निशाने पर हैं एनडीटीवी चैनल के मालिक प्रणय राय. बरखा ने साफ कहा- ”प्रणय राय सरकार विरोधी होने का महज नौटंकी करता है, दिखावा करता है. सच्चाई ये है कि एनडीटीवी के मालिक लगातार बीजेपी के आगे झुकते रहे और खबरें रोकते रहे. एक बात तो सच है कि ना तो एनडीटीवी विक्टिम है और ना ही क्रांतिकारी. चुनाव के बाद से लगातार प्रणय रॉय बीजेपी से मदद ही मांगते रहे. विरोध की कीमत मुझे नौकरी गंवा कर चुकानी पड़ी.”

एनडीटीवी : जंग हारने पर यहां हर बार सिपाही हलाल होते हैं, सिपहसालार और राजा कतई ज़िम्मेदार नहीं!

एनडीटीवी चैनल में कम से कम 40 लोग होंगे जो दस लाख से ज्यादा महीना कमाते हैं, और ये वो लोग हैं जो नंबर वन चैनल को आख़िरी पायदान पर ले आए… फिर भी हर दिन अच्छे पत्रकार, कैमरामैन, एडिटर चैनल छोड़ रहे हैं या उन्हें छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है… एक तरफ जहां नौकरी जा रही है वहीं दूसरी तरफ अभिजात्य 40-50 लोगों के लिये ऑडी गाड़ियां आती है, कमरों में एयर प्यूरीफायर लगता है, हर रोज़ हज़ारों के फूल सजाए जाते हैं … कॉस्ट कटिंग जरूरी है तो अपनी लाखों की तनख्वाह छोड़ें… शेयरधारकों का पैसा डुबोने का हक़ इन्हें किसने दिया…