इस तस्वीर में आप पंकज सिंह को नेशनल दुनिया अखबार के मालिक शैलेंद्र भदौरिया के साथ देख सकते है। पंकज सिंह भाजपा के महासचिव हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सुपुत्र हैं। पंकज सिंह के चलते राजनाथ सिंह सवालों के घेरे में भी आ चुके हैं।
अब जो नेशनल दुनिया के मालिक हैं, वो भाजपा में अपने रौब का काफी इस्तेमाल करते हैं। कानपुर और जयपुर में न जाने कागजों में कितने कॉलेज हैं इनके। महाराणा प्रताप ग्रुप के मालिक भी हैं ये जनाब। इन्होंने लगभग तीन वर्ष पूर्व नेशनल दुनिया का बीड़ा उठाया। साथ ही शुरू किया टैक्स चोरी और कर्मचारियों का शोषण। वेतन न देना, देरी से देना इनके संस्थान का फीचर है। साथ ही प्रोविडेंट फण्ड की चोरी और टैक्स की चोरी की भी इन्क्वायरी चल रही हैं इनपर। लेकिन अपने राजनीतिक रसूख के दम पर ये बढ़े जा रहे हैं। किसी भी जांच को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा। यह तस्वीर उस राजनीतिक घनिष्ठा को दर्शाती है जिससे क्रोनी कैपिटलिज्म कहा जाता है। क्या आम आदमी को इन्साफ की उम्मीद करनी चाहिये?
(शरद त्रिपाठी की इस पोस्ट पर नेशनल दुनिया के पीड़ित पत्रकार अनिरुद्ध चौहान टिप्पणी करते हैं – ‘मुझे तो पीएफ मांगने पर राजनाथ सिंह और कानपुर से इनके विधायक ससुर सलिल विश्नोई के नाम से धमकाया भी गया है……कोई सुनने वाला नहीं है…. अब तो बस मोदी जी ही कुछ कर सकते हैं…. मेरा मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। अगस्त में मेरा तबादला मेरठ से नोएडा किया गया और नवंबर में ही जयपुर के लिए कर दिया गया… अब वहां वेतन नहीं दिया जा रहा… लिहाजा घर बैठा हूं। टिफिन वाले और रूम का पैसा देना है।’
शरद त्रिपाठी के एफबी वाल से