200 करोड़ की शादी में 200 हेलीकाप्टर मेहमान ढोएंगे… पर्यावरण को गंभीर नुकसान की आशंका..
गुप्ता ब्रदर्स के बेटों की हाईप्रोफाइल शादी को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने औली में शादी समारोह के लिए बनाये गये 8 हैलीपैड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इन हैलीपैड का इस्तेमाल वो 200 हेलीकॉप्टर करनेवाले थे जो गुप्ता ब्रदर्स के मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए तैनात किये गये हैं। हाईकोर्ट ने पर्यावरण को पहुंचने वाली क्षति की भरपाई और औली की साफ सफाई के लिए गुप्ता ब्रदर्स को 5 करोड़ जमा करने का भी आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस शादी पर नजर रखने के लिए कहा है और ये रिपोर्ट देने के लिए कहा है कि इस शादी से पर्यावरण को अब तक कितना नुकसान पहुंचा है और पूरे शादी समारोह से कितना नुकसान पहुंच सकता है।
दूसरी तरफ 200 करोड़ की शादी को लेकर हाईकोर्ट ने रावत सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि जब कोर्ट ने बुग्यालों में इस तरह के शादी समारोहों पर रोक लगा रखी है तब फिर कैसे सरकार ने औली में इस हाई प्रोफाइल शादी की इजाजत दे दी?
इस प्रकरण को लेकर उत्तराखंड में जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं. लोगों का कहना है कि यहां जंगल में आग लगी हुई है. पहाड़ का टेम्परेचर मैदान को मात देने पर तुला हुआ है. बदरीनाथ-केदारनाथ रोड पर भयानक जाम लगा हुआ है. पेट्रोल नहीं मिल रहा है. लेकिन त्रिवेंद्र रावत और उनकी सरकार पर कोई फर्क नहीं है. पूरी सरकार सब कुछ भूलाकर अपने गुप्ता ब्रदर्स की खातिरदारी में जुटी है.
इस समय पूरे राज्य में गुप्ता ब्रदर्स की शाही शादी की ही चर्चा हो रही है. 200 करोड़ से ज्यादा की शादी. मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए 200 हेलीकॉप्टर. हाईप्रोफाइल गेस्टों की लंबी लिस्ट. राज्य सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस शादी से राज्य को फायदा होगा. बड़े बड़े लोग शादी के लिए उत्तराखंड आएंगे. स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं उत्तराखंड के स्थानीय लोगों का कहना है कि असली कमाई तो बाहर वाले करेंगे. स्विटजरलैंड का वो नर्सरी मालिक कितना खुश होगा जिससे गुप्ता ब्रदर्स 5 करोड़ के फूल खरीद रहे हैं. शामियाना, पंडाल, खाने-पीने के सब आइटम तो बाहरवालों के हैं. लोकल लोगों के हिस्से क्या है? सिर्फ 500 रुपये रोज की दिहाड़ी. एक मजदूर का यही रेट तय हुआ है.
उल्लेखनीय है कि गुप्ता ब्रदर्स अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश उर्फ टोनी गुप्ता मूल रूप से पश्चिमी यूपी के सहारनपुर के हैं और ये लोग कारोबार के लिए 1994 में दक्षिण अफ्रीका गए. वहां पर उन्होंने सत्ता और अधिकारियों के साथ ऐसा गठजोड़ कायम किया कि दक्षिण अफ्रीका का पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा भी उनकी जेब में रहने लगा. गुप्ता ब्रदर्स के बारे में यहां तक कहा जाने लगा कि सत्ता का चेहरा बेशक जैकब जुमा हैं लेकिन शासन असल में यही गुप्ता ब्रदर्स चलाते हैं.
गुप्ता बंधुओं के खिलाफ मार्च 2018 में अचानक तब हवा बहने लगी, जब देश के पूर्व उप वित्त मंत्री ने मसोबीसी जोनास ने दावा किया कि गुप्ता बंधुओं ने फाइनेंस मिनिस्टर को पद से हटाने के लिए सौदेबाजी की है. जोनास के बयान के बाद वहां भूचाल आ गया क्योंकि जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओ के बीच पहले से सांठगांठ की खबर आ रही थी. जो बात दक्षिण अफ्रीका में दबी जुबां में कही जाती थी, वो बात जोनास ने खुलकर कह दी है और इसी के बाद पूरे देश में जैकब जुमा और गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. गुप्ता ब्रदर्स की गिरफ्तारी और उनकी अकूत संपत्ति जब्त करने की मांग होने लगी. माहौल खराब देखकर गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका से फरार होकर दुबई पहुंच गये. उनके खिलाफ इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी हुई. दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका के स्टॉक एक्सचेंज और वहां के स्थानीय बैंकों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी कई संपत्तियों को जब्त कर लिया. इनकी संपत्ति का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2016 में अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर अश्वेत बन गए थे. तब उनकी संपत्ति करीब 55 अरब रुपये बताई गई थी. ये बस एक भाई की दौलत है. बाकी दोनों भाइयों का अलग है.
अब इन्हीं गुप्ता बंधुओं में से अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के बेटे की शादी उत्तराखंड के औली में होने जा रही है. पहली शादी अजय गुप्ता के बेटे सूर्यकांत की है. दूसरी शादी अतुल गुप्ता के बेटे शशांक की है. दोनों शादी के लिए पांच करोड़ रुपये के फूल स्विटजरलैंड से मंगाये जा रहे हैं. वहीं मेहमानों को औली तक लाने ले जाने के लिए करीब 200 हेलिकॉप्टर किराए पर लिए गए हैं. इस शादी के लिए 100 पंडित बुक किए गए हैं. शादी का कार्ड चांदी से बना है, जिसका वजन करीब साढ़े 4 किलो है. इस पूरी शादी पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य सरकार की दलील है कि ऐसी हाईप्रोफाइल शादी से राज्य को कमाई होगी लेकिन जोशीमठ के प्रकाश रावत की राय कुछ और दिखी. उन्होंने पूछा कि इस शादी से उत्तराखंड का कैसे भला होगा? गुप्ता ब्रदर्स ने कोर्ट में कहा है कि उन्होंने शादी के लिए स्थानीय प्रशासन को 30 लाख रूपया दिया है लेकिन जरा ये सोचिए कि इस शादी से औली में नुकसान कितना होगा? पर्यावरण का क्या होगा? इस शादी की वजह से स्थानीय लोगों के सामान्य कामकाज प्रभावित हुए हैं जिससे वो नाराज हैं. स्थानीय लोगों की नाराजगी की खबर शायद गुप्ता ब्रदर्स तक भी पहुंच चुकी है. यही वजह है कि वो स्थानीय लोगों की नाराजगी दूर करने में जुटे हैं.
औली में जहां शादी हो रही है, उसी से सटा है सुनील गांव. सोमवार को गुप्ता ब्रदर्स की तरफ इस गांव के भी सभी लोगों को भोज दिया गया. शादी समारोह के दौरान भी भोज का वादा किया गया है. खबर यहां तक है कि समारोह के दौरान पूरे औली में गुप्ता ब्रदर्स की तरफ से मुफ्त चाय-नाश्ता का प्रबंध रहेगा और औली में लगनेवाले हाईप्रोफाइल ग्रामीण हॉट और स्टॉल में बिकने वाला सामान स्थानीय लोगों और मेहमानों को फ्री में मिलेगा.
उसी सुनील गांव के एक युवक का कहना है- ‘ये गुप्ता ब्रदर्स गांववालों को एक टाइम का फ्री खाना खिलाकर आखिर क्या साबित करना चाहते हैं? पहाड़ हमारे, नदी हमारी, औली हमारा। जब वो अपने बेटों की शादी में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसकी वाजिब कीमत चुकाएं. स्थानीय लोगों को कमाई का मौका दें. क्या आप सोच सकते हैं कि केवल 30 लाख रूपये में औली जैसी जगह उन्हें दुनिया के किसी कोने में मिल सकती थी?’
गौरतलब है कि बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती भी इस शाही शादी को लेकर अपनी नाराजगी जता चुकी हैं. राज्य में बीजेपी की ही सरकार है. इसके बावजूद उन्होंने कहा है- “भारत में अमीर और गरीब के बीच गहरी खाई है। अभी जोशीमठ जैसी जगह पर जहां पेयजल का घोर संकट है और आसपास के गांव में गरीबी फैली हुई है, वहां ऐसी शादी गरीबों का अपमान है। यह शादी अमीर और गरीब की खाई को और गहरा कर देगी। शादी में इस तरह के खर्चों की वजह से ही माओवाद और नक्सलवाद पैदा हुआ है।”
जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार उमा भारती की बात को आगे बढ़ाते हैं- “ये गुप्ता ब्रदर्स तो शादी के बाद यहां से चले जाएंगे. पीछे छोड़ जाएंगे ढेर सारा कचरा. उसे साफ कराने का जिम्मा नगरपालिका के मत्थे. राज्य सरकार ने इतनी बड़ी शादी को लेकर ना तो पहले से कोई सूचना दी, ना ही कोई प्लानिंग की है. सारे कायदे कानून को ताक पर रखकर गुप्ता ब्रदर्स को शादी की इजाजत मिली है.”
गुप्ता ब्रदर्स पर ये भी आरोप है कि इन्होंने दक्षिण अफ्रीका के अपने निजी सुरक्षाकर्मियों की भी सैलरी नहीं दी और अब ये वहां से फरार होकर दुबई में रह रहे हैं. साउथ अफ़्रीका के सभी बड़े बैंक ने गुप्ता फ़ैमिली के सभी खाते बंद कर दिए थे. आरोप यहाँ तक है, जिनकी जाँच चल रही है की ग्रामीण डेरी विकास के लिए लिए लिये गए फ़ंड्स का भी गुप्ता बंधुओ ने अपनी एक ऐसी ही २०० करोड़ वाली शादी में लगा डाला. साउथ अफ़्रीका द्वारा एक आयोग का गठन किया गया है जो अब इनके द्वारा किए गए काले कारनामों की जाँच कर रहा है। और जिसके सामने गुप्ता बंधुओ को पेश होना है. ब्रिटेन के एक अख़बार द्वारा ये भी ख़ुलासा किया गया था कि गुप्ता बंधुआ द्वारा जो काला धन साउथ अफ़्रीका से बाहर भेजा गया है उसकी जाँच अमेरिका की सबसे बड़ी एजेंसी FBI भी कर रही है. वॉशिंगटन पोस्ट के हवाले एक ख़बर ये भी आयी थी कि कनाडा के आयात-निर्यात बैंक द्वारा लोन पर लिया गया प्लेन नम्बर sporting tail number ZS-OAK, Canada गुम हो गया है यानी गुप्ता बंधुओ ने ग़ायब कर दिया है. साउथ अफ़्रीका की सबसे बड़ी जाँच एजेंसी HAWK ने गुप्ता बंधुओ के साउथ अफ़्रीका वाले घर पर रेड की लेकिन गुप्ता बंधु समय की उस से पहले ही रफ़ूचक्कर हो चुके थे. गुप्ता बंधुओ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपो के चलते सौर अफ़्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को अपने पद से हाथ धोना पड़ा.
उसी गुप्ता बंधुओं की खातिरदारी के लिए पुरी उत्तराखंड सरकार बिछ गई है. तो क्या यही है भाजपा नेताओं का असली चाल चरित्र चेहरा? त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के लिए ये कोई नई बात नहीं है. जब से त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने हैं, तब से वो इसी अंदाज में शासन चला रहे हैं. कई मामलों में दिखा है कि संवैधानिक कायदा-कानून उनके लिए खास मायने नहीं रखता है. वो अपना खुद का कायदा कानून तय करते हैं.
पत्रकार और समाजसेवी सुजीत सिंह ‘प्रिंस’ की रिपोर्ट.