Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

कानपुर में दैनिक जागरण के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ने के लिए इस पत्रकार को एक ईमानदार और जीवट वकील चाहिए, देने के लिए कोई फीस नहीं है!

हरेंद्र प्रताप सिंह-

मैंने दैनिक जागरण समूह पर उत्पीड़न का केस किया है। केस महानगर मजिस्ट्रेट -02 की न्यायमूर्ति अक्षिता मिश्रा जी देख रही हैं। बहुत से वकीलों से संपर्क किया, लेकिन वह हिम्मत हार गए। आज एक बेहद वरिष्ठ वकील साहब ने यह कहकर केस वापस कर दिया कि साक्ष्य बहुत मजबूत हैं, लेकिन कोई भी मजिस्ट्रेट न तो इसमें जागरण को तलब कर सकता है न केस को खारिज कर सकता है। इसलिए समझौता कर लो। कहा लड़ोगे जागरण जैसे ग्रुप से। यदि किसी मजिस्ट्रेट ने फैसला कर भी दिया जागरण के खिलाफ तो जागरण उस मजिस्ट्रेट के खिलाफ इतना लिखेगा कि उसका करियर खराब कर देगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैंने कहा बरेली में एक कर्मचारी केस जीता है तो वकील साहब बोले बरेली की बात अलग है यहां जागरण का प्रभाव सबसे ज्यादा है। समझौता कर लो। मैंने कहा कोई जिम्मेदार बात नहीं करता इधर उधर के लोगों के फोन आते हैं। वकील साहब ने रास्ता बताया कि उसी फोन करने वाले को माध्यम बनाओ। जागरण के जिम्मेदार सीधे इसलिए बात नहीं करते क्योंकि उसकी हालत इस केस में खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है। हम वकील साहब का सम्मान करते हैं इसलिए उनका नाम नहीं लिख रहे। ऐसा केवल एक वकील ने नहीं किया। कई लोग दैनिक जागरण के खिलाफ खड़े होने से पीछे हट गए।

ऐसा ही रॉबी शर्मा जी के साथ हुआ था। उनका केस भी दैनिक जागरण के खिलाफ था। वह वकीलों की खोज में भटक रहे थे। तब उनका सहारा खुद उनके पास आकर बने थे हाईकोर्ट के वकील राहुल मिश्रा। उन्होंने निशुल्क केस लड़कर जिताया था। क्या कानपुर कचहरी में कोई ऐसा अधिवक्ता है जो दैनिक जागरण के खिलाफ खड़ा होकर मुझे न्याय दिला सके। हमारे वकील साहब इसलिए हिम्मत हार गए क्योंकि हो सकता है उनका सोचना ठीक हो या हो सकता है कि वह दैनिक जागरण में किसी उच्च अधिकारी और मालिक के मित्र हों। इस केस में तमाम सुबूत ऐसे हैं जिनमें बड़ी सजा का प्रावधान है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक उदाहरण मैं देता हूं। कंपनी ने लेटर पैड पर लिखकर दिया है कि मै कभी उनका कर्मचारी नहीं रहा, लेकिन मेरे पास पीएफ कटौती का कागज है। कूट रचित दस्तावेज पेश करने में केवल इसी मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान है। मैंने रॉबी शर्मा की तरह हिम्मत नहीं हारी है। आज तक मुझ पर मेरे परिवार पर कोई पुलिस केस नहीं हैं। रॉबी शर्मा की तरह मुझपर दवाब बनाने के लिए हरिजन एक्ट का कोई अन्य झूठा मुकदमा भी लगवाया जा सकता है। केस के 9 आरोपित मुझ पर हमला भी करवा सकते हैं। कोई न्यायप्रिय वकील साहब अगर इच्छुक हो तो 6387050866 पर छोटे भाई को फोन करके न्याय दिलाने को मेरा केस लड़ सकते हैं।


कानपुर कचहरी के एक केस में वकीलों की बड़ी कद्र हो रही है। पीड़ित जो भी वकील करता है कुछ समय बाद वह विरोधी पार्टी के प्रवक्ता बन जाते हैं। कानपुर के जितने भी वकील एक औद्योगिक घराने के खिलाफ केस में शामिल होना चाहें हो सकते हैं। सभी का स्वागत है। हम भी देखना चाहते हैं कि कितने वकील खरीदे जा सकते हैं। करे कंपनी पैसे खर्च । मिल रहा है तो सब अधिवक्ता बंधु इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं। हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम फीस नहीं दे पाएंगे। सभी लोग हमसे सुबूत की फोटोकॉपी करवाकर ले लें। इसका खर्च उनको ही वहन करना होगा। हम एक मौका दे रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अभी हमारी और हमारे बाबा की तबियत खराब हैं 4-6 दिन शहर से बाहर रहेंगे। 6387050866 पर इच्छुक अधिवक्ता संपर्क कर सकते हैं। हम 16 साल से पत्रकार हैं। किसी अधिवक्ता से कभी दो रुपए लिए बिना सदैव उनके समाचार छापे हैं। इसलिए अब आप लोगों को इस अभियान में भाग लेकर मेरा कर्ज चुकाने के साथ अपना फायदा करना है।

हरेंद्र प्रताप सिंह

Advertisement. Scroll to continue reading.

दैनिक जागरण कानपुर

(नोट- न हमने जागरण छोड़ा न जागरण ने लिखित में हमको निकाला इसलिए नाम के साथ जागरण लिखा है।)

Advertisement. Scroll to continue reading.
4 Comments

4 Comments

  1. Mahamajithia Mission

    March 20, 2023 at 12:22 am

    Contact [email protected]
    Namonarayan Saini PRO
    Santosh Jaiswar PRO
    M Madhavan
    Nagesh Kumar Pandey
    Ganesh Upadhyay
    Vijay Durge
    Aap logon ki madad ki jayegi
    They all are working for the benefit of print media people
    Send email request

  2. ram singh

    March 21, 2023 at 7:36 pm

    पास के ही विधिक सेवा केंद्र जाएं और नि:शुल्क वकील के लिए अप्लाई करें। हां, कुछ वकील ढीठ होते हैं।पैसा न मिलने पर बार बार धमकी देते हैं कि मैं केस नहीं लड़ूंगा तो बोल देना मत लड़। लिखकर दे दे मुझे दूसरा वकील मिल जाएगा।
    और धमकी देने वाला वकील कभी ऐसा नहीं करेगा। क्योंकि विधिक सेवा से मुझे पैसा मिलता है और यदि वह केस छोड़े तो दोबारा उन्हें विधिक सेवा में काम करने का मौका नहीं मिलेगा।

  3. harendra pratap singh

    March 22, 2023 at 7:19 pm

    आभार यशवंत जी : भड़ास पर खबर लगने के बाद दैनिक जागरण के खिलाफ केस लड़ने को लगी दिग्गज वकीलों की कतार
    कानपुर। आभार यशवंत जी भड़ास पर खबर छपने के बाद दैनिक जागरण कानपुर के खिलाफ केस लड़ने को दिग्गज वकीलों की लाइन लग गई है। यह आभार जताया है। दैनिक जागरण कानपुर के 8 अधिकारीयों और प्रधान संपादक संजय गुप्ता के खिलाफ उत्पीड़न का क्रिमिनल केस करने वाले हरेंद्र प्रताप सिंह ने।
    उनका कहना है कि वह यह नहीं कह रहे कि वकील बिक चुके हैं, लेकिन यह समझ से परे है कि एक वकील केस दाखिल कराने के बाद एक भी तारीख पर नहीं गए। दूसरे 202 के बयान कराकर चुप हो गए। तीसरे ने पूरा खेल कर दिया। खुद भी एक भी तारीख पर नहीं गया और पीड़ित को भी माननीय जज को गलत बताकर न जाने की सलाह दी, ताकि तीन बार गैरहाजिर होने के कारण केस खारिज हो जाए, लेकिन पीड़ित जाता रहा। इस पर खिसियाकर केस वापस करते हुए कहा कि जागरण के खिलाफ कोई जज फैसला ही नहीं देगा। केस में सुबूत इतने हैं कि कोई उसे खारिज भी नही करेगा। इसलिए तुम समझौता कर लो। लेबर कोर्ट में लड़ो। यहां कहा चक्कर में पड़े हो। इस महान वकील ने तारीख से एक दिन पूर्व यह कहकर गुमराह किया था कि तुम्हारी जज कल हमेशा की तरह छुट्टी पर हैं इसलिए मत आना, लेकिन पीड़ित कोर्ट गया तो वकील गायब और माननीय जज साहब बहस सुन रही थीं। भड़ास की मदद के बाद एक दिग्गज मीडिया मालिक के खिलाफ फिर करवाकर उसे जेल भिजवाने वाले एक हाईकोर्ट, तीन कानपुर और एक अन्य जिले की महिला अधिवक्ता मजबूती से केस को अंजाम तक ले जाने के लिए भड़ास पर खबर देखकर खुद फोन करके हामी भर चुके हैं। एक बार फिर से जय यशवंत जी, जय भड़ास, जिंदाबाद यशवंत जी, जिंदाबाद भड़ास।

  4. harendra pratap singh

    March 22, 2023 at 7:20 pm

    आभार यशवंत जी : भड़ास पर खबर लगने के बाद दैनिक जागरण के खिलाफ केस लड़ने को लगी दिग्गज वकीलों की कतार
    कानपुर। आभार यशवंत जी भड़ास पर खबर छपने के बाद दैनिक जागरण कानपुर के खिलाफ केस लड़ने को दिग्गज वकीलों की लाइन लग गई है। यह आभार जताया है। दैनिक जागरण कानपुर के 8 अधिकारीयों और प्रधान संपादक संजय गुप्ता के खिलाफ उत्पीड़न का क्रिमिनल केस करने वाले हरेंद्र प्रताप सिंह ने।
    उनका कहना है कि वह यह नहीं कह रहे कि वकील बिक चुके हैं, लेकिन यह समझ से परे है कि एक वकील केस दाखिल कराने के बाद एक भी तारीख पर नहीं गए। दूसरे 202 के बयान कराकर चुप हो गए। तीसरे ने पूरा खेल कर दिया। खुद भी एक भी तारीख पर नहीं गया और पीड़ित को भी माननीय जज को गलत बताकर न जाने की सलाह दी, ताकि तीन बार गैरहाजिर होने के कारण केस खारिज हो जाए, लेकिन पीड़ित जाता रहा। इस पर खिसियाकर केस वापस करते हुए कहा कि जागरण के खिलाफ कोई जज फैसला ही नहीं देगा। केस में सुबूत इतने हैं कि कोई उसे खारिज भी नही करेगा। इसलिए तुम समझौता कर लो। लेबर कोर्ट में लड़ो। यहां कहा चक्कर में पड़े हो। इस महान वकील ने तारीख से एक दिन पूर्व यह कहकर गुमराह किया था कि तुम्हारी जज कल हमेशा की तरह छुट्टी पर हैं इसलिए मत आना, लेकिन पीड़ित कोर्ट गया तो वकील गायब और माननीय जज साहब बहस सुन रही थीं। भड़ास की मदद के बाद एक दिग्गज मीडिया मालिक के खिलाफ फिर करवाकर उसे जेल भिजवाने वाले एक हाईकोर्ट, तीन कानपुर और एक अन्य जिले की महिला अधिवक्ता मजबूती से केस को अंजाम तक ले जाने के लिए भड़ास पर खबर देखकर खुद फोन करके हामी भर चुके हैं। एक बार फिर से जय यशवंत जी, जय भड़ास, जिंदाबाद यशवंत जी, जिंदाबाद भड़ास।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement