आजकल आपाधापी के दौर में कौन किसी दूसरे के सुख-दुख के लिए जीता है. दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार नीलू रंजन ने एक ऐसा उच्च मापदंड रचा है जिसे सुनकर हर पत्रकार गर्व कर सकता है. उन्होंने एक परिवार के दुख में न सिर्फ शामिल हुए बल्कि उस परिवार के हिस्से बन गए.
बात वर्ष 2007 की है. नीलू रंजन अपनी कार से इंडिया गेट इलाके से गुजर रहे थे. सोनू नाम का एक लड़का आइसक्रीम बेचने का काम करता था. उसकी आइसक्रीम की रेहड़ी नीलूरंजन की कार से टकरा गई. इस कार दुर्घटना में सोनू की मौत हो गई. दुर्घटना होने के बाद नीलूरंजन ने वहाँ से भागने और पहचान छुपाने की बजाय वहीं रुक गए. सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद लड़के के घर वालों से जाकर मिले. उन्हें पूरी बात बताई. दुख में लगातार सोनू के परिजनों के साथ खड़े रहे.
इस दुखी परिवार को बीमा कंपनी से मुआवज़ा दिलाने में पूरी मदद की. इस व्यवहार के कारण अदालत में पीड़ित परिवार बेटा खोने के बावजूद नीलूरंजन के पक्ष में खड़ा रहा. 2011 में अदालत ने इसे दुर्घटना मानते हुए केस बंद कर दिया. केस बंद होने और बरी होने के बाद भी पीड़ित परिवार के साथ नीलूरंजन का एक अटूट रिश्ता क़ायम रहा.
नीलूरंजन हर सुख-दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहे. इसी 15 मार्च को दुर्घटना में मारे गए सोनू की बड़ी बहन की शादी हुई. शादी में नीलूरंजन ने एक भाई की तरह सभी ज़िम्मेदारियों को निर्वाह किया. पीड़ित परिवार नीलूरंजन को एक आरोपी की तरह नहीं बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में देखता है.
सोनू के परिजन नई दिल्ली में राजेंद्र प्रसाद रोड पर बने सर्वेंट क्वार्टर में रहते हैं.
देखिए सोनू की बहन की शादी की कुछ तस्वीरें जिसमें नीलूरंजन भाई की तरह सोनू की बहन को आशीर्वाद दे रहे हैं-