प्रॉविडेंट फंड में निवेश करने वाले वैसे लोग, जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, उन्हें टैक्स की भारी मार झेलनी पड़ेगी। फाइनेंस बिल के नए प्रस्ताव के मुताबिक 5 साल से पहले पीएफ का पैसा निकालने वालों को 10.3 फीसदी से लेकर 30.9 फीसदी तक का टैक्स देना पड़ेगा। नया प्रस्ताव 1 जून से लागू हो गया है।
नए प्रस्ताव के तहत 5 साल से पहले पीएफ से पैसे निकालने पर टैक्स लगेगा और एंप्लॉयर 10.3 फीसदी टीडीएस काटकर पीएफ का पैसा देंगे। 30,000 रुपए से ज्यादा की रकम निकासी पर टैक्स लगेगा। पैन नहीं होने पर निकाली गई रकम पर 30.9 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
अब तक टैक्स स्लैब के मुताबिक टीडीएस काटकर पैसा मिलता था। लेकिन अब नए नियम का ईपीएफओ के 90 फीसदी मेंबर्स को नुकसान हो सकता है। ईपीएफओ के 90 फीसदी मेंबर्स के पास पैन नहीं है। जानकारों के मुताबिक 30,000 रुपए की सीमा बेहद कम है। वहीं बड़ी तादाद में ईपीएफओ मेंबर इनकम टैक्स की सीमा से बाहर हैं, ऐसे में टैक्स रिफंड के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अर्जी देनी पड़ेगी।
साथ ही सरकार ने ईपीएफओ को इसके कुल इन्वेस्टिबल फंड का 5 फीसदी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में लगाने की अनुमति दे दी है। इसके बाद मौजूदा वित्त वर्ष में शेयर बाजार में ईपीएफओ करीब 5000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकता है।
श्रम मंत्रालय ने इस मकसद से ईपीएफओ के लिए नए इन्वेस्टमेंट पैटर्न की अधिसूचना जारी कर दी है। माना जा रहा है कि इस वित्त वर्ष में ईपीएफओ का निवेश करने योग्य फंड 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। फिलहाल ईपीएफओ का कुल फंड 6.5 लाख करोड़ रुपए का है। आने वाले वर्षों में ईपीएफओ इक्विटी मार्केट में ज्यादा निवेश का इरादा बना सकता है।