नवभारत अखबार में पीएफ अधिकारियों का छापा, पकड़ी बड़ी गड़बड़ी

मुम्बई से एक बड़ी खबर आरही है। यहां मुम्बई के चर्चित हिंदी दैनिक नवभारत के नई मुम्बई में सानपाड़ा स्थित कार्यालय में निर्भीक कर्मचारी और मजीठिया क्रांतिकारी अरुण कुमार गुप्ता की शिकायत पर भविष्य निधि (पीएफ़) डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने छापा मारा है। अरुण गुप्ता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए फेसबुक वॉल पर ये लिखा है…

पीएफ घोटालेबाज यूएनआई के खिलाफ कार्यवाही शुरू

हाल ही में पॉयनियर अखबार में एक खबर छपी है. इसमें बताया गया है कि पीएफ घोटालेबाजों में न्यूज एजेंसी यूएनआई भी है और इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. खबर के मुताबिक यूएनआई पर अपने कर्मचारियों के पीएफ का 3.81 करोड़ रुपये बकाया है. इसकी वसूली के लिए यूएनआई की संपत्तियों को जब्त करने का काम पीएफ डिपार्टमेंट ने शुरू कर दिया है. पढ़िए पायनियर अखबार में प्रकाशित पूरी खबर….

पीएमओ को लेटर लिखने पर ‘जनसंदेश टाइम्स’ पत्रकार विनायक राजहंस को पीएफ राशि देने को मजबूर हुआ

Vinayak Rajhans : पिछले करीब दो साल से अपने पीएफ की राशि को पाने के लिए मेरा संघर्ष रंग लाया. मेरे पूर्व नियोक्ता ‘जनसंदेश टाइम्स’ और पीएफ ऑफिस लखनऊ की उदासीनता के चलते इनके खूब चक्कर लगाने पड़े. मेरे पीएफ खाते में पैसे ही नहीं जमा किए गए थे जबकि वेतन से काटा गया था.

भविष्य निधि पर टैक्स मोदी सरकार के गले की फांस बनी, सफाई देने के चक्कर में ज्यादा बुरे फंसे

भविष्य निधि के भविष्य को लेकर नौकरीशुदा लोगों का वर्तमान परेशान हो गया है। क्या वित्त मंत्री अपने इस फैसले को वापस लेंगे, ऐसा तो कोई संकेत नहीं है कि नहीं लेंगे। बल्कि सूत्र आधारित जानकारी के अनुसार बीजेपी और सहयोगी दलों के सांसदों के साथ बैठक में उन्होंने उत्सुक सांसदों को कारण समझाने का प्रयास तो किया लेकिन वापसी की मांग को देखते हुए कह गए कि फैसला प्रधानमंत्री लेंगे। तो क्या ये फैसला प्रधानमंत्री का था या वित्त मंत्री ने ये कहना चाहा कि वे अपने इस फैसले पर अड़े रहेंगे। मंगलवार को एक बार फिर से राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने सफाई दी कि पीपीएफ पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

न्यूज एक्सप्रेस एमपी-सीजी चैनल ने अपने मीडियाकर्मियों के लाखो रुपए के पीएफ पर डाला डाका

चिटफण्ड कंपनी साईं प्रसाद ने अपने रीजनल मीडिया न्यूज चैनल न्यूजएक्सप्रेस मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के मीडियाकर्मियों के पीएफ में बड़ा घोटाला किया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब इस चैनल से इस्तीफा देने के बाद मीडियाकर्मियों ने अपने अंतिम माह की सैलरी और पीएफ की माँग की। तब मीडियाकर्मियों को पता चला की न्यूज़ चैनल ने मीडियाकर्मियों की सैलरी में से पीएफ काटा लेकिन जमा ही नहीं किया था।

ये पत्रकारों का दोस्त है या दुश्मन, जांच अधिकारी ही बदलवा दिया!

मामला जनसंदेश टाइम्स, बनारस यूनिट का है, जहाँ अभी बीते सप्ताह PF घोटाले वाली जाँच में नए कोतवाल रतन सिंह यादव जाँच आगे बढ़ाने पर तुल गये थे। कई बार पुलिस पहुंची अखबार के दफ्तर, लेकिन सम्पादक रवींद्र कुमार गायब हो जाते ऐन मौके पर। अंत में पत्रकार विजय विनीत ने दबाव डालकर जांच अधिकारी ही बदलवा दिया। कैसे कैसे लोग हैं पत्रकारिता के नाम पर कलंक। 

सहारा वाराणसी के खिलाफ पीएफ का मामला भी उठा, जाँच के आदेश

मजीठिया वेज बोर्ड की माँग को लेकर जनवरी 2015 से सक्रिय राष्ट्रीय सहारा वाराणसी में कार्यरत चीफ़ रिपोर्टर सुभाष पाठक ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के साथ ही अब स्थानीय श्रम कार्यालय में भी लिखित शिकायत की है। पाठक ने ऐसा मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुनवाई के दौरान 28 अप्रैल 2015 को जारी आदेश के मद्देनजर किया है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत राय सहाराए जयब्रत राय एवं सुशांतो राय को पार्टी बनाया है । 

अब पांच साल से पहले पीएफ निकालना पड़ेगा महंगा

प्रॉविडेंट फंड में निवेश करने वाले वैसे लोग, जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, उन्हें टैक्स की भारी मार झेलनी पड़ेगी। फाइनेंस बिल के नए प्रस्ताव के मुताबिक 5 साल से पहले पीएफ का पैसा निकालने वालों को 10.3 फीसदी से लेकर 30.9 फीसदी तक का टैक्स देना पड़ेगा। नया प्रस्ताव 1 जून से लागू हो गया है।

पीएफ का साढ़े चार करोड़ कब जमा कराएगा यूएनआई प्रबंधन

नई दिल्ली : यूएनआई मैनेजमेंट ने कर्मचारियों का पीएफ का करीब साढ़े चार करोड़ रुपये बकाया कर रखा है। इस मामले में कुछ दिन पहल खबर आई थी कि पीएफ का पैसा जमा न करने के लिए संसद मार्ग थाने में शिकायत कराई गई है। लेकिन अब तक इस दिशा में न तो प्रशासन ने और न ही यूएनआई मैनेजमेंट ने ही कोई फैसला लिया है। 

कानपुर से संचालित ‘के. न्यूज’ चैनल तो पीएफ चोर निकला!

महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि ”के. न्यूज चैनल 24×7” में कार्यरत किसी कर्मचारी को पीएफ नहीं दिया जा रहा है. दो वर्ष से फर्म चल रही है जिसमें पीफ के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. सबसे दुखद ये है कि ये लोग पीएफ के नाम पर हर महीने 12% सेलरी काट ले रहे हैं लेकिन इसे जमा नहीं कर रहे हैं. इस कारण किसी इंप्लाई को उसका पीएफ नम्बर तक नहीं दिया गया.

जनसंदेश टाइम्स के मुद्रक-संपादक पर लटकने लगी गिरफ्तारी की तलवार

बनारस में नया साल जनसंदेश टाइम्स प्रबंधन के लिए मुसीबतों की सौगात लेकर आया। 2015 के पहले दिन कर्मचारियों का वेतन हड़पने और उत्पीलड़न के मामले में प्रबंधन को पुलिस की झिड़की सुननी पड़ी, वहीं दूसरे दिन कर्मचारियों के पीएफ का धन नहीं जमा करने के मामले में मुद्रक और संपादक के खिलाफ पीएफ इंस्पेक्टर की तहरीर पर चेतगंज थाने में अमानत में खयानत और गबन का मुकदमा दर्ज हो गया। अब उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। साल का तीसरा दिन भी सही सलामत नहीं बीता। बकाया का भुगतान नहीं करने पर बिजली विभाग ने अखबार के दफ्तर की बत्ती गुल कर दी।

जनसंदेश टाइम्‍स प्रकरण : श्रम मंत्रालय ने राज्‍य सरकार से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

जनसंदेश टाइम्‍स प्रबंधन पर सरकार का शिकंजा लगातार कसता चला जा रहा है। मानवाधिकार आयोग में कर्मचारियों के उत्‍पीड़न का मामला दर्ज होने और उसके बाद भविष्‍य निधि कार्यालय की टीम द्वारा छापेमारी की कार्रवाई के बाद अब केन्‍द्रीय श्रम मंत्रालय ने जनसंदेश टाइम्‍स कर्मियों के उत्‍पीड़न मामले को लेकर राज्‍य सरकार को कार्रवाई का निर्देश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। बनारस में जनसंदेश टाइम्‍स के कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं देने और मनमाने तरीके से निकाले जाने को लेकर मिली शिकायत को संज्ञान में लेते हुए केन्‍द्रीय श्रम मंत्रालय ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव, श्रम रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग श्री शैलेश कृष्‍णा को लिखे पत्र संख्‍या- वी- 24032/1/2014 में जनसंदेश टाइम्‍स बनारस के कर्मियों को कई माह से वेतन नहीं दिये जाने, वेज बोर्ड के नियमों के विपरीत मनमाने तरीके से वेतन का निर्धारण और मनमाने तरीके से कर्मचारियों को निकाले जाने के मामले में कार्रवाई करने के साथ ही कृत कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

पर्ल ग्रुप पर पीएफ डिपार्टमेंट का छापा, बड़ा गड़बड़-घोटाला मिला

पर्ल ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले निवेशकों को सपना दिखाकर उनसे उनकी गाढ़ी कमाई लूट कर धोखा किया गया और अब पर्ल्स ग्रुप के अधीन चल रहे न्यूज़ चैनल ‘पी7’की स्थिति लगातार चरमराती चली जा रही है। जहाँ चैनल ने अपने कर्मचारियों को सितम्बर से अब तक सैलरी नहीं दी है और मामला लेबर कमिश्नर की चौखट पर है वहीं बेशरमी की हद पार करते हुए चैनल का एक और फ्रॉड सामने आया है।  ताजा मामला पीएफ से जुड़ा हुआ है।  बताया जा रहा है कि चैनल ने पिछले सात महीने से कर्मचारियों का पीएफ ही नहीं जमा किया है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब पीएफ डिपार्टमेंट की स्क्वाड टीम ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे चैनल में छापा मारा।