Dinesh Choudhary : इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला गौरतलब है। आप प्रेसवाले नहीं हैं और प्रेस लिखते हैं तो चारसौबीसी के मामले में जेल जा सकते हैं। पर आप प्रेस वाले हैं और पत्रकारिता न कर कुछ और करते हैं, तब कौन-सा मामला बनता है?
थिएटर एक्टिविस्ट और जर्नलिस्ट दिनेश चौधरी की एफबी वॉल से.
Comments on “कोई मीडिया वाला अगर पत्रकारिता न कर रहा हो और गाड़ी पर प्रेस लिखवाए हो तो क्या वो भी जेल जाएगा?”
Dinesh ji, Jab aap patrkarita karte hi nahin, to kahe chintit hain…? Apka sawal hi atpataa hai.
Regards
HC dwara uthaya gaya kadam saraahniya hai… Bahut sarey Luchhey-Lafange “PRESS” ka Sticker lagaa kar ghoomte rahte hain aur police dwara kuchh poochhney par aisa Raub dikhate hain, ki lagta hai koi BBC ka Patrakar ho… HC ko Sadhuwad.
प्रेस वाले हैं और पत्रकारिता न कर कुछ और करते हैं, तब कौन-सा मामला बनता है?