राहुल गांधी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी करने पर राहुल के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान अपमानजनक नहीं था. राहुल को कम सजा भी दी जा सकती थी. अधिकतम सजा देने का क्या कारण था… ट्रायल कोर्ट ने सजा तो सुनाई, लेकिन कारण नहीं बताया. यह सब कहते हुए राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.
इस तरह अब जब सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है और इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता भी बहाल होगी तो याद करें ये बातें भड़ास4मीडिया से बातचीत में बहुत पहले ही सामने आ गईं थीं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गाँधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की भविष्यवाणी कांग्रेस के सांसद और दिग्गज वकील विवेक तन्खा ने पहले ही कर दी थी. देखें उनका कुछ रोज पुराना वीडियो…
नीचे दिए वीडियो में चार मिनट अट्ठाइस सेकेंड के बाद राहुल गांधी की सदस्यता के मुद्दे पर विवेक तन्खा को सुनें…
Vivek Tankha Video on Rahul Gandhi
मूल खबर-
गिरीश मालवीय की टिप्पणी-
आज के फैसले की ख़ास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट जानना चाहता है कि राहुल गांधी को अधिकतम सजा क्यों दी गई?
आप किसी भी समझदार व्यक्ति से बात कर के देख लीजिए वो यही बोलेगा कि राहुल गांधी को गलत फंसाया गया था मानहानि के केस में दो साल की जेल की सजा आज तक किसी को देते न देखा गया न सुना गया और वो भी एक साधारण सी बात पर जो लाखों लोगो द्वारा कही सुनी जाती है।
दरअसल एक बात यहां समझना जरूरी है कि आपराधिक मानहानि में 2 साल की सजा अधिकतम सजा होती है और दो साल की सजा के बाद ही आपकी संसद सदस्यता खत्म की जा सकती है।
’लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सज़ा सुनाई जाती है, वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है और यहां अधिकतम ही सजा राहुल गांधी को सुनाई गई।
गुजरात की अदालत ने उन्हें यह सजा देकर बताया कि वह किसके निर्देशों पर चल रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उसके आदेश पर टिप्पणी कर के उपरोक्त तथ्य को स्पष्ट कर दिया है।