बिन भय होय न प्रीत की बात एक बार फिर उच्चतम न्यायालय में चरितार्थ हुई जब न्यायालय की भृकुटी टेढ़ी होते ही राहुल गाँधी के वकील ने खेद जताने की जगह माफ़ी मांग ली। राफेल डील से जुड़े उच्चतम न्यायालय के एक फैसले पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उच्चतम न्यायालय ने उन्हें फटकार लगाई है। न्यायालय ने राहुल से सवाल किया कि हमने कभी नहीं कहा कि ‘चौकीदार चोर है’, आपने ये हमारे नाम से कैसे इस्तेमाल किया? इसके बाद राहुल ने इस उच्चतम न्यायालय के हवाले ‘चौकीदार चोर है’ कहने के लिए उच्चतम न्यायालय से माफ़ी मांग ली है। अब सोमवार को राहुल की तरफ से नया एफिडेविट दाखिल किया जाएगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राहुल गांधी के वकील से पूछा कि जब हमने अपने फैसले में ये बातें (चौकीदार चोर है) नहीं कहीं तो ऐसा क्यों कहा जा रहा है। अदालत ने राहुल गांधी के हलफनामे की भाषा पर भी सवाल खड़े किए हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा है कि दूसरा हलफनामा क्यों दाखिल किया गया है, आपने कहां पूरा खेद जताया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आप अपनी गलती जस्टिफाई कर रहे हैं, जिस पर सिंघवी ने अपनी बात रखने के लिए 10 मिनट मांगे, तो जज ने कहा कि आप 10 नहीं 30 मिनट लें, लेकिन जवाब दें।
अभिषेक मनु सिंघवी ने माना कि उनके हलफनामे में तीन गलतियां हैं, जिसको वह मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह खेद प्रकट करते हैं, जो माफी समान ही है। उन्होंने कहा कि मैं तीन गलतियां मानता हूं, लेकिन हमारा राजनीतिक रुख भी है। सिंघवी बोले कि खेद और माफी समान है, चाहे तो वह डिक्शनरी दिखा सकते हैं। इस पर अदालत ने कहा है कि उसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। सिंघवी ने यह भी कहा कि मैंने तीन गलती की थीं और मैं इनके लिए माफ़ी मांगता हूं। उच्चतम न्यायालय के हवाले से मैंने जो कहा वो सभी गलत था। हालांकि सिंघवी की दलील से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और कोर्ट ने पूछा कि आपकी ये माफ़ी एफिडेविट से क्यों जाहिर नहीं हो रही है। इसके बाद सिंघवी ने कहा कि हम एक नया एफिडेविट फ़ाइल करना चाहते हैं। कोर्ट ने इस पर सहमति दे दी है। अब सोमवार को राहुल की तरफ से नया एफिडेविट दाखिल किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने राहुल से कहा कि आप हमें कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहे हैं, हम अभी इससे ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहते। इसके बाद राहुल के वकील और सीनियर कांग्रेस लीडर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम इस मामले में खेद जाता चुके हैं। इस पर कोर्ट और सख्ती से पेश आया और पूछा कि आपके जवाब में वो ‘खेद’ हमें क्यों नज़र नहीं आ रहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि ब्रैकेट में खेद जताने का क्या मतलब है।
अब इस मसले पर अगली सुनवाई सोमवार को होगी। उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी को हलफनामा दायर करने के लिए एक और मौका दिया है, लेकिन स्पष्ट किया है कि इस मौक को ऐसा ना समझें कि माफी को स्वीकार कर लिया गया है।
राहुल गांधी के अवमानना को लेकर उच्चतम न्यायालय ने मीनाक्षी लेखी के वकील से पूछा कि राहुल पर अवमानना का मामला कैसे बनता है? इस पर वकील ने राहुल का वो बयान पढ़कर सुनाया है, जिसमें उन्होंने कहा था- ”सुप्रीम कोर्ट का बयान भी कह रहा है कि चौकीदार भी चोर है”. इस दौरान उन्होंने कई मीडिया रिपोर्ट भी सामने रखीं।
दरअसल, सोमवार को राहुल गांधी ने एक नया जवाब दाखिल किया था और अपने बयान पर खेद जताया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिका स्वीकारने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि अब उच्चतम न्यायालय भी कह रहा है कि चौकीदार चोर है। इसी पर भारतीय जनता पार्टी की नेता मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी। राहुल ने अपने बयान पर खेद जताते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था और कहा था कि बीजेपी भी बाहर उच्चतम न्यायालय के आदेश को क्लीन चिट बता रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले काफी लंबे समय से राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं। राहुल ने इसी मसले को आक्रामक रुप देते हुए ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था, जिसके जवाब में भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ का कैंपेन सामने लाई।