पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक नर्सिंग होम है. राज नर्सिंग होम नाम से. यहां अगर कोई मरीज चला गया तो उसको इतना दूहा जाता है कि जब तक उसके सारे पैसे खत्म न हो जाएं या फिर वो मर न जाए. अगर संयोग से मरीज बचा रहा और पैसे खत्म हो गए तो उसे गिरवी बना लिया जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ गाजीपुर के करंडा ब्लाक की निवासी याशमीन के साथ. उनका इलाज लंबा चला. तरह तरह की दवाएं डा. रजनी राय और डा. राजेश राय लिखते रहे. बाद में डिस्चार्ज कर दिया लेकिन मर्ज गया नहीं.
नर्सिंग होम से भगा दी गई मरीज याशमीन गेट पर बैठने को मजबूर
कुछ दिन बाद जब तबीयत फिर बिगड़ी तो यशमीन राज नर्सिंग होम पहुंची. वहां डाक्टरों ने जाने कौन सा इंजेक्शन दे दिया कि उनकी तबीयत अचानक तेजी से खराब होने लगी. उन्हें आनन फानन में आईसीयू में एडमिट कराया गया. डाक्टर पैसे पर पैसे वसूलते गए. जब पैसे खत्म हो गए तो उन्हें बंधक बना लिया गया. इस बात की सूचना जब गाजीपुर जिले के समाजसेवी, पत्रकार और गाजीपुर टाइम्स डॉट कॉम के संपादक सुजीत कुमार सिंह को मिली तो वो तुरंत नर्सिंग होम पहुंचे और डाक्टर से बात की.
तब तक डाक्टरों ने मामले की चर्चा शहर में होते और अस्पताल की रेपुटेशन बिगड़ने की आशंका देख याशमीन को तत्काल अस्पातल से बाहर कर दिया. बिगड़ी हालत लिए याशमीन नर्सिंग होम के गेट पर बैठ गईं. इस दौरान सुजीत कुमार सिंह प्रिंस ने याशमीन और उनके परिजन से बातचीत की और उसका मोबाइल से वीडियो बना लिया. राज नर्सिंग होम के कर्ताधर्ता अब सुजीत कुमार सिंह का धमका रहे हैं. सुजीत कुमार सिंह प्रिंस ने बताया कि डाक्टर राजेश राय का फोन आया और उन्होंने अपहरण करा लेने की धमकी दी. साथ ही कहा कि उनके अस्पताल के मामलों में अड़ंगा न डालें.
सुजीत कुमार सिंह पूरे मामले की जानकारी मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को लिखित रूप में देने की तैयारी कर रहे हैं ताकि इस जानलेवा नर्सिंग होम की क्रूरता व अमानवीयता पर लगाम लग सके. इस वीडियो लिंक पर क्लिक करके पूरे मामले को जान सकते हैं : https://www.youtube.com/watch?v=S3RuJxl9WVQ