Samarendra Singh : एन राम से बस एक गलती हुई थी कि उन्होंने खबर छापते वक्त तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी सेंसर कर दी थी. उसके अलावा एन राम ने कुछ गलत नहीं किया. राफेल सौदे से जुड़ी खबर छाप कर उन्होंने देश का भला ही किया है. उनके खिलाफ किसी भी कार्रवाई को मीडिया पर सीधा हमला समझा जाए. पत्रकारों को मिल कर सरकार की ऐसी किसी भी साजिश का पुरजोर विरोध करना चाहिए.
जो सरकार एक संवेदनशील दस्तावेज की हिफाजत नहीं कर सकी वो देश की सुरक्षा कैसे करेगी? वैसे चोरी होने के बाद नैतिक आधार पर रक्षा मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? कितने अफसर बर्खास्त और गिरफ्तार किए गए? इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि ये बेहद संगीन मामला है. देश की सुरक्षा से जुड़े सबसे जरूरी सौदे के दस्तावेज गायब हुए हैं. कोई मामूली बात नहीं है.
Abhishek Shrivastava : चौकीदार ड्यूटी पर रहा। चोरी हो गई। दो ही संभावनाएं बनती हैं। पहली, चौकीदार चोर है। दूसरी, जिसने लीक किया था वो चोर है, यानी हिंदू के राम। चौकीदार को चोर कहूं तो जबान काट ली जाएगी। राम को चोर कहूं तो जबान खुद-ब-खुद जल जाएगी। हिंदुस्तानियों, तय कर लो राम बड़ा या चौकीदार। बाद में मौका नहीं मिलेगा।
Lal Bahadur Singh : प्रशांत भूषण जी द्वारा राफेल पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सरकार ने आज सुप्रीमकोर्ट में कहा कि रक्षामंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज चोरी हो गए !
यह दस्तावेज अख़बार में छापकर सार्वजनिक कर दिया गया जो अपराध है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है!
क्या इसका अर्थ यह है कि अटॉर्नी जनरल ने यह स्वीकार कर लिया कि राफेल डील में जबरदस्त अनियमितता और भ्रष्टाचार का खुलासा करती The Hindu में छपी N Ram की रिपोर्ट सच है? क्या भ्रष्टाचार के सुबूत मिटाने के लिए दस्तावेज चोरी किये गए?
“मोदी हैं तो मुमकिन है ” फेम वाले चौकीदार की नाक के नीचे उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता वाले रक्षा मंत्रालय से चोरी के लिए आखिर Accountable कौन होगा, किसका इस्तीफा होगा, किसे सूली पर लटकाया जायेगा? रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं या उसे उजागर करनेवाले?