वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण वाजपेयी की जिम्सी कानपुर में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नई पारी की शुरुआत

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मुख्यधारा की पत्रकारिता के साथ ही कृषि पत्रकारिता में अपनी विशेष पहचान रखने वाले रामकृष्ण वाजपेयी ने दैनिक जागरण समूह के पत्रकारिता संस्थान जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन, कानपुर में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया है।

रामकृष्ण वाजपेयी का न्यू मीडिया, डिजिटल मीडिया, रेडियो, टीवी पत्रकारिता, कृषि पत्रकारिता का लंबा अनुभव है जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। रामकृष्ण वाजपेयी ने खोजी पत्रकारिता और कृषि व ग्रामीण पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान बनाई है।

आकाशवाणी लखनऊ के किसानों और कृषि पर आधारित कार्यक्रम किसान डायरी से यह लगातार जुड़े हुए हैं। तथा दूरदर्शन के लिए ग्रामोदय व पंचायतराज जैसे कार्यक्रमों से कृषि विकास में अहम भागीदारी निभाने वाले किसानों और ग्राम पंचायतों पर कार्यक्रम करते रहे हैं। रामकृष्ण वाजपेयी ने उत्तर प्रदेश संदेश पत्रिका में किसानों से जुड़े ज्वलंत विषयों पर लगातार रिपोर्टिंग की है।

रामकृष्ण वाजपेयी ने बताया कि संस्थान ने चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के साथ कृषि पत्रकारिता पर दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है जो कि निसंदेह कृषि पर केंद्रित होते कारपोरेट सेक्टर और मार्केट की जरूरतोंके अनुरूप प्रशिक्षित पत्रकारों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाला समय किसान केंद्रित पत्रकारिता के नये युग की शुरुआत का है।

संस्थान ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस फील्ड के लिए डाटा पत्रकारिता, रेडियो जॉकी, वेब रेडियो, पॉडकास्टिंग जैसी नई विधाओं के लिए पत्रकारों को तैयार करना शुरू कर दिया है।

श्री रामकृष्ण वाजपेयी ने लगभग 18 वर्ष बाद जागरण समूह में वापसी की है। श्री वाजपेयी ने पत्रकारिता की शुरुआत 18 वर्ष की उम्र में 1984 में दैनिक जागरण से ही की थी। वह दो दशक तक राष्ट्रीय सहारा लखनऊ और बनारस में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते रहे। समय के बदलाव के साथ 2015 में वह डिजिटल मीडिया पूरी दुनिया में आ गए। इसके बाद पायनियर हिन्दी से होते हुए। योगेश मिश्र के न्यूजट्रैक डाट काम में चीफ न्यूज कोआर्डिनेटर रहे और अब एक बार फिर जागरण संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में शुरुआत की है।

रामकृष्ण वाजपेयी ने डीडी-1 दूरदर्शन लखनऊ केंद्र में विलायत जाफरी, प्रभु झिंगरन और रामेंद्र सरीन, आत्म प्रकाश मिश्र, आलोक द्विवेदी, उमेश मिश्र, जैसी हस्तियों के कार्यक्रमों बात अपनी अपनी, तीसरी आंख, ग्रामोदय, भारतायन आदि के लिए स्क्रिप्ट एंड रिसर्च के साथ शूटिंग में सहयोग करते हुए सौ से अधिक स्क्रिप्ट लिखीं।

मृणाल पांडे के निर्देशन में हरिद्वार कुंभ को कवर किया। जिसे डीडी-1, डीडी नेशनल, डीडी इंटरनेशनल पर प्रसारित किया गया। कुंभ पर विशेष कवरेज के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला। इस दौरान डीडी-1 के लिए दो डाक्यूमेंट्री खबरों के सौदागर और कबीर पर मोको कहां ढूंढे रे बंदे बनायी। रामकृष्ण वाजपेयी आकाशवाणी से 1984 से जुड़े रहे और दो सौ से अधिक स्क्रिप्ट लिखीं। रामकृष्ण वाजपेयी ने आकाशवाणी में सतीश सोनकर, सतीश ग्रोवर, कबीर शाह, संजय पांडे, आशाराम त्रिपाठी, किरन वर्मा, अब्दुल वासे, अनुपम पाठक, मीनू खरे, डॉ. सुरेश कुमार राय जैसी हस्तियों के साथ काम किया है। वर्तमान में किसान डायरी में किसानों के लिए समाचारों का प्रस्तुतिकरण करते रहे हैं।



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