यशवंत-
जब आपको पता हो कि आप के पास वक्त कम है, तब आप बहुत से लोगों को थैंक्यू बोलना चाहेंगे. बहुत से लोगों को माफ करना चाहेंगे. कैंसर पेशेंट Ravi Prakash वरिष्ठ पत्रकार हैं, संपादक रहे हैं कई अखबारों में, इसलिए उन्हें अच्छे से पता था कि फोर्थ स्टेज कैंसर डायग्नोज होने के बाद अब क्या क्या करना है. मैंने उनसे पूछा कि किन किन से माफी मांगना चाहेंगे, किन किन को माफ करना चाहेंगे.
सबसे दुखद जानकारी ये दी कि उनके बहुत करीबी मित्र और परिवार के लोग कैंसर होने के बाद उनसे किनारा कर लिए. कैंसर होने के बाद जीवन को ज्यादा जिंदादिली से जी रहे रवि प्रकाश अब एक कैंसर विशेषज्ञ बन चुके हैं. उनको सुनकर अपने भीतर बहुत कुछ बदल-सा जाता है. जीवन जीने और जीवन को देखने का नजरिया चेंज होने लगता है.
रवि प्रकाश से बातचीत को सुनकर दुख नहीं होता, पीड़ा नहीं होती, समझ विकसित होती है, ज्ञान मिलता है, साहस मिलता है. इसीलिए चाहता हूं कि आप सब जरूर इस इंटरव्यू को देखें और अपने परिजनों को दिखाएं. कैंसर अब बहुत कामन रोग है. किसे कैंसर हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. इसलिए इसकी तैयारी जरूरी है. इसके बारे में अच्छे से जानना जरूरी है.
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