कैंसर पीड़ित मीडियाकर्मियों के लिए प्रत्येक प्रेस क्लब एक कैंसर कोष बनाए, रांची से हो रही है शुरुआत!

Share the news

यशवंत-

आख़िरी स्टेज वाले लंग कैंसर से पीड़ित Ravi Prakash भाई का इंटरव्यू काफ़ी लंबा हो गया। सारे पार्ट आज अपलोड हो गए। ये इंटरव्यू करते सुनते मैं ख़ुद को रवि भाई की जगह रख कर सोच रहा था। उनकी बहुत सी बातें अंदर तक घाव कर गईं। वे कई बातें बताते हुए आंसू नहीं रोक पाए। मैं आज इंटरव्यू करते हुए जैसे ख़ुद को अंदर से बदलता-सा महसूस कर रहा था।

रवि मुझसे तीन साल छोटे हैं। बेहद प्रतिभावान। साहसी, प्रयोगधर्मी और ज़मीन से जुड़े। उन्होंने आँख खोलने वाली कई जानकारियाँ दीं। कैंसर नोटीफाइड डिज़ीज़ में शामिल नहीं है जबकि कैंसर से हर साल तेइस लाख लोग मरते हैं और हर नौ में से एक व्यक्ति कैंसर पीड़ित है। कैंसर के इलाज का खर्च अगर डॉक्टर कागज पर एक रुपया लिखता है तो मानकर चलिए असली खर्च चार रुपए आएगा। आख़िरी स्टेज के कैंसर का इलाज बस चुनिंदा जगहों पर उपलब्ध है। वहाँ जाना रहना ख़ाना तीमारदार का खर्च… बहुत महँगा पड़ता है ये सब।

रवि भाई ने आज मुझे कैंसर पीड़ितों को लेकर नए सिरे से सोचने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने सलाह दी कि हर प्रेस क्लब को कैंसर पीड़ित पत्रकार या पत्रकार के कैंसर पीड़ित परिजन की मदद के लिए एक कैंसर कोष बनाना चाहिए। इस दिशा में रवि ख़ुद राँची में प्रयास कर रहे हैं।

मुझे अंदर से महसूस हो रहा है इसलिए कह दे रहा हूँ कि रवि प्रकाश और Satyendra PS जैसे कैंसर योद्धाओं के लिए हम लोगों को जितना सहयोग करना चाहिए, उतना नहीं कर रहे। नीति नियंताओं से कैंसर के इलाज और दवाओं को लेकर समुचित पालिसी बनाने के लिए जो दबाव बनाना चाहिए, वो हम नहीं बना पा रहे हैं। कैंसर एक भयावह सच है, हममें और हमारे आसपास यह हरपल मौजूद है। इससे हम सब आँख बंद किए हुए बैठे हैं।

इस इंटरव्यू को जरूर देखिए-सुनिए और दूसरों को दिखाइए-सुनाइए.

part one

part two

part three

part four

part five

part six

part seven

संबंधित पोस्ट-

डाक्टर बोला था बस 18 महीने हैं तुम्हारे पास, आज 28 माह बाद भी जिंदा हूं : रवि प्रकाश

भड़ास व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन करें : BWG-11

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *