लखनऊ से ब्रेकिंग न्यूज ये आ रही है कि BSP प्रमुख मायावती को लगा एक और झटका. BSP के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव आरके चौधरी ने दिया इस्तीफा. BSP के संस्थापक कांशीराम के बेहद क़रीबी थे आरके चौधरी. माया सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं आरके चौधरी. हाल में ही बसपा छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एक मीटिंग करने वाले हैं. इस मीटिंग से ठीक पहले BSP को आरके चौधरी के इस्तीफे के रूप में एक और झटका लग गया है.
अब तक यूपी में बसपा को सबसे ज्यादा सीटें लाने वाली पार्टी माना जा रहा था. ऐसा सर्वे बता रहे थे. लेकिन लगातार बड़े विकेट गिरने से बसपा में कोहराम मचा हुआ है. हालांकि ये भी सच है कि जो बसपा से अलग हुआ, उसका करियर तबाह हो गया. लेकिन अबकी माना जा रहा है कि बसपा अब तक के सबसे बड़े मुश्किल दौर से गुजर रही है. मायावती के बेहद खास रहे बड़े नेताओं के लगातार इस्तीफे से यह तो तय है कि बसपा के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कोई बहुत बड़ी दिक्कत है जिसे मायावती अगर ठीक नहीं कर पाईं तो वह पार्टी में अकेले बची रह जाएंगी. मायावती को अपने वर्क कल्चर और वर्किंग स्टाइल को जल्द बदलना होगा और एक डेमोक्रेटिक रवैया अख्तियार करना पड़ेगा.
बहुजन समाज पार्टी के महासचिव आरके चौधरी की गिनती बीएसपी के दिग्गज और राष्ट्रीय नेताओं में की जाती है. आरके चौधरी के इस्तीफे के पीछे की वजह क्या है, इसका खुलासा वह स्वयं प्रेस कांफ्रेंस करके कर रहे हैं. बीएसपी महासचिव आरके चौधरी का इस्तीफे चुनाव से पहले बीएसपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. आरके चौधरी 2007-12 तक बीएसपी सरकार में मंत्री थे. चौधरी की पहचान पार्टी में बड़े दलित नेता के रूप में रही है. पार्टी महासचिव व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की वजह से पहले ही बसपा में हड़कंप मचा है. अभी स्वामी प्रसाद मौर्य का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि आरके चौधरी ने इस्तीफा देकर बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.