शीतल पी सिंह-
नोएडा पुलिस ने जी न्यूज़ के एंकर को छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने से बचाने के लिए आनन फ़ानन में एक मामला दर्ज कर पूछताछ के नाम पर अपने क़ब्ज़े में ले कर ग़ायब कर दिया था।
कुछ देर पहले ही काग़ज़ों में एंकर रोहित रंजन को अरेस्ट दिखा करके हाथोंहाथ थाने से ही जमानत दिखा दी। धाराएँ ही ऐसी दर्ज कर दीं थीं जिनमें थाने से ही ज़मानत दी जा सके !
अब रोहित कहां है, किसी को कुछ नहीं पता ! दरअसल यह सारी क़वायद रोहित को छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने से बचाने की है ।
किसी वांछित अपराधी को फ़रार होने में मदद करना क़ानूनन जुर्म है। देश दुनियाँ की आँखों के समक्ष दिन दहाड़े उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह जुर्म किया है। यही मोदीजी का माडल है! अब छत्तीसगढ़ पुलिस दुबारा एंकर को खोजने की क़वायद में जुटी।
ज्ञात हो कि कल जी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन ने ट्वीट किया था कि बिना स्थानीय (यूपी) पुलिस को बताये छत्तीसगढ़ की पुलिस उनके घर के बाहर खड़ी है। ग़ाज़ियाबाद पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस ने कन्फर्म किया कि दोनों जगह की पुलिस को सूचना है और मजिस्ट्रेट के यहाँ से वारंट भी जारी हुआ है।
जी न्यूज़ ने एक झूठी खबर / वीडियो चलाई थी कि राहुल गांधी ने उदयपुर कांड के अपराधियों को बच्चा कहा है। दरअसल राहुल गांधी ने वायनाड केरल में अपने दफ़्तर पर हुए हमले के लिए आरोपित SFI कार्यकर्ताओं के बारे में यह कहा था लेकिन जी न्यूज़ ने वीडियो का एक अंश ही दिखाकर झूठी खबर बना कर चला दी थी ।
बीजेपी के पूर्व मंत्री और ओलंपियन राज्यवर्द्धन राठौर समेत बीजेपी के एक सांसद और विधायक समेत असंख्य लोगों ने इस झूठे वीडियो को वायरल किया था।
कांग्रेस ने इस मामले में तत्काल खंडन जारी करके छ: राज्यों में पुलिस शिकायत दर्ज करवाई जिसमें से एक में FIR हो गई और यह कार्रवाइ हो रही है।
देश में असहिष्णुता ख़त्म हो चुकी है और फेक न्यूज़ ने सच को निगल लिया है।