Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

सहारा के मीडिया कर्मियों की अपने मालिक से गुहार – ‘हे सहाराश्री, सैलरी नहीं तो जहर ही दे दो !’

लखनऊ : सहारा ग्रुप के छोटे मालिक जेबी राय के २०००% आश्वासन देने के बाद भी मीडिया वालों को वेतन नही मिला। लखनऊ और कानपुर को छोड़ कर अन्य यूनिटों मे कर्मचारियों का गुस्सा चरम पर है । हो सकता है कि कल को यह भी सुनने को मिल सकता है कि किसी यूनिट के प्रबंधक या संपादक की ठुकाई-पिटाई हो गई क्योंकि कर्मचारियों का कहना है कि अब भेट-मुलाकात-सिफारिश-जीहुजूरी से काम होने वाला नहीं होता दिख रहा है।

लखनऊ : सहारा ग्रुप के छोटे मालिक जेबी राय के २०००% आश्वासन देने के बाद भी मीडिया वालों को वेतन नही मिला। लखनऊ और कानपुर को छोड़ कर अन्य यूनिटों मे कर्मचारियों का गुस्सा चरम पर है । हो सकता है कि कल को यह भी सुनने को मिल सकता है कि किसी यूनिट के प्रबंधक या संपादक की ठुकाई-पिटाई हो गई क्योंकि कर्मचारियों का कहना है कि अब भेट-मुलाकात-सिफारिश-जीहुजूरी से काम होने वाला नहीं होता दिख रहा है।

वाराणसी के कर्मचारियों ने कल 6 अप्रैल को संपादक को घेर लिया था। इससे पहले भी उन्होंने घेराव किया था, तब उसी समय संपादक ने फोन का स्पीकर अॉन कर समूह संपादक से बात की। उन्होंने मीठी गोली दे दी। कल ही कर्मचारियों के खाते में आधे माह का वेतन आने का आश्वासन प्रबंधन ने दिया था लेकिन 7 अप्रैल को 12 बजे तक किसी भी यूनिट के किसी भी कर्मचारी के खाते में सैलरी नही आई । ऐसा नहीं कि संस्थान के पास पैसे नहीं है । पैसे है, वह देना नहीं चाहता। ये कर्मचारियों की सैलरी न देने के बहाने सुप्रीम कोर्ट को ये मैसेज देना चाहते हैं कि आपने हमारे सारे खाते सीज कर दिए, इसलिए यह नौबत आई है। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

कर्मचारियों का कहना है कि ‘हे सहारा श्री निवेशको की आड़ मे हम कर्मचारियों को क्यों मार रहे हो। वेतन नहीं दे सकते तो जेल से जहर भिजवा दो, नही तो अखबार और चैनल पर ताला लगा दो। यह त़ो तुम्हारे बांये हाथ का खेल है । आखिर शान ए सहारा पर ताला लगाया था कि नहीं, सहारा समय बंद किया था कि नहीं ।’

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. Sanjay

    April 8, 2015 at 10:15 am

    धरती के कुबेरों की श्रेणी में शामिल सहाराश्री सेबी के चंगुल में ऐसे फंसे है कि उनका पूरा साम्राज्य बिखरता नजर आने लगा है। इसके साथ ही भारत में रेलवे के बाद सबसे अधिक कर्मचारियों को काम देने का दंभ भरने वाली सहारा कंपनी की नैय्या डूबती नजर आ रही है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि भारी भरकम संपति के मालिक सुब्रत राय क्या अपने १० लाख से अधिक कर्मचारियों को अब अपना परिवार नहीं मानते हैं। कर्मचारियों से ४ माह का समय मांगने के बाद भी वह अपने दिये गये आश्वासन पर खरे नहीं उतरें। ऐसे में तो वाकई जहर ही जेल से भिजवा देना चाहिए। सबसे शर्मनाक तो राष्ट्रीय सहारा में उन स्ट्रीगरों की है जिन्हें महज आश्वासन देकर साढ़े चार वर्षों से वेतन में बिना एक रुपये की वृद्धि किये काम लिया जा रहा है। उनकी आह तो लगनी ही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement