सुजीत सिंह प्रिंस-
संजय राय शेरपुरिया की गिरफ्तारी कल हुई और आज भारतीय स्टेट बैंक ने बकाया भुगतान के लिए 15 दिन का नोटिस पीरियड दिए जाने का विज्ञापन अनेक समाचार पत्रों में जारी कर दिया।
अब सवाल उठता है कि जो आदमी जेल चला गया, जिसकी कंपनी के अकाउंट लगातार खंगाले जा रहे हैं, वह 15 दिन के अंदर जेल से बैठकर कैसे बकाए को खत्म करेगा? इतनी जल्दबाज़ी विजय माल्याओं नीरव मोदियों ललित मोदियों के बकाया कांड में दिखाई गई होती तो वे विदेश न भाग पाते लेकिन उन्हें बहुत सारा पैसा हड़प कर आराम से विदेश भाग जाने दिया गया। वैसे इस मामले में सूत्रों का तो यह कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संजय राय उर्फ राय शेरपुरिया की मुसीबत खत्म होने का नाम लेते नहीं दिख रही।
गौरव डालमिया द्वारा छह करोड़ रुपये दिये जाने की बात एफआईआर में दर्ज है। सवाल है कि इसकी शिकायत जब ख़ुद गौरव डालमिया ने नहीं की है, एक ट्रस्ट से दूसरे ट्रस्ट में नंबर एक में ये धन ट्रांसफ़र है, तो फिर इसमें अपराध कहाँ कारित हुआ? बिना किसी आरोप बिना किसी शिकायत बिना किसी अपराध संजय शेरपुरिया को एसटीएफ़ द्वारा गिरफ़्तार किया जाना बताता है कि इस आदमी के पीछे कुछ बड़े आदमी बड़े हैं जो राजनीति में हैं और सत्ता में हैं।
एसटीएफ़ का बस इस्तेमाल किया गया है अन्यथा ये मामला एसटीएफ़ के लेवल का है ही नहीं। संजय शेरपुरिया न तो विदेश भाग रहे थे और न ही इनके ख़िलाफ़ पब्लिक के धन को हड़पने का कोई आरोप था। बड़ी मछलियाँ तो जनता का धन लेकर बड़े आराम से देश से बाहर चली गईं। बिना अपराध किए फँस गया छुटभैया संजय शेरपुरिया!
गिरधारी लाल गोयल-
संजय शेरपुरिया के मामले को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं। गोरखपुर में पड़े IT छापे के बाद गिरफ्तार हुए संजय शेरपुरिया को लेकर मोदीजी vs योगीजी के कयास चल रहे हैं।
लेकिन ध्यान रहे दोनों ही नेता ऐसी टुच्ची हरकत नहीं कर सकते ,
अंततः दोनों ही के ऊपर पूरी पार्टी का दारोमदार है, दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। अब इनमें अकेले किसी एक का कोई अस्तित्व नहीं है।
मैं तो पहले भी कई बार कह चुका हूं कि मैं इस बात से पूरी तरह सहमत रहता हूँ कि मोदीजी निर्मोही हैं। वे किसी से मोह नहीं रखते। जो यूजलेस हो जाता है उससे तो बिल्कुल भी नहीं।
जैसे हिंडनवर्ग पर अडानी को मोदीजी से कोई सहारा नहीं मिला। ठीक वैसे ही संजय शेरपुरिया अब मोदीजी ने ब्लॉक कर दिया होगा।
गौरव सिंह सेंगर-
संजय शेरपुरिया गिरफ़्तारी अपडेट… IB के इनपुट पर STF की नोएडा यूनिट ने किया संजय को गिरफ़्तार… संजय ने उद्योगपति गौरव डालमिया से ED में मैनेजमेंट हेतु 21 व 23 जनवरी को कुल छः करोड़ रुपये हासिल कर लिए थे। चूँकि यह बड़ी ठगी का मामला था सो इस दफ़े घड़ा भर गया ।
आदेश हुआ कि संजय को क़ैद किया जाय और शेरपुर के संजय पिंजरे में क़ैद हो गये। आजकल संजय मार्केट में गा रहे थे मनोज सिन्हा नहीं, मैं लड़ूँगा गाज़ीपुर से लोकसभा चुनाव। बाईस विधानसभा में भी छर्रों ने अफ़वाह उड़ाई थी कि भैया को टिकट मिल रहा था, भैया ने कहा सांसदी से नीचे कोई चुनाव नहीं लड़ना है।
संजय की फोटो देश की नामचीन हस्तियों के साथ है। PM से लेकर प.पू.डा तक फ़ोन की गैलरी में उपलब्ध थे। माहौली फोटोs और दिल्ली में दफ़्तर की लोकेशन से लोग झाँसे में आ जाते थे और झाँसे में आते ही मुर्ग़े को चीरा लगाकर ड्रम में डाल दिया जाता था।
रामराज्य में ठगों का उद्भव हमारी पुरानी परंपराओं की नई अनुभूति है। कश्मीर में पीएमओ के अधिकारी के रूप में जेड प्लस के संरक्षण में पटेल साहब की ठगी साथ साथ याद रखिये। यह भी कि आज की तारीख़ में गुजरात और उत्तर प्रदेश दो ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी सबसे मज़बूत है। ये दोनों नवरत्न इन्हीं का प्रतिनिधित्व प्रदर्शित कर रहे हैं!
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