Connect with us

Hi, what are you looking for?

साहित्य

साहित्य अकादमी को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ जलेस का बयान

संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन 30 से अधिक स्वायत्त संस्थाओं को दी जानेवाली निधि में भारी कटौती करने का फैसला किया है. ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ में 5 मई को छपी आशुतोष भारद्वाज के रिपोर्ट के अनुसार, इन संस्थाओं के साथ एक ‘मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग’ पर दस्तख़त करने की प्रक्रिया अभी चल रही है जिसमें हर संस्था को अपने बजट का लगभग एक तिहाई हिस्सा अपने राजस्व उत्पादन से इकट्ठा करने और क्रमशः पूर्ण आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर करनी है.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन 30 से अधिक स्वायत्त संस्थाओं को दी जानेवाली निधि में भारी कटौती करने का फैसला किया है. ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ में 5 मई को छपी आशुतोष भारद्वाज के रिपोर्ट के अनुसार, इन संस्थाओं के साथ एक ‘मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग’ पर दस्तख़त करने की प्रक्रिया अभी चल रही है जिसमें हर संस्था को अपने बजट का लगभग एक तिहाई हिस्सा अपने राजस्व उत्पादन से इकट्ठा करने और क्रमशः पूर्ण आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर करनी है.</p>

संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन 30 से अधिक स्वायत्त संस्थाओं को दी जानेवाली निधि में भारी कटौती करने का फैसला किया है. ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ में 5 मई को छपी आशुतोष भारद्वाज के रिपोर्ट के अनुसार, इन संस्थाओं के साथ एक ‘मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग’ पर दस्तख़त करने की प्रक्रिया अभी चल रही है जिसमें हर संस्था को अपने बजट का लगभग एक तिहाई हिस्सा अपने राजस्व उत्पादन से इकट्ठा करने और क्रमशः पूर्ण आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर करनी है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस सिलसिले में सबसे पहले, 27 अप्रैल को, साहित्य अकादमी ने एमओयू पर दस्तख़त किये हैं. इसमें 30 प्रतिशत ‘आतंरिक राजस्व उत्पादन’ की बात कही गयी है और यह भी कहा गया है कि ‘(संस्कृति मंत्रालय का) प्रशासकीय प्रभाग साहित्य अकादमी को आतंरिक संसाधनों को बढ़ाते जाने और अंततः आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित करेगा.’

संस्कृति मंत्रालय का यह क़दम और उसके आगे बिना किसी सुगबुगाहट के साहित्य अकादमी जैसी संस्था/ओं का समर्पण निंदनीय है. संस्कृति मंत्रालय के इस क़दम के पीछे वित्त मंत्रालय के एक फ़ैसले का दबाव है. वित्त मंत्रालय ने पिछले साल एक परिपत्र जारी कर सभी विभागों को स्वायत्त संस्थाओं की समीक्षा करने और उनकी राजस्व संभावनाओं की पहचान करने का निर्देश दिया था. कोई आश्चर्य नहीं कि विश्वविद्यालयों पर भी अपने राजस्व विस्तार का दबाव बढ़ा है और ऑटोनोमस कॉलेज बनाने तथा उन्हें अपने बजट का कम-से-कम 30 प्रतिशत खुद पैदा करने पर ज़ोर दिया जा रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

साहित्य और कलाओं को बढ़ावा देने के लिए बनी संस्थाओं को बाज़ार के हवाले कर देने की सरकार की यह मंशा ख़तरनाक है. साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी जैसी संस्थाएं, सीमित रूप में ही सही, बड़ी पूंजी द्वारा निर्मित-अनुकूलित आस्वाद से बाहर पड़नेवाले और उसे ख़ारिज करनेवाले लेखकों-कलाकारों-कलाप्रेमियों के लिए एक उम्मीद भरी जगह की तरह रही हैं. सरकार का इरादा इन्हें अपने बजट का 25-30 फीसद उगाहने के लिए ही तैयार करना नहीं है, वह तो जल्द ही इनकी पूरी ज़िम्मेदारी से हाथ धो लेना चाहती है.

जनवादी लेखक संघ केंद्र सरकार के इस क़दम की, और उसका बढ़कर स्वागत करनेवाले साहित्य अकादमी की कठोर निंदा करता है. जनवादी लेखक संघ लेखकों-कलाकारों का आह्वान करता है कि वे एकजुट होकर तीस से अधिक संस्थाओं पर होनेवाले इस हमले और संस्थाओं की ओर से अविलम्ब ऐसे फ़ैसले लेनेवाले पदाधिकारियों के आत्मसमर्पण का मुखर विरोध करें.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुरली मनोहर प्रसाद सिंह
(महासचिव)
संजीव कुमार
(उप-महासचिव)
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement