Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

सेक्सुअल रिश्ते में खोखलापन क्यों?

अनुपमा गर्ग-

प्रश्न – मैंने और एक लड़के ने आपसी सहमती से शारीरिक संबंध बनाए। कुछ महीनों से हमारा ये रिलेशन, जोकि सिर्फ शारिरिक संतुष्टि के लिए है, सही चल रहा है। हम एक दूसरे के साथ काफी कम्फर्ट महसूस करते हैं। पर मेरी दुविधा ये है कि मैं जब भी उस से मिलकर आती हूँ, बहुत खालीपन महसूस करती हूँ। मैंने जीवन के उस मोड़ पर ये संबंध बनाया जब मुझे प्रेम की बहुत ज़रूरत महसूस हो रही थी। जब से उसके साथ हूं तब से मुझे और ज्यादा खालीपन लग रहा और इमोशनल सपोर्ट की ज़रूरत महसूस हो रही है। लेकिन उसका साथ मुझे पसंद है, मैं कुछ ही वक्त के लिए सही पर प्रेम महसूस कर पाती हूं उसकी वजह से। अपनी राय दें।


मेरी दोस्त, आपके प्रश्न से इतना समझ पायी कि आप महिला हैं। शायद सिंगल भी हैं। आपकी दुविधा समझ सकती हूँ। इस स्थिति को देखने के कई पहलू हैं, अतः मेरा उत्तर थोड़ा लम्बा हो सकता है। अगर संभव हो तो थोड़े धैर्य के साथ पढें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेरी राय तो नहीं कहूँगी, लेकिन मेरा दृष्टिकोण इस स्थिति के बारे में जैसा है, वो बता रही हूँ | यदि उसमें से आपके कुछ और सवाल हों, तो फॉर्म में फिर से लिख सकती हैं |

प्रेम और सेक्स दो अलग अलग बातें हैं | प्रेम कई प्रकार का होता है, उनमें से प्रेम का एक प्रकार रोमांटिक या सेक्सुअल अट्रैक्शन भी है | इसलिए सबसे पहले अपने आप के साथ कुछ देर बैठ कर ये देखें कि आपने जब ये रिश्ता शुरू किया, तब भावनात्मक प्रेम की चाह थी, या यौन तृप्ति की? यदि इस रिश्ते से आपकी उम्मीद सिर्फ शारीरिक सुख की थी, और यदि वह सुख आप दोनों सहमति से, आनंदपूर्वक एक दूसरे से प्राप्त कर रहे हैं, तो फिर ये जो खालीपन आपको महसूस हो रहा है, ये कहाँ से आ रहा है इसे देखें | क्या ये खालीपन हमारी कंडीशनिंग का हिस्सा तो नहीं ?

Advertisement. Scroll to continue reading.

अक्सर हमारे आस पास लोग ऐसा दिखाते हैं कि उनकी रिलेशनशिप्स बहुत खुश हैं, वो बहुत प्रेम में हैं, वो बहुत सेक्सुअली संतुष्ट हैं | लेकिन ये इसलिए क्योंकि हमें लगता है, हम जैसे ही कहेंगे कि हमें संतुष्टि नहीं मिली, हमें जज किया जायेगा | हमें बुरी लड़की, या आवारा लड़के का तमगा मिल जायेगा | अब क्योंकि हम अपने आसपास हमेशा ये ही देखते हैं, तो हम अपने आप से, और अपने पार्टनर से भी ऐसी ही unrealistic संतुष्टि की उम्मीद भी लगा बैठते हैं |

कभी कभी, इसके उलट ये भी होता है, कि किसी रिश्ते की शुरुआत तो होती है एक दृष्टिकोण के साथ, लेकिन समय के साथ साथ, एक या दोनों व्यक्ति की भावनाएं, ज़रूरतें बदल जाती हैं | कई बार हम अपने साथी को ये बताते ही नहीं | इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, झिझक, ‘कहीं मेरे हाथ से ये भी न चला जाये’ का डर, ‘लेकिन हमने यहाँ से शुरू नहीं किया था, अब बोलेंगे तो साथी क्या समझेंगे?’ का जजमेंट आदि |

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेकिन बिना बताये तो कभी पता भी नहीं चलेगा कि सामने वाला इस बारे में क्या सोचता है? इसलिए संवाद से डर लगने के बाद भी संवाद ज़रूरी है ! ये संभव है कि आपने जो रिश्ता बिना उम्मीदों के शुरू किया, उससे अब आपकी ज़रूरतें बदल रही हों | ये भी संभव है कि आपके साथी को भी ऐसा लग रहा हो | ऐसे में बात करें ताकि सही स्थिति की पूरी समझ विकसित हो पाए |
इस स्थिति को देखने का एक और पहलू भी है | वो है Rebound और New Relationship Energy |

जैसा आपने कहा – इस रिश्ते की शुरुआत एक ऐसे समय में हुयी, जब आपको प्रेम की बहुत आवश्यकता महसूस हो रही थी | कभी कभी, हम एक रिश्ते में से जब बाहर आते हैं, तो बहुत टूटे हुए होते हैं | ऐसे में किसी भी नए रिश्ते की शुरुआत, कुछ दिन, कुछ हफ़्तों, कुछ महीनों तक तो सुकून दे सकती है | लेकिन ऐसे किसी भी रिश्ते की नींव आम तौर पर कच्ची होती है, और बिना सुदृढ़ नींव के रिश्तों में एक समय के बाद खोखलापन मासूस होना लाज़िमी है |

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऐसा नहीं है कि ये खोखलापन ठहराव वाले, लॉन्गटर्म रिश्तों में नहीं आ सकता | लेकिन बिना पिछले रिश्ते को प्रोसेस किये, जब नए रिश्ते बनाये जाते हैं, तो ऐसा खालीपन देखने को ज़्यादा मिलता है | बहुत बार ऐसे में हम एक के बाद एक शार्ट टर्म अफेयर्स करते जाते हैं | इसमें नैतिक रूप से कुछ गलत नहीं है, लेकिन, यह रिलेशनशिप की ज़रुरत पूरी नहीं करता | ऐसे में कई बार यह भाव भी घर कर सकता है मन में, कि शायद मैं किसी रिलेशनशिप के लायक ही नहीं हूँ | जबकि इनमें से कुछ भी सच नहीं होता |

हर रिश्ते की एक New Relationship Energy या यूं समझ लें कि एक हनीमून पीरियड भी होता है | ये वो समय है जब रिश्ता नया है, समस्याएं कम और सब कुछ सुन्दर ही सुन्दर नज़र आता है | New Relationship Energy या NRE का इस बात से कोई सम्बन्ध नहीं, कि आपका रिश्ता शारीरिक भर है, या भावनात्मक, बौद्धिक, सामाजिक आदि भी है | तो आपसे मुझे ये कहना है, कि आपको खालीपन या खोखलापन महसूस होने के पीछे एक कारण ये भी हो सकता है, कि कुछ महीने बीतने के बाद ये NRE आपकी रिलेशनशिप से ख़त्म हो रही हो |

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन सब बातों के बारे में आराम से सोच कर देखें | बिलकुल संभव है कि आपको शायद इस दुविधा के पीछे और कोई वजह भी नज़र आये | जहाँ तक इसके समाधान का सम्बन्ध है, आप जो भी समझेंगी, वो आपको आज या कल, जल्द या देर से, अपने साथी को तो बताना चाहिए, ऐसा मेरी समझ कहती है | उसके बाद उन्हें सोचने का मौका दे कर, उनके विचार जान कर, आप दोनों इस रिश्ते को कैसे, कितना, कब तक आगे बढ़ाना, ये बेहतर तय कर पाएंगे |

उम्मीद है, कुछ समाधान मिला होगा आपको।

Advertisement. Scroll to continue reading.

डिस्क्लेमर – मैं सेक्स और सेक्सुअलिटी के सम्बन्ध में बात इसलिए करती हूँ कि पूर्वाग्रहों, कुंठाओं से बाहर आ कर, इस विषय पर संवाद स्थापित किया जा सके, और एक स्वस्थ समाज का विकास किया जा सके | यहाँ किसी की भावनाएं भड़काने, किसी को चोट पहुँचाने, या किसी को क्या करना चाहिए ये बताने का प्रयास हरगिज़ नहीं किया जाता|

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement