पुलिस द्वारा पत्रकार शहज़ाद अंसारी उत्पीड़न मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया सख्त

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दिल्ली। बिजनौर जनपद के मान्यता प्राप्त पत्रकार शहज़ाद अंसारी को नगीना के पूर्व कोतवाल प्रिंस शर्मा व दारोगा मीर हसन द्वारा फ़र्ज़ी ढंग से फसाने के मामले का भारतीय प्रेस परिषद दिल्ली ने संज्ञान ले लिया है। प्रेस परिषद ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

पत्रकार शहजाद अंसारी ने अगस्त 2022 में नगीना थाने के कोतवाल प्रिंस शर्मा व दारोगा मीर हसन की कार्यशैली की खबरें अपने अखबार में प्रकाशित की थी। खबरों से रंजिश रखकर कोतवाल प्रिंस शर्मा ने पत्रकार शहजाद अंसारी का उत्पीड़न शुरू कर दिया और अपराधियों व अपने एजेंटों से सांठगांठ कर पत्रकार शहजाद अंसारी के खिलाफ पांच झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए।

पत्रकार शहजाद अंसारी ने कोतवाल की कारगुजारी की शिकायत उच्च अधिकारियों सहित भारतीय प्रेस परिषद दिल्ली से की थी। भारतीय प्रेस परिषद ने कोतवाल प्रिंस शर्मा व दारोगा मीर हसन द्वारा पत्रकार शहजाद अंसारी का उत्पीड़न मानते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, व डीजीपी को नोटिस भेजकर दो हफ्तों में लिखित जवाब मांगा है। समय सीमा में जवाब न देने पर समिति द्वारा अपना निर्णय लेने के संकेत दिए हैं।



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