यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने व्यक्तिगत जांच के बाद उत्तराखंड के डीजीपी बीएस सिद्धू पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डीजीपी के खिलाफ सीबीआई जांच की जानी चाहिए। डीजीपी के राजपुर में वन विभाग भूमि पर कब्जा विवाद की जांच के लिए दंपति दो दिन पूर्व दून पहुंचे थे। यहां पहुंचकर अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर ने मौके पर जाकर खुद मुआयना किया।
अमिताभ ठाकुर का कहना है कि वास्तविकता देखकर वह दंग रह गए कि किस प्रकार कोई व्यक्ति व्यक्तिगत कारणों से अपनी आधिकारिक सत्ता का दुरुपयोग कर सकता है। शनिवार को लखनऊ के आईजी अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि डीजीपी रजिस्ट्री से पहले ही विवादित भूमि पर काबिज थे। उन्होंने बताया कि तत्कालीन डीजीपी सत्यव्रत बंसल ने पत्र लिखकर आशंका जताई थी कि सिद्धू क्रास रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं, आखिर वही हुआ। दंपति का आरोप है कि अनुबंध पर दर्ज निर्माण के क्षेत्रफल और वास्तविक स्थिति में भी घपला है।
दोनों ने बिंदुवार जानकारी में वन विभाग के प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव सुभाष कुमार द्वारा इस मामले में ग्रीन ट्रिब्यूनल में दिए गए शपथपत्रों का भी उल्लेख किया है। अमिताभ और नूतन ने कहा कि डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने वाले दारोगा निर्विकार सिंह का निलंबन भी गलत है। अमिताभ और नूतन का आरोप है कि सरकारी संरक्षण के चलते ही डीजीपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया कि वे जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपकर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करेंगे।
इसे भी पढ़ेंः