पदमपति शर्मा : समझ में नहीं आ रहा कि कोई किस कदर नीचे गिर सकता है ! आपने पढ़ा होगा कि मीडिया में स्टिंग के नाम पर किस कदर एक्सटार्शन यानी फिरौती वसूली जा रही है डंके की चोट पर. एक ऐसी मेल की कापी हाथ लगी है जो आपको हिला देने के लिए काफी है. आपने पिछले दिनो पढ़ा होगा कि ‘आपरेशन जोंक’ के नाम पर किस कदर धतकरम किए गए. चलिए बताते हैं कि कैसे जिस शख्स को पहरेदार समझ कर अपना दुखड़ा एक नामी रेडियोलाजिस्ट ने रोया और गुहार की कि स्टिंग के नाम पर उसको ब्लैकमेल करने वाले का वह पर्दाफाश करे दरअसल वही फिरौती का मास्टर माइंड यानी लुटेरा निकला और उसी ने सारा जाल बट्टा फैला रखा था.
बात पिछले साल 25 नवंबर की है. एक व्यक्ति खुद को एक स्वास्थ्य कंसलटेंसी चलाने वाला बता कर डायग्नोस्टिक सेंटर के रेडियोलाजिस्ट डाक्टर संदीप शर्मा से मिलता है. बताता है कि हालांकि वह डाक्टर नहीं है फिर भी वह बीमारी का पता लगाने वाले टेस्ट्स व आपरेशन योग्य मरीजों के टेस्ट आदि की व्यवस्था करता है. उसने दिल्ली- एनसीआर के कई सेंटर्स और डाक्टर्स के नाम लिए. 27 नवंबर को वह एक व्यक्ति को टेस्ट के लिए लाता है. सेंटर में उसके टेस्ट हुए और फिर बिल बना और भुगतान हो गया. खुद को कंसल्टेंसी चलाने वाला जो अपना नाम उमेश बताता है, लैब के संचालक डाक्टर से कमीशन मांगता है. संदीप शर्मा साफ इनकार कर देते हैं. वह समझ गए कि उमेश दलाली का धंधा करता है. उन्होंने जिस शख्श का टेस्ट किया था, उसका नाम राम कुमार था.
डाक्टर संदीप शर्मा ने उसी साल जुलाई में आपरेशन जोंक देखा था. उन्होंने उस चैनल के, जिसने इस स्टिंग का प्रसारण किया था, प्राइम टाइम एंकर को उमेश की शिकायत करते हुए अगले ही दिन यानी 28 नवंबर को गुप्त मेल किया और उनसे जुलाई वाले शो की तारीफ करते हुए इस मामले में मदद की गुहार की. उन्होंने लिखा कि चैनल उस दलाल का स्टिंग करा कर उसको बेनकाब करे. यह पेशकश भी उक्त ऐंकर महाशय से की कि वह चाहें तो लैब खुद ही उसका स्टिंग करने के लिए तैयार है. शर्मा ने यह उम्मीद जाहिर करते हुए मेल में लिखा कि उमेश उनके पास सौदा करने फिर आ सकता है और यदि चैनल मदद करे तो वह उसको एक्सपोज कर सकते हैं. उन्होंने 29 नवंबर को दूसरा मेल किया जिसमें एंकर महोदय से कुछ सुबूतों के साथ मिलने का भी अनुरोध किया. डाक्टर शर्मा ने एंकर और एसाइनमेंट दोनो आईडी पर मेल भेजी थीं.
डाक्टर शर्मा ने उसी दिन देश के जाने माने सात आठ चैनलों को भी उमेश के बारे में एक शिकायती मेल किया. पर विडंबना देखिए कि कोई जवाब उक्त एंकर महोदय ने नहीं दिया जबकि संदीप शर्मा ने उन्हें अपना टेलीफोन नंबर देते हुए मुलाकात करने के लिए समय देने का आग्रह भी किया था.
खैर, डाक्टर साहब के पास एक फोन 18 दिसंबर को एक युवती शीतल कपूर का आता है जो उनको बताती है कि उनके सेंटर का स्टिंग किया गया है और स्टिंग करने वाले जिन दो का नाम लेती है वे राम कुमार और उमेश ही थे. यदि उसकी कंपनी को वह 27 लाख देते हैं तो उनकी फुटेज हटा दी जाएगी स्टिंग से. संदीप शर्मा के तो होश फाख्ता हो जाते हैं यह सोच कर कि जिनकी उन्होंने शिकायत की थी वही चैनल की ओर से स्टिंग कर गए हैं जिसमें कुछ था ही नहीं. जिस एंकर से दुखड़ा रोया वही स्टिंग का सूत्रधार निकला. डाक्टर शर्मा ने 21 दिसंबर को पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने जाल बिछाया. शीतल 23 दिसंबर को लैब आती है. छह लाख के चेक पर अपनी कंपनी का जैसे ही नाम भरती है, पुलिस उसको हिरासत में ले लेती है. उसे सफदरगंज एंक्लेव थाने में लाया जाता है. लेकिन शाम हो जाने से उसे छोड़ दिया जाता है. नियमानुसार शाम होने के बाद महिला को हिरासत में नहीं रखा जा सकता. कपूर कोर्ट से ऐंटीसिपेट्री बेल मांगती है पर उसे जमानत नहीं मिलती. घोर आश्चर्य तो यह कि जो पुलिस उसकी जमानत का विरोध करती है वह उसको आजतक गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी ? उधर चैनल का दुस्साहस देखिए कि डाक्टर संदीप शर्मा की एफआईआर के बावजूद वह गत सात मई को आपरेशन जोंक -2 का न सिर्फ प्रसारण करता है वरन शो का अधिकांश हिस्सा डाक्टर शर्मा के लैब सेंटर पर ही केंद्रित रखता है.
पुलिस की जांच अभी तक चल ही रही है. सारे आरोपी छुट्टे घूम रहे हैं और ब्राडकास्ट मीडिया की साख किस कदर तार तार हो चुकी है, यह बताने की जरूरत नहीं पर हां यहां यह बताना समीचीन रहेगा कि उक्त महान एंकर ऐसी किसी मेल मिलने से साफ इनकार कर रहे हैं जबकि सुबूत उनके खिलाफ हैं. यही नहीं डाक्टर शर्मा ने उनको दो एसएमएस भी किए थे….वह मेल और एसएमएस मिलने से आज की सूचना क्रांति के दौर में अगर इनकार कर रहे हैं तो यह कितना हास्यास्पद है…….
लेखक एवं प्रसिद्ध पत्रकार पदम पति शर्मा के एफबी वाल से