पलायन पर बयान देकर पार्टी की फजीहत कराने वाले बिहार के डिप्टी सीएम अब मीडिया का सामना करने से घबराने लगे हैं
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को लगता है कि बिहार के लोगों को पलायन करने में आनंद आता है। 2 जून की रोटी कमाने कोई बाहर नहीं जाता।
एक सप्ताह पहले डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पलायन को लेकर यह शेखी बघार गये थे लेकिन बयान ने बीजेपी-जेडीयू और बिहार सरकार की फजीहत करा दी।
बयान के बाद इतना बवाल है कि न तो बीजेपी-जेडीयू के नेता और न हीं सरकार का कोई मंत्री जुबान खोलने को तैयार है।
यहां तक दिन भर टीवी चैनलों पर दहाड़ने वाले बीजेपी के महान प्रवक्ता संबित पात्रा से भी जब सवाल पूछा गया तो वे कन्नी काट कर निकल गये।
यहां तक तो फिर भी ठीक था लेकिन आज डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को सवालों से बचाने के लिए बीजेपी ने एक और कारनामा करवाया।
दरअसल पटना के आर ब्लाक स्थित चाण्क्या होटल में बीजेपी का आलीशान मीडिया सेंटर बना है जहां बीजेपी के बड़े नेता रोज प्रेस कान्फ्रेंस करते हैं।
आज 2 बजे सुशील मोदी ने प्रेस कान्फ्रेंस की।
डिप्टी सीएम साहब सवालों से कितने डरे हुए थे उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीसी से पहले उन्होंने बकायदा यह एलान करवाया कि प्रेस कान्फ्रेंस के बाद डिप्टी सीएम से सिर्फ कृषि बिल से जुड़े हीं सवाल पूछे जा सकते हैं। जबकि प्रेस कान्फ्रेंस में डिप्टी सीएम ने कृषि बिल से ज्यादा राजनीतिक हमले किये। रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर आरजेडी पर हमला किया।
है न कमाल की बात। प्रेस कान्फ्रेंस में डिप्टी सीएम राजनीतिक बात कर सकते हैं लेकिन आप उनसे राजनीतिक सवाल नहीं कर सकते।
जाहिर है यह मीडिया की आजादी पर हमला है और सुशील मोदी को सवालों से बचाने के लिए बिहार बीजेपी ने आज मीडिया पर शर्तें और पाबंदी थोप दी है।