पेशावर, पाकिस्तान। अब तक के सबसे वीभत्स हमले में तालिबान आतंकियों ने उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी हाई स्कूल में हमला कर 132 छात्रों और शिक्षकों की हत्या कर दी और कई को बंधक बना लिया। मरने वालों में ज्यादातर मासूम छात्र हैं। दोपहर को हुए इस आतंकी हमले के तीन घंटे बाद तक स्कूल से गोलियों और धमाकों की आवाज़ें सुनाई देती रहीं।
पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री परवेज खटक ने संवाददाताओं को बताया कि अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर की वर्दी पहनकर आए आठ से दस आत्मघाती हमलावर सुबह साढ़े दस बजे (स्थानीय समय) वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में घुस गए और उन्होंने अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। प्राप्त समाचारों के मुताबिक, छह में से पांच आतंकवादी अब तक मारे जा चुके हैं। इसके अलावा स्कूल से आठ धमाकों की आवाज़ें सुनी गई हैं। कहा जा रहा है कि एक आत्मघाती आतंकवादी ने खुद को उड़ा लिया।
सेना का कहना है कि स्कूल के 500 छात्रों में से ज़्यादातर को निकाल लिया गया है। तालिबान ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। तालिबान के प्रवक्ता के मुताबिक ये हमला सेना के अभियान के जवाब में किया गया है। माना जाता है कि उत्तरी वज़ीरिस्तान और ख़ैबर इलाक़े में हाल में सेना के अभियान में सैकड़ों तालिबान लड़ाके मारे गए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने हमले की निंदा की है। अभियान पर खुद नजर रखने के लिए वे पेशावर पहुंच गए हैं। पेशावर पहुंचकर नवाज़ शरीफ ने कहा, आतंकवादियों का इस तरह स्कूल पर हमला करना कायराना कार्रवाई है, और इससे हमारे इरादे नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों के बाद हम बात नहीं करेंगे, फैसला करेंगे, और जब तक आतंकवादी हमले बंद नहीं होते, हमारी कार्रवाई जारी रहेगी।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पेशावर के स्कूल पर किए गए आतंकवादी हमले को कायरतापूर्ण करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की है। मोदी ट्विटर पर लिखा, “Strongly condemn the cowardly terrorist attack at a school in Peshawar…”
स्कूल से बाहर निकलने में कामयाब रहे एक छात्र ने बताया, “हम सभी को गोलीबारी खत्म होने तक ऑडिटोरियम में बैठे रहने के लिए कहा गया था…”। वहीं एक अन्य छात्र ने मीडिया को बताया कि हमलावरों की बड़ी सी दाढ़ी थी और उन्होंने सलवार कमीज पहन रखी थी। उसने बताया कि हमलावर अरबी में बातें कर रहे थे और विदेशियों जैसे दिख रहे थे।