यूपी के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने पिछले दिनों विधानसभा में शिकायत की थी कि कई पत्रकार ग्रामीण इलाकों में जाकर प्रधानों को डरा धमका कर उगाही करते हैं. ब्लाक और तहसील स्तर के अफसरों को भी ब्लैकमेल करते हैं. इन पत्रकारों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
विधायक के इस आरोप के मद्देनजर उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव ने एक पत्र भेजकर ग्रामीण इलाकों में पत्रकारों द्वारा की जाने वाली उगाही के प्रकरणों के बारे में डिटेल मांगा है. इसके अनुपालन में सिद्धार्थनगर के जिला सूचना अधिकारी आशुतोष पांडेय ने एक पत्र जारी कर जिले के अधिकारियों से इस संबंध में विवरण भेजने के लिए अनुरोध किया है.
यह भी कहा जा रहा है कि शासन अब गुपचुप तरीके से ग्रामीण इलाकों में पत्रकारिता का रौब दिखाकर उगाही करने वाले असामाजिक तत्वों की लिस्ट बनवा रहा है ताकि उनके खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा सके.
देखें पत्र….
Comments on “प्रधानों और ब्लाक-तहसील स्तर के अधिकारियों से उगाही करने वाले पत्रकारों की लिस्ट बनेगी”
प्रधान पूरी की पूरी योजनाओं का पैसा खाते हैं। यही वजह है कि पत्रकारों को पैसा देते होंगे। विकास कार्यों के पैसों से प्रधान गाड़ियां खरीदते हैं। हॉलिडे मनाते हैं। अब जनता के पैसों की बंदरबांट करोगे तो खाने के लिए तो लोग इकट्ठा ही होंगे। दरअसल, देश में विकास कार्यों के पैसों की चोरी की शुरुआत ही ब्लॉक लेवल से शुरू होती है। प्रधान इसमें सबसे भ्रष्ट कड़ी है। इन्हें मिलने वाली निधि ही बंद कर देनी चाहिए।