Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

उपेन्द्र राय मामले में सीबीआई को उड्डयन मंत्रालय ने अपने अधिकारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सीबीआई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (बीसीएएस) के एक कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के लिए यह एक झटका है। जांच एजेंसी ने इस कर्मचारी को गिरफ्तार कर चार्जशीट किया था। इस पर पत्रकार उपेन्द्र राय को एयरपोर्ट एंट्री पास (एईपी) जारी करने की मंजूरी देने का आरोप है। जानकार सूत्रों ने जानकारी दी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राय के खिलाफ मामला उन मामलों में एक है जो सीबीआई में एजेंसी प्रमुख आलोक वर्मा और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना के बीच लड़ाई के केंद्र में थे। आप जानते हैं कि इसी लड़ाई के बाद दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया और मामला अदालत में पहुंच गया है। सीबीआई ने 21 सितंबर को एक बयान में कहा था कि अस्थाना के खिलाफ आधा दर्जन मामलों में एजेंसी की जांच चल रही थी।

दूसरी ओर, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को लिखे 15 अक्तूबर के एक पत्र में अस्थाना ने आरोप लगाया था कि उन्हें फंसाया जा रहा है और कुछ मामलों की जांच के लिए एजेंसी प्रमुख की बजाय सीवीसी की निगरानी में एक विशेष जांच टीम बनाने की मांग की थी। उन्होंने जिन मामलों का उल्लेख किया था उनमें उपेन्द्र राय का मामला एक था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सीबीआई ने एक मई को राय, एक उड्डयन कंपनी, उसके मुख्य सुरक्षा अधिकारी और बीसीएएस के अनजाने अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामला यह बनाया गया था कि बीसीएएस की सिफारिश पर राय को एईपी जारी किया गया था जो धारक को हवाई अड्डे के प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने की इजाजत देता है और यह नियमों का उल्लंघन है। आरोप है कि अस्थायी और स्थायी एईपी हासिल करने के लिए राय ने खुद को उड्डयन कंपनी का निदेशक (गुणवत्ता नियंत्रण) बताया। अपनी जांच के क्रम में सीबीआई ने राय के साथ बीसीएएस के सहायक निदेशक राहुल राठौड़ को इस मामले में गिरफ्तार किया।

अगस्त में सीबीआई ने राय, राठौड़ और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ औपचारिक आरोप दाखिल किए। एजेंसी ने राठौड़ के खिलाफ ये आरोप भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लगाए और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मंजूरी मांगी। बीसीएएस इसी के तहत काम करता है और पीसी ऐक्ट के तहत कार्रवाई क लिए मंजूरी आवश्यक है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बीसीएएस के प्रमुख कुमार राजेश चंद्र से अनुमति मांगी थी। चंद्रा ने कहा कि राठौड़ के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। वे बीसीएएस के सहायक निदेशक है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई लेन-देन नहीं हुआ है और राठौड़ ने उड्डयन फर्म से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने के बाद ही कार्रवाई की है और ये दस्तावेज ठीक पाए गए थे ….।

अधिकारी ने आगे कहा कि मंत्रालय ने इस मामले में विधि मंत्रालय और सीवीसी की राय मांगी और उन्होंने भी इस विषय में बीसीएएस के प्रमुख से सहमति जताई। मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिलने राठौड़ के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने कार्रवाई नहीं की। संपर्क करने पर राठौड़ ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। सीबीआई प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement