उषा मार्टिन कंपनी की तरफ से ही प्रभात खबर अखबार चलाया जाता है. कंपनी की तरफ से खनन और लौह अयस्क बिक्री का काम भी किया जाता है. प्रभात खबर अखबार का गढ़ झारखंड और बिहार है. उषा मार्टिन कंपनी के काम का एरिया भी झारखंड है. आरोप है कि प्रभात खबर अखबार की आड़ में बेलगाम हो चुकी उषा मार्टिन कंपनी ने भारी मात्रा में अवैध खनन कराया और दूसरी कंपनियों को लौह अयस्क बेचने जैसा गैरकानूनी काम किया.
इसी के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने इस कंपनी पर गाज गिराई है. उषा मार्टिन कंपनी के निदेशक आरएस रुंगटा, आरसी रुंगटा और राजीव कुमार चेरारिया हैं. इन तीनों को ईडी ने आरोपी बनाया है.
प्रवर्तन निदेशालय की पटना टीम ने ने ऊषा मार्टिन की 190 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. इन जब्त की गई संपत्तियों पर नोटिस चिपका दिया गया है. इनका विक्रय या हस्तांतरण 180 दिनों तक नहीं किया जा सकता है.
ईडी की टीम ने रामगढ़ के हेसला में स्थित झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 25.54 एकड़ जमीन पर कब्जा किया. कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में फंसी इस कंपनी के विरुद्ध सीबीआई भी जांच कर रही है. ईडी ने यह कार्रवाई पश्चिमी सिंहभूम के घटकुरी में उषा मार्टिन द्वारा अवैध लौह अयस्क खनन और खुद के उपयोग के लौह अयस्क को दूसरी कंपनियों को बेचने के मामले में की है.
ईडी की इस कार्रवाई से टाटा स्पंज को भी झटका लगा है, क्योंकि टाटा स्पंज ने ऊषा मार्टिन की स्टील डिविजन को 4300 करोड़ में खरीदा था. ऊषा मार्टिन ने खरीद-बिक्री के समझौते में साफ किया था कि ईडी में लंबित मामले में जो देनदारी होगी, उसके भुगतान की जवाबदेही टाटा स्पंज की होगी.
ईडी की टीम ने दिल्ली स्थित एडजुकेटिंग अथॉरिटी की हरी झंडी मिलने के बाद यह कार्रवाई की है. उक्त जमीन की सरकारी कीमत जहां 3.93 करोड़ रुपए है, वहीं बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. मनी लांड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय झारखंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान कर रहा था.
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