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उत्तराखंड

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए धरना दे रहे पत्रकार को पुलिस उठा ले गई!

उत्तराखंड से ख़बर है कि यहां पत्रकार आशुतोष नेगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नेगी क्षेत्रीय हिंदी साप्ताहिक जागो उत्तराखंड के संपादक और प्रकाशक हैं. वे अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की आवाज उठा रहे थे. केस के आरोपी भाजपा से जुड़े हुए हैं.

नेगी ने गिरफ्तारी से पहले अपने ट्वीट में लिखा कि, “पुख़्ता सूत्रों के हवाले से ख़बर, डीजीपी अभिनव कुमार के एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे को निर्देश किसी भी तरह आशुतोष नेगी को नई धाराएं जोड़ जेल में धरो,मेरे जेल में जाने के बाद भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिये लड़ाई जारी रहे…जय पहाड़-जय पहाड़ी..पहाड़वाद ज़िंदाबाद”

पिछले कई दिनों से अंकिता के माता-पिता धरने पर बैठे हैं. पत्रकार आशुतोष नेगी इसी धरने में अंकिता के परिजनों का समर्तन करने पहुंच गए. साफ है कि न्याय की आवाज उठाने पर पत्रकारों को अन्य भाजपा समर्थित राज्यों की तरह धामी सरकार द्वारा भी प्रताड़ित किया जा रहा है. जबकि मुख्यमंत्री को न्याय के लिए गिड़गिड़ाते अंकिता के मां-बाप के आंसू नहीं दिखाई दिए.

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क्या है पूरा मामला?

बीते वर्ष 18 सितंबर 2022 में भाजपा नेता का पुत्र और वनंतरा रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य तथा उसके दो साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर अंकिता के अपहरण व हत्या का आरोप लगा था. बाद में पुलिस ने तीनों को अरेस्ट कर पौड़ी जेल भेज दिया था. मामले में भाजपा विधायक द्वारा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया गया था, जिसके बाद उनपर सबूत मिटाने के आरोप लगे. मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य रसूखदार भाजपा नेता हैं. जिन्हें पार्टी ने कांड के बाद कथित तौर पर निकाल दिया था.

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देखें नेगी की गिरफ्तारी पर कुछ कमेंट..

समीरात्मज मिश्रा –
अंकिता भंडारी की हत्या की गुत्थी उत्तराखंड पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है. उनकी हत्या में कुछ ‘बड़े’ लोगों का नाम आ रहा है लेकिन पुलिस के हाथ वहाँ तक नहीं पहुँच पा रहे हैं. पर अंकिता के लिए न्याय की माँग करने वालों से तो पुलिस निपट ही सकती है, वो भी रात के अंधेरे में!

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योगिता भयाना-
क्या न्याय माँगना गुनाह है? उत्तराखंड की बेटी अंकिता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे पत्रकार journalistAshu को उत्तराखंड पुलिस ने किसके कहने पर गिरफ़्तार किया है? वो VIP व्यक्ति कौन है जिसे बचाने के लिए सरकार क़ानून और संविधान का गला घोंट रही है?

बासु जी-
सड़क से कोर्ट की पेशियों तक, अंकिता भंडारी के गरीब मां-बाप के साथ मजबूती से खड़े रहे पौड़ी के पत्रकार आशुतोष नेगी को आज आखिरकार पुलिस ने उठा लिया है. आशुतोष खुद इस बारे में अंदेशा जता चुके थे कि पुलिस को उन्हें भीतर डालने के निर्देश मिल गए हैं. आज आशुतोष का अंदेशा सही निकला…

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