राज्यसभा टीवी के एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर (टेक्निकल) विनोद कौल को पांच सालों से ज्यादा समय से सेवा के बाद अब संस्थान से विदा लेना होगा। राज्यसभा टीवी में एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर (टेक्निकल) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। तीस जून तक विनोद कौल का कार्यकाल है।
राज्यसभा टीवी के इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ है जब पद पर कार्यरत रहते हुए किसी पद के लिए वेकैंसी निकाली गई हो। साफ है विनोद कौल की पोल पट्टी खुल गई है। उन्हें तीन महीने का समय दिया गया है।
विनोद कौल शायद ये समझ रहे थे कि उनका खेल कभी उजागर नहीं होगा लेकिन शायद ये पता नहीं है कि जब समय अपना खेल दिखाता है तो बड़ों बड़ों का खेल हो जाता है। हालांकि ये मानना पड़ेगा कि राज्यसभा टीवी में सत्ता परिवर्तन के बाद भी कौल ने अपने ‘खेल’ की कुशलता से नए निजाम के भी करीब होने की पूरी कोशिश की।
राज्यसभा टीवी के एडिशनल सेक्रेटरी ए ए राव का विश्वास भी प्राप्त कर लिया। लेकिन कहते हैं जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। कुछ ऐसा ही कौल के साथ भी हुआ। कौल को शह मिल गई ए ए राव की जिनके ऊपर महिला के साथ बदसलूकी का आऱोप है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है।
एए राव के साथ मिलकर कौल ने चेयरमैन वैंकेया नायडु को भी एक पत्र लिखकर अपने को पाक साफ बताने की कोशिश की। लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुकी थी। खैर अब देखना है इस पद पर नया अधिकारी कौन आता है।