मध्य प्रदेश व्यापमं मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां सुकून महसूस कर रहे हैं, वहीं राज्यपाल रामनरेश यादव के दिल की धड़कने बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को पद से हटाने की याचिका पर नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस का असर राजधानी भोपाल में भी देखने को मिल रहा है. राज्यपाल रामनरेश यादव ने गुरुवार शाम को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था. इस आयोजन से इस बार मीडिया को दूर रखा गया. अब तक यह कार्यक्रम सभी के लिए खुला रहता था. राजधानी के गणमान्य और प्रतिष्ठित लोगों के अलावा मीडिया को भी बुलावा भेजा जाता था.
व्यापमं घोटाले की आंच की वजह से इस बार नजारा बदला हुआ है. राजभवन के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि इस बार केवल चुनिंदा लोगों को दावत का न्योता भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद माना जा रहा है कि रामनरेश यादव पर किसी भी वक्त गाज गिर सकती है. गृह सचिव ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. इसके अलावा गृहमंत्री भी राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले में राज्यपाल रामनरेश यादव को पद से हटाए जाने को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार के साथ ही राज्यपाल रामनरेश यादव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. सु्प्रीम कोर्ट में ग्वालियर के कुछ वकीलों ने याचिका दायर की थीं. याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल पर वन रक्षक भर्ती घोटाले में 5 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करने का आरोप है. ऐसे आरोप के बीच वह राज्यपाल कैसे बने रह सकते हैं. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या राज्यपाल पद पर रहते हुए कोई कुछ भी कर सकता है, क्या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. एसआईटी ने वन रक्षक भर्ती घोटाले में राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. राज्यपाल ने एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर को खारिज कर दिया था. याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है.