व्यापम घोटाले का खुलासा करने वाले लोगों को जान का खतरा

भोपाल: मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे कल एक साल पूरा हो जाएगा. पिछले साल व्यापम की आंच मुख्यमंत्री शिवराज तक पहुंच गई लेकिन एक साल में ज्यादातर हाईप्रोफाइल आरोपी जेल से बाहर आ गए हैं. ऐसे में व्यापम घोटाले का खुलासा करने वाले लोगों को अब जान का खतरा सताने लगा है. घोटाले का खुलासा करने वाले आनंद राय को जान का भय सता रहा है. व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय का कहना है, ‘’जान का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. मुझे सुरक्षा दी गई है लेकिन परिवार को नहीं. 2500 लोगों से दुशमनी मोल ले रखी है.’’

दो गुना बढ़ गया था पत्रकार अक्षय का दिल!

व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग के दौरान आकस्मिक मौत का शिकार बने दिल्ली के पत्रकार अक्षय सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीबीआई को मिली पीएम रिपोर्ट में अक्षय के दिल का आकार सामान्य से दो गुना बताया गया है। सामान्य दिल का वजन 320 ग्राम होता है जबकि अक्षय का दिल 700 ग्राम पाया गया। हृदय के असामान्य आकार को लेकर विशेषज्ञ कोई कारण तो नहीं बता सके लेकिन मौत की वजह हृदयाघात बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल और विसरा में किसी प्रकार का जहर नहीं पाया गया है।

व्यापमं में उलझे शिवराज का मकसद था मोदी को खुश करना : थानवी

भोपाल। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने विश्व हिंदी सम्मेलन को वैभवशाली बनाए जाने पर कहा है कि इस सम्मेलन को वैभव देकर और पूरे शहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों से रंगकर व्यापम घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी को खुश करने की कोशिश की है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिस्सा लेने आए पत्रकार ओम थानवी ने कहा, “इस सम्मेलन की मुश्किल यह हो गई कि शुरुआत से ही इसका मकसद यह हो गया कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज प्रधानमंत्री मोदी को प्रभावित करेंगे, क्योंकि वे खुद व्यापम घोटाले में फंसे हैं और अगर अपने माई-बाप को प्रभावित करते हैं तो थोड़ा सा तो बचाव है।”

व्यापमं पर खुल गई दावों की पोलपट्टी… ये है हकीकत

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित उनकी पूरी पार्टी भाजपा लगातार ये दावे करती रही है कि व्यापमं कोई बहुत बड़ा महाघोटाला नहीं है और इसकी जांच खुद उन्होंने ही शुरू करवाई। मुख्यमंत्री तो खुद को व्हिसल ब्लोअर भी बताते रहे हैं और पहले सीबीआई जांच से बचते रहे और जब देखा कि सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले को सीबीआई को सौंपने जा रहा है तब आनन-फानन में सीबीआई जांच करवाने का अनुरोध-पत्र सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। सीबीआई ने हालांकि व्यापमं घोटाले की जांच शुरू कर दी है और सुप्रीम कोर्ट तो व्यापमं से अधिक बड़ा और गंभीर घोटाला डीमेट को बता रहा है और इसकी भी सीबीआई जांच होगी। इधर नगरीय निकायों के चुनाव में भाजपा को एक बार फिर जोरदार सफलता मिली, जिसे व्यापमं घोटाले की क्लीन चिट के रूप में भी जमकर प्रचारित किया जा रहा है।

(पढ़ने के लिए उपरोक्त न्यूज क्लीपिंग पर क्लिक कर दें)

 

 

एएमयू के व्यापमं में 25 करोड़ का खेल, मीडिया खामोश, एक ही कमरे के 30 बच्चे बाजी मार ले गए

आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के कुछ बच्चो के अभिभावकों का फोन आया। कहा, “आप अपनी पर वॉल ये मसला डाल दें.. हुक्मरानों की कान में तो जंग पड़ा हुआ है.. शायद आपकी चोट से निकल जाए..?” अरे…पता ही ना था कि अपन इतना मजबूत हो चुके हैं..तो सबसे पहले हर संघर्ष में साथ देने के लिए शुक्रिया मित्रों…और चाहूंगा कि सभी मित्र मुझ पर अपना नैतिक दबाव बनाएं रखें। 

व्यापमं : सुप्रीम कोर्ट ने बिगाड़ दिया रामनरेश की इफ्तार पार्टी का जायका, मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी

मध्य प्रदेश व्यापमं मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां सुकून महसूस कर रहे हैं, वहीं राज्यपाल रामनरेश यादव के दिल की धड़कने बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को पद से हटाने की याचिका पर नोटिस जारी किया है.

यूपी, बिहार के व्यापम की तस्वीर तो और अधिक भयावह

जो कुछ “व्यापम” नाम से मध्य प्रदेश में हुआ और जो अन्य प्रदेशों में भी दूसरे नामों, दूसरे प्रकारों, दूसरी सीमा तक हो रहा है वह भयावह है । बिहार में एक बार में ही चौदह सौ अध्यापक स्वयं नौकरी छोड़ ग़ायब हो गये । ये सब अवैध ढंग से नौकरी में आये थे । उत्तर प्रदेश में एक चौथाई प्राइमरी स्कूलों में डुप्लीकेट अध्यापक तैनात हैं (नौकरी किसी के नाम है पढ़ाने कोई और आता है)।

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला : व्यापमं के सारे मामले सीबीआई को सौंपे, राज्यपाल को भी नोटिस

नई दिल्ली : व्यापमं मामले पर अहम फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सारे मामले सीबीआई को सौंप दिए हैं। हालांकि ये जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगी या नहीं, इसके लिए कोर्ट ने सीबीआई से 24 जलाई तक जवाब मांगा है।

अंदेशा : अक्षय के हाथ लगे थे व्यापम के कुछ अहम सुराग !

क्या अक्षय के हाथ व्यापम घोटाले के कुछ बेहद अहम दस्तावेज़ लगे थे ? क्या अक्षय का मध्य प्रदेश में पीछा किया जा रहा था ? एम्स अस्पताल के पूर्व सतर्कता प्रमुख संजीव चतुर्वेदी के मुताबिक अक्षय से बात करने वाले वो आखिरी लोगों में से एक थे. संजीव का कहना है की उनकी शनिवार की सुबह 9.30 के आस पास फ़ोन पर अक्षय से एक खबर को लेकर बातचीत हुई. 

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच कराने को तैयार हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान, हाईकोर्ट से करेंगे सिफारिश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्यापमं घोटाले की सीबीआई से जांच कराने का घोषणा कर दी है। प्रदेश सरकार इसके लिए हाईकोर्ट में सिफारिश करेगी। गत दिनो इसी घोटाले की कवरेज करने मध्य प्रदेश गए आज तक के रिपोर्टर अक्षय सिंह की संदिग्ध हालात मे जान चली गई थी। अब तक लगभग 46 लोग इस घोटाले के षड्यंत्रकारियों के खूनी कारनामों की भेट चढ़ चुके हैं। चौहान ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा कि मैं रातभर नहीं सोया और जागता रहा। उन्‍होंने कहा कि मेरा निवेदन है कि सीबीआई से जांच कराई जाए। उनका कहना है कि व्‍यापम घोटाले की सीबीआई जांच के लिए वो हाईकोर्ट से अपील करेंगे।

अक्षय पर बाय लाइन पाने की होड़ में व्यापमं और मीडिया का सच

जयदीप कर्णिक : मैं अक्षय सिंह को नहीं जानता। ऐसे ही मैं निर्भया, आरुषि और जेसिका लाल को भी नहीं जानता था। मैं तो तेजस्वी तेस्कर को भी नहीं जानता। इन सबमें क्या समानता है? और इस सबका राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म रंग दे बसंती से क्या लेना-देना है? अगर आपने फिल्म देखी है और पिछले दो दिन में अचानक व्यापमं घोटाले को मिली राष्ट्रव्यापी कवरेज को आप देख रहे हैं तो आप ख़ुद ही तार आपस में जोड़ लेंगे।

बरखा दत्त से व्हिसिल ब्लोअर आशीष ने कहा- ‘मुख्यमंत्री शिवराज न सिर्फ व्यापमं घोटाले में शामिल हैं, बल्कि आरोपी भी हैं’

ग्वालियर : व्यापमं घोटाले के कवरेज के लिए दिल्ली से गए पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी खलबली है। एनडीटीवी की कंसल्टेंट एडिटर बरखा दत्त ने ग्वालियर में व्यापमं घोटाले के चार व्हिसिल ब्लोअर में से एक आशीष चतुर्वेदी से बातचीत की। आशीष चतुर्वेदी ने बरखा दत्त को बताया, इस मामले को उजागर करने के कारण उनकी भी जान को खतरा है और उन पर पहले भी कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। आशीष के मुताबिक, जिस तरह से एक के बाद एक इस मामले से जुड़े 44 लोगों की हत्या की जा चुकी है, वैसे में वह भी हर वक्त़ डर के साये में जीने को मजबूर हैं कि कहीं उनकी जान न चली जाए।

कुमार विश्वास ने व्यापमं घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में लगाई जनहित याचिका

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता डा कुमार विश्वास ने कुख्यात व्यापमं घोटाले में बरती जा रही लापरवाही और घोटाले की जाँच से जुड़े पैंतालीस से ज़्यादा लोगों की संदिग्ध मृत्यु पर मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। कुमार विश्वास ने सोमवार की दोपहर एक जनहित याचिका के माध्यम से उच्चतम न्यायलय से गुहार लगाई है कि वो इस पूरे मामले का संज्ञान लें और इस जाँच प्रक्रिया को तत्काल अपने नियंत्रण में लें ताकि मौतों के सिलसिले और इस घोटाले की निष्पक्ष जाँच हो सके।

व्यापमं घोटालेबाजों ने अबकी पत्रकार अक्षय का किया शिकार… अब तो जागो हिंदुस्तान!

Yashwant Singh :  व्यापमं घोटाला कवर करने गए आजतक के स्पेशल करेस्पांडेंट अक्षय सिंह की झाबुआ में लाश मिली… ये घोटाला कितने लोगों की जान लेगा और इस पर कब तक मौन साधे रहेंगे नरेंद्र मोदी व शिवराज सिंह चौहान… यह घोटाला तो सभी घोटालों का बाप साबित हो चुका है क्योंकि इसके असली बड़े आरोपियों को बचाने की कवायद में दनादन हत्याएं मौतें लाशें बिछ रही हैं… आजतक के एसआईटी हेड अक्षय के मारे जाने से पूरा प्रकरण अब बेहद अहम मोड़ ले चुका है… अब तो इन भाजपाइयों को शेम शेम कहना होगा… किस मुंह से ये न खाने और न खाने देने की बात कहते हैं… ये तो न सिर्फ खाते हैं बल्कि जो इनके खाने की पोल खोलता है उसे मार डालते हैं… शेम शेम…

व्यापमं घोटाला कवर करने गए आजतक के स्पेशल करेस्पांडेंट और एसआईटी हेड अक्षय सिंह की झाबुआ में लाश मिली

मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले को कवर करने गए आजतक न्यूज चैनल के स्पेशल करेस्पांडेंट अक्षय सिंह की झाबुआ में मौत हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि व्यापमं घोटाले के उन बड़े आरोपियों ने अक्षय को ठिकाने लगाया है जो इस घोटाले से जुड़े अब तक दर्जनों लोगों को निपटा चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक अक्षय के हाथ व्यापमं घोटाले की ढेर सारी बातें हाथ लग गई थीं और वह पीड़ित परिवारों के इंटरव्यू कर रहे थे. कहा जा रहा है कि उन्हें खाने में जहर देकर मारा गया है. बेहद हट्टे कट्टे मजबूत कद काठी वाले अक्षय सिंह आजतक में करीब चार पांच वर्षों से कार्यरत थे.

व्यापम घोटाले का पैसा मध्य प्रदेश के एक शाम के अख़बार में लगा!

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े घोटाला व्यापम का पैसा एक शाम के अखबार में लगा होने की खबर ने सबको चौंका दिया है। STF को भी इस बात की जानकारी थी। लेकिन अब उसके हाथ अहम दस्तावेज़ भी लग गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि STF को जानकारी मिली है कि सुधीर शर्मा का व्यापम घोटाले से कमाया हुआ काफी पैसा भोपाल से निकलने वाले शाम के एक अखबार में लगाया गया है।