Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

दैनिक जागरण और नईदुनिया से दो माह में करो मजीठिया वाले पैसे की वसूली : हाईकोर्ट

शशिकान्त सिंह

वसूली कर जमा करनी होगी कंप्लायंस रिपोर्ट

Advertisement. Scroll to continue reading.

ग्वालियर। मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ की डबल बेंच ने मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दो माह में दैनिक जागरण और नईदुनिया से अवार्ड की वसूली कर कर्मचारियों को दिलाने का ऐतिहासिक आदेश सोमवार 4 अक्टूबर को पारित किया है। माननीय जस्टिस श्री शील नागू की बेंच ने शासन को आदेश दिया है कि 31 दिसम्बर तक जागरण से मजीठिया अवार्ड की राशि वसूल की जाए। साथ ही जनवरी के दूसरे सप्ताह में हाईकोर्ट में कम्प्लायंस रिपोर्ट जमा की जाए।

दरअसल दैनिक जागरण ग्रुप के अधीन आ चुके नईदुनिया अखबार के अनेक कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2017 में राज्य सरकार से ग्वालियर लेबर कोर्ट में मामले रेफर होने के बाद क्लेम पेश किया था। कोर्ट में करीब 2 साल मामला चला।

नईदुनिया ने यहां 20जे को लेकर आपत्ति ली और इस आधार पर केस खारिज किये जाने को मुख्य आधार बनाया। लेकिन श्रम न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश श्री कुबेरचन्द यादव ने 20जे को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ठीक नहीं माना। उन्होंने व्याख्या की कि निर्धारित वेतन से कम पर 20जे का कोई औचित्य नहीं है। इस तरह लेबर कोर्ट ने 10 कर्मचारियों के पक्ष में करीब ढाई करोड़ के आवर्ड अगस्त 2019 में पारित किए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अवार्ड पारित होने के बाद कर्मचारियों ने जागरण के एमडी महेंद्र मोहन, सीईओ संजय गुप्त समेत अन्य को लीगल नोटिस भेजकर अवॉर्ड का पालन करने की अपील की। लेकिन मालिक के चाटुकारों ने इन अहंकारी और धृतराष्ट्र मालिकों के सामने कोई नई गोटी फेंक दी। अहंकारी मालिकों ने करीब दो साल तक लेबर कोर्ट के आदेश की पालना तक नहीं की। चाटुकारों ने धृतराष्ट्र को भरोसा दिलाया था कि आपका कुछ नहीं होगा हम हैं न।

कर्मचारियों के जज्बे से निकला जीत का रास्ता

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस मामले में कर्मचारियों का जज्बा और अधिवक्ताओं के उचित मार्गदर्शन ने जीत का रास्ता आसान बना दिया। कर्मचारियों ने 2 साल तक धैर्य रखा और शासन में उच्च स्तर तक वसूली के लिए कागजी कार्रवाई करते रहे। चूंकि मामला अखबार से जुड़ा था जिसके कारण वसूली को लेकर शासन हीलाहवाली करता रहा। इसके बाद कर्मचारियों ने अगस्त में हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में रिट फाइल की। मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के हक में आदेश दिया है।

शशिकान्त सिंह
पत्रकार, मजीठिया क्रांतिकारी तथा आरटीआई कार्यकर्ता
मुंबई
9322411335

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement