यशवंत भाई,
राजनीतिक पार्टी शुरू करने के लिए बधाई। आपके जन सरोकारी विचारों का हम आदर करते हैं। लेकिन मेरे मन में कुछ बातें हैं जिन्हें साझा करना चाहता हूं। पहला तो यह कि यदि आप ईमानदारी से आगे बढ़ेंगे तो बेईमान प्रजाति के लोग आपके ऊपर हमला करने से नहीं चूकेंगे। आपको मटियामेट कर देना चाहेंगे ताकि उनका खेल चलता रहे, बेहिसाब गति से अकूत संपत्ति आती रहे और वे ताकतवर भी बने रहें।
दूसरे, आप यदि राजनीति में आगे बढ़ें, नाम- यश औऱ बढ़े- फैले तो आम आदमी की तकलीफ न भूलें। तमाम वादे करके अनेक पार्टियां सत्ता में आईं, लेकिन भारत जैसे देश में पीने का पानी बिक रहा है, सार्वजनिक फिल्टर्ड वाटर का प्लांट किसी सरकार ने नहीं लगाया। आपको फिल्टर लगाना है तो अपने खर्चे से लगाइए। यह लोकतंत्र है। सरकारी अस्पतालों का हाल कोई भी देख सकता है।
क्या फर्क पड़ा- चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भारतीय जनता पार्टी की? जेलों की हालत देखिए। वहां का भ्रष्टाचार अलग किस्म का है। मैं तो पत्रकार के नाते देख- सुन आया हूं। अगर भ्रष्टाचार नहीं है तो शातिर अपराधियों के पास मोबाइल फोन (या सेल फोन) कैसे आ जाता है? फिर बाद में कैसे जब्त होता है? ऐसी घटनाएं तो हम अक्सर अखबारों में पढ़ ही रहे हैं। अब आइए स्कूलों, कालेजों की तरफ। वहां दाखिले (या एडमिशन) को लेकर भयानक स्थिति है। नए स्कूल या कालेज आबादी के नाम पर खुल नहीं रहे हैं औऱ वहां एडमिशन गोल्ड मेडल पाने जैसी घटना हो गई है। दाखिले के मौसम में अनेक छात्र एडमिशन के लिए भटकते मिलेंगे।
बुनियादी सुविधाएं पाना छोटे शहरों में कठिन है। खाना पकाने की गैस आसानी से वहां नहीं मिलती। आज भी लोग भीषण गर्मी औऱ धूप में लाइन लगा कर खड़े होते हैं। कोई माकूल इंतजाम वहां नहीं हो पाया है। आखिर गैस के लिए वहां इतनी परेशानी क्यों होनी चाहिए? है कोई सुनने- देखने वाला? इसी तरह आधार कार्ड का पता बदलवाना है तो छोटे शहरों में लोग भटकते रहते हैं।
हजार- हजार समस्याएं हैं। बाजार में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली हजार- हजार चीजें होंगी। अभी तो उत्तर प्रदेश में सिर्फ मैगी के नूडल्स का मामला सामने आया है। बाजार मनमाना है। कुछ भी बेच दो। कोई राजनीतिक पार्टी इस पर ध्यान नहीं देती। बस सिर्फ इस पर टिप्पणी जरूर होती है कि अमुक सूट- बूट पहनते हैं, तो अमुक जगह की महिलाएं सांवली लेकिन सुंदर होती हैं तो अमुक अंडरवियर नहीं पहनते। ये सब लोग राजनीति में अघाए हुए हैं और आम जनता के दुख- दर्द से मुंह मोड़ कर एक कृत्रिम संसार में रहते हैं। सिर्फ अपने निजी हितों के प्रति जागरूक औऱ जरूरत से ज्यादा सतर्क।
उम्मीद है कि ऐसे लोगों को अपनी पार्टी में लेने से आप परहेज करेंगे। आपकी पार्टी में जनहित से सरोकार रखने वाले लोग रहें। पूरी ईमानदारी से देश का भविष्य बनाएं। नहीं तो आपकी पार्टी लीक से हट कर नहीं हो पाएगी। जहां भी भ्रष्टाचार हो, वहां हल्लाबोल हो (लेकिन हिंसा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए), जहां भी अव्यवस्था हो वहां आपकी पार्टी के प्रतिनिधि जाएं। हालात का जायजा लें औऱ तत्काल रिपोर्ट बना कर आपको दें औऱ संबंधित विभाग को भी दें। इसके लिए एक अलग से वेबसाइट खोलना हो तो वह भी ठीक है। हर चीज अव्यवस्थित है। इसे पटरी पर लाना जरूरी है। महंगाई पर काबू नहीं है। चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं और पैकेटों का वजन कम होता जा रहा है। मैं हार्लिक्स लाइट खरीदने गया तो दुकानदार कह रहा था कि दाम बढ़ गया है। अजीब हाल है? क्या महंगाई बढ़ने का कोई गणित आम आदमी कभी नहीं समझ पाएगा? क्या महंगाई कब बढ़ जाएगी, यह अनिश्चित है? आखिर सरकार क्या कंट्रोल कर रही है?
आपको इन सब चीजों पर पैनी निगाह रखनी होगी। बेदाग लोगों की पार्टी बना औऱ चला कर आप भी देश को दिखा दीजिए। यही आपकी चुनौती है।
विनय बिहारी सिंह से संपर्क : [email protected]
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